अलवर. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में देश भर में 5 सैनिक स्कूल खोलने की घोषणा है. सैनिक स्कूल के लिए राज्य सरकार को जमीन और भवन निर्माण के लिए बजट देना होगा. इस घोषणा से एक बार फिर से अलवर में सैनिक स्कूल खुलने की आस जगी है. 2014 में भी यूपीए सरकार ने अलवर में सैनिक स्कूल खोलने की घोषणा की थी.
तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उसके लिए मालाखेड़ा के समीप हल्दीना में 23.92 हेक्टेयर जमीन भी आवंटित की थी, लेकिन उसके बावजूद स्कूल शुरू नहीं हो पाए. लेकिन इस बार उम्मीद है कि केंद्र सरकार की घोषणा पूरी हो पाएगी. अलवर से बड़ी संख्या में युवा सेना में भर्ती होते हैं. ऐसे में सैनिक स्कूल खुलने से सेना में उच्च पद पर भी अलवर के युवा पहुंच सकेंगे.
अलवर के पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के कार्यकाल में सैनिक स्कूल की घोषणा की गई थी. उसके बाद जमीन आवंटन प्रक्रिया हुई. स्कूल बनता उससे पहले केंद्र और राज्य में सरकार बदल गई. राज्य की वसुंधरा सरकार ने आवंटित जमीन के एक करोड़ रुपए मांगे.
इस पर केंद्र ने पैसे देने से इनकार कर दिया था. उसके बाद बानसूर में स्कूल खोलने की चर्चा हुई. लेकिन वो चर्चा ही बन के रह गई. इससे पहले ही राज्य और केंद्र सरकार के सैनिक स्कूल के लिए निशुल्क जमीन आवंटी की सहमति बनी थी.हल्दीना गांव के लोगों ने बताया कि 2013 में तत्कालीन रक्षा राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने हल्दीना में सैनिक स्कूल खोलने की स्वीकृति दिलाई थी. उस समय करीब 95 बीघा जमीन सैनिक स्कूल के नाम आरक्षित भी की गई. लेकिन वसुंधरा सरकार आते ही भूमि के पैसे केंद्र सरकार से मांगे गए.
भाजपा जिलाध्यक्ष संजय नरूका ने बताया कि देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अलवर सहित देश के 5 शहरों में नई सैनिक स्कूल खोलने की घोषणा की है. यह बड़ी बात है क्योंकि एक प्रदेश में एक ही सैनिक स्कूल होती है. ऐसे में केंद्र सरकार ने अलवर में सैनिक स्कूल खोलने की घोषणा करके अलवर की जनता को बड़ा तोहफा दिया है. उन्होंने कहा कि इसी तरह से आगे भी केंद्र सरकार की ओर से अलवर में कई बड़ी योजनाएं शुरू की जाएंगी.