नागौर. टिड्डी दल के हमले की समस्या जिले में भयानक रूप लेती जा रही है. हालात यह है कि बीते 48 दिन में जिलेभर में टिड्डी दल के हमले के 107 मामले सामने आए हैं. यानी एक दिन में दो-तीन जगहों पर टिड्डी दल के हमले की घटना सामने आ रही हैं. इस भयानक होती समस्या पर काबू पाने के लिए अब ड्रोन की मदद ली जा रही है. आसमान में उड़ रही टिड्डियों पर ड्रोन से दवा का छिड़काव कर नष्ट किया जा रहा है.
कृषि विभाग के उपनिदेशक हजारीराम चौधरी ने बताया कि नागौर जिले के लिए 5 ड्रोन स्वीकृत हुए हैं, इनमें से 3 ड्रोन मिले हैं. इनकी मदद से टिड्डियों पर दवा का छिड़काव कर उन्हें नष्ट किया जा रहा है. ड्रोन खास तौर पर उन इलाकों में ज्यादा कारगर साबित हो रहा है जो ऊंचाई पर हैं और जहां ट्रैक्टर या अन्य साधन ले जाना मुश्किल होता है.
बता दें कि ड्रोन में दस लीटर की एक टंकी होती है, जिसमें दवा और पानी भरकर उसे उड़ाया जाता है. जहां टिड्डियों का जमावड़ा होता है वहां ड्रोन से दवा का छिड़काव कर टिड्डियों को नष्ट किया जा रहा है. ग्रामीणों के सहयोग से ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रे की मदद से भी टिड्डियों को नियंत्रित किया जा रहा है. इसके साथ ही नागौर में 20 स्प्रे मशीन पहुंची है जो उन इलाकों में भेजी जाएंगी, जहां किसानों के पास ट्रैक्टर तो हैं लेकिन स्प्रे मशीन नहीं हैं. इन मशीनों की मदद से ऐसे इलाकों में टिड्डियों पर नियंत्रण करना भी अब आसान होगा.
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कृषि विभाग के आंकड़े बताते हैं कि जिले में 23,100 हेक्टेयर इलाके में सर्वे किया जा चुका है. इसमें से 9478 हेक्टेयर में कृषि विभाग की ओर से टिड्डियों को नष्ट किया गया है. अभी तक 1980 किसानों की 4915 हेक्टेयर जमीन पर टिड्डियों को कृषि विभाग ने नष्ट किया है. इसके अलावा 4570 हेक्टेयर ऐसी जमीन है, जो सरकारी खाते में दर्ज है. वहां भी टिड्डियों को नियंत्रित किया गया है. टिड्डियों को नष्ट करने के लिए अब तक 3470 लीटर दवा का छिड़काव किया जा चुका है.