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बांसवाड़ा : ड्रॉपआउट बच्चे फिर से स्कूलों की राह पर, 5 दिन में 15 हजार नए एडमिशन का लक्ष्य

बांसवाड़ा में सरकारी स्कूलों में शिक्षक गांव गलियों में घूमकर ड्रॉपआउट बच्चों को फिर से स्कूलों का रास्ता दिखा रहे हैं. शिक्षक ना केवल ऐसे बच्चों का हर एक घर में जाकर सर्वे कर रहे हैं, बल्कि उनके अभिभावकों को प्रोत्साहित भी कर रहे हैं.

ड्रॉपआउट बच्चों के पास फिर से स्कूल जाने का अवसर
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Published : Jul 25, 2019, 11:41 PM IST

बांसवाड़ा. शिक्षा विभाग के अनुसार प्रवेश उत्सव के तहत बच्चों को अधिकाधिक जोड़ने के लिए तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. जिले में वर्तमान में करीब 3,00,000 बच्चे अध्यनरत हैं. विभाग की ओर से किसी ना किसी कारण से स्कूल छोड़ चुके बच्चों को फिर से स्कूल लाने की दिशा दिखाई जा रही है.

बता दें कि लगभग 10 परसेंट नए बच्चों के प्रवेश का लक्ष्य दिया गया है. बांसवाड़ा जिले को लगभग 37,000 नए एडमिशन का टारगेट दिया गया है. विभाग अब तक 25,000 एडमिशन करवा चुका है. यह लक्ष्य 31 जुलाई तक पूरा किया जाना है जबकि लक्ष्य पाने के लिए विभागीय अधिकारियों के पास 5 दिन शेष रहे हैं.

ड्रॉपआउट बच्चों के पास फिर से स्कूल जाने का अवसर

इसे लेकर अधिकारी भी खासा चिंतित हैं. पता चला है कि अधिकांश बच्चों का एडमिशन हो चुका है और ड्रॉपआउट बच्चों को फिर से स्कूल की राह दिखा दी गई है. वहीं अधिकारियों को टेंशन यह है कि गली मोहल्लों में ड्रॉपआउट बच्चे नजर नहीं आ रहे हैं, ऐसे में लक्ष्य कैसे पूरा कर पाएंगे.

शिक्षकों के साथ विभागीय अधिकारी भी टेंशन में दिखाई दे रहे हैं. मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी एंजेलिका पलाट के अनुसार उन्होंने विभाग की ओर से आवंटित लक्ष्य का 60 प्रतिशत हासिल कर लिया है. प्रिंसिपल से नोडल अधिकारी और ब्लॉक शिक्षा अधिकारी से लेकर जिला शिक्षा अधिकारी तक इसकी प्रतिदिन मॉनिटरिंग की जा रही है. उन्होंने कहा कि फिलहाल उनका एकमात्र मकसद लक्ष्य हासिल करना है और हमें उम्मीद है कि 31 जुलाई तक टारगेट का बड़ा हिस्सा हासिल कर लिया जायेगा.

बांसवाड़ा. शिक्षा विभाग के अनुसार प्रवेश उत्सव के तहत बच्चों को अधिकाधिक जोड़ने के लिए तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. जिले में वर्तमान में करीब 3,00,000 बच्चे अध्यनरत हैं. विभाग की ओर से किसी ना किसी कारण से स्कूल छोड़ चुके बच्चों को फिर से स्कूल लाने की दिशा दिखाई जा रही है.

बता दें कि लगभग 10 परसेंट नए बच्चों के प्रवेश का लक्ष्य दिया गया है. बांसवाड़ा जिले को लगभग 37,000 नए एडमिशन का टारगेट दिया गया है. विभाग अब तक 25,000 एडमिशन करवा चुका है. यह लक्ष्य 31 जुलाई तक पूरा किया जाना है जबकि लक्ष्य पाने के लिए विभागीय अधिकारियों के पास 5 दिन शेष रहे हैं.

ड्रॉपआउट बच्चों के पास फिर से स्कूल जाने का अवसर

इसे लेकर अधिकारी भी खासा चिंतित हैं. पता चला है कि अधिकांश बच्चों का एडमिशन हो चुका है और ड्रॉपआउट बच्चों को फिर से स्कूल की राह दिखा दी गई है. वहीं अधिकारियों को टेंशन यह है कि गली मोहल्लों में ड्रॉपआउट बच्चे नजर नहीं आ रहे हैं, ऐसे में लक्ष्य कैसे पूरा कर पाएंगे.

शिक्षकों के साथ विभागीय अधिकारी भी टेंशन में दिखाई दे रहे हैं. मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी एंजेलिका पलाट के अनुसार उन्होंने विभाग की ओर से आवंटित लक्ष्य का 60 प्रतिशत हासिल कर लिया है. प्रिंसिपल से नोडल अधिकारी और ब्लॉक शिक्षा अधिकारी से लेकर जिला शिक्षा अधिकारी तक इसकी प्रतिदिन मॉनिटरिंग की जा रही है. उन्होंने कहा कि फिलहाल उनका एकमात्र मकसद लक्ष्य हासिल करना है और हमें उम्मीद है कि 31 जुलाई तक टारगेट का बड़ा हिस्सा हासिल कर लिया जायेगा.

Intro:बांसवाड़ाl हिंदी में सरकारी स्कूलों में शिक्षक वर्ग गांव गलियों में घूमकर ड्रॉपआउट बच्चों को फिर से स्कूलों का रास्ता दिखा रहे हैंl शिक्षक न केवल ऐसे बच्चों का ना केवल हर एक घर में जाकर सर्वे कर रहे हैं बल्कि उनके अभिभावकों को प्रोत्साहित भी कर रहे हैंl


Body:शिक्षा विभाग के अनुसार प्रवेश उत्सव के तहत बच्चों को अधिकाधिक से जुड़ने के लिए तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैंl जिले में वर्तमान में करीब 300000 बच्चे अध्यनरत हैl विभाग द्वारा किसी न किसी कारण से स्कूल छोड़ चुके बच्चों को फिर से स्कूल लाने की दिशा दिखाई जा रही हैl लगभग 10 परसेंट नए बच्चों के प्रवेश का लक्ष्य दिया गया हैl बांसवाड़ा जिले को लगभग 37000 नए एडमिशन का टारगेट दिया गया हैl विभाग अब तक 25000 एडमिशन करवा चुका हैl यह लक्ष्य भी 31 जुलाई तक पूरा किया जाना है जबकि लक्ष्य पाने के लिए


Conclusion:विभागीय अधिकारियों के पास 5 दिन शेष रहे हैंl इसे लेकर अधिकारी भी खासा चिंतित हैl पता चला है कि अधिकांश बच्चों का एडमिशन हो चुका है और ड्रॉपआउट बच्चों को फिर से स्कूल की राह दिखा दी गई हैl अधिकारी को टेंशन यह है कि गली मोहल्लों में ड्रॉपआउट बच्चे नजर नहीं आ रहे हैंl ऐसे में लक्ष्य कैसे पूरा कर पाएंगे शिक्षकों के साथ विभागीय अधिकारी भी खा से टेंशन में दिखाई दे रहे हैंl मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी एंजेलिका पलाट के अनुसार हमने विभाग द्वारा आवंटित लक्ष्य कार 60 प्रतिशत से अधिक हासिल कर लिया हैl प्रिंसिपल से नोडल अधिकारी और ब्लॉक शिक्षा अधिकारी से लेकर जिला शिक्षा अधिकारी तक इसकी प्रतिदिन मॉनिटरिंग की जा रही हैl फिलहाल हमारा एकमात्र मकसद लक्ष्य हासिल करना है और हमें उम्मीद है कि 31 जुलाई तक टारगेट का बड़ा हिस्सा हासिल कर लेंगेl

बाइट.... एंजेलिका पलाट मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी
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