नागौर. गर्मियों का सीजन शुरू होने के साथ ही एक बार फिर से पानी की समस्या उठाने लगी है. जायल तहसील के ग्रामीण इन दिनों पेयजल संकट से जूझ रहे हैं. नागौर जिले के जायल उपखण्ड के तंवरा और रोटू के साथ राजोद के मेघवालों की ढाणी, कड़वासरा की ढाणी सहित तमाम इलाके ऐसे हैं, जहां पर पर्याप्त जलापूर्ति नहीं होने के चलते आम जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो चुका है. महिलाओं को घरेलू कार्य के लिए भी पानी पर्याप्त उपलब्ध नहीं है.
यही वजह है कि यहां पर लोगों में जलदाय विभाग और जिला प्रशासन के खिलाफ आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है. इस पूरे मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जिला परिषद के सदस्य डॉक्टर सहदेव चौधरी ने जिला प्रशासन से वार्ता करके अति शीघ्र समस्या का समाधान करने की मांग की है. उन्होंने बताया कि जायल तहसील के कई गांवों में पेयजल संकट गहराया हुआ है. आम लोगों के साथ ही पशुपालक किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
पशुओं की प्यास बुझाने के लिए किसानों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. नागौर जिला प्रशासन और जलदाय विभाग से पर्याप्त जलापूर्ति की सप्लाई शुरू कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि हर वर्ष जलदाय विभाग के द्वारा गर्मियों के सीजन में पर्याप्त जल आपूर्ति को लेकर टैंकर के माध्यम से पानी की सप्लाई करवाई जाती है, लेकिन इस बार जलदाय विभाग के तमाम दावे फेल हो चुके हैं.
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ग्रामीण क्षेत्र की जनता पानी की समस्या से पूरी तरह से त्रस्त है. उन्होंने कहा कि यह जलदाय विभाग की नाकामी है कि वह गर्मियों के सीजन से ठीक पहले पर्याप्त जल आपूर्ति को लेकर जलदाय विभाग की कोई योजना नहीं बना पाई. ग्रामीण क्षेत्र की कई ढाणियों में अब तक भी इंदिरा गांधी नहर योजना का मीठा पानी नहीं पहुंचा है. जिला प्रशासन से भी कई बार अवगत कराने के बाद भी यह समस्या जस की तस बनी हुई है. ग्रामीणों ने बताया कि टैंकरों से जलापूर्ति के लिए लिखा जा चुका है, लेकिन टैंकरों की व्यवस्था नहीं हुई है. नहरीबंदी में पानी आपूर्ति बन्द होने के बाद से ही पेयजल की किल्लत बरकरार है.