इटावा (कोटा). जिले के सुल्तानपुर कस्बे के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक बार फिर बिगड़ी स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुल गई. यहां बुधवार देर रात्रि एक वृद्धा महिला की समय पर ऑक्सीजन गैस नहीं मिलने मौत हो गई. जिसके बाद मृतका वृद्धा के परिजनो ने अस्पताल मे हंगामा कर दिया.
सूचना मिलते ही सुल्तानपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत किया. इसके बाद परिजनो द्वारा पुलिस को लिखित रिर्पोट देकर चिकित्सालय प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. इस दौरान करीबन 45 मिनट तक चिकित्सालय में परिजनो ने हंगामा किया.
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यह था पूरा मामला...
जानकारी मुताबिक कस्बे के वार्ड संख्या 25 वाल्मीकि मोहल्ले निवासी 40 वर्षीय वृद्धा रामभरोसी बाई को परिजन बुधवार देर रात्रि पौने 10 बजे तबीयत खराब होने पर चिकित्सालय लेकर आएं. जहां कार्यरत चिकित्सक डा. प्रतीक परिहार द्वारा वृद्धा का उपचार कर उसे ऑक्सीजन की जरूरत बताई और चिकित्सालय से ऑक्सीजन गैस सिलेंडर लगाया, लेकिन 2 मिनट बाद ही सिलेंडर खाली हो गया.
इसके बाद मौजूद चिकित्साकार्मिको ने पास ही रखे 2 ऑक्सीजन सिलेंडर जोड़ कर देखे तो उसमे भी गैस खत्म मिली. इसके बाद आनन-फानन में एनबीएसयू कक्ष से गैस सिलेंडर लाया गया, लेकिन उसका भी रेगुलेटर खराब मिला. इस दौरान वृद्धा ऑक्सीजन के लिए तड़पती रही. बाद में स्टोर रूम मे ताले में रखे सिलेंडर लाया गया, लेकिन तब तक वृद्धा ने दम तौड़ दिया था. परिजनों के मुताबिक चिकित्साकार्मिक करीबन 15 मिनट तक ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए इधर से उधर चक्कर काटते रहे. जिससे वृद्धा की मौत हुई. इसके बाद परिजनो ने हंगामा कर दिया.
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खरी-खोटी सुनाई, किया हंगामा
लापरवाही से वृद्धा की मौत से नाराज परिजनों ने चिकित्सालय में हंगामा कर दिया. वहां कार्यरत चिकित्सक समेत चिकित्साकार्मिको को खूब खरी खोटी सुनाई गई. वहीं पूरे चिकित्सालय की स्वास्थ्य सेवा बिगड़ी हुई होने का आरोप लगाया. सूचना मिलते ही सुल्तानपुर एएसआई कमलप्रकाश मय जाप्ते के मौके पर पहुंचे और परिजनो को शांत किया. इसके बाद मृतका वृद्धा के बेटे सत्यनारायण झावा द्वारा लिखित रिपोर्ट देते हुए लापरवाह दोषी चिकित्साकार्मिक पर कार्रवाई की मांग की.
तो बच जाती वृद्धा की जान...
मृतका के परिजन बंटी झावा, गिरिराज और सत्यनारायण ने बताया कि यदि समय पर ऑक्सीजन गैस मिल जाती तो उनकी मां की जान बच जाती. गैस सिलेंण्डर खाली पड़े हुए थे, लेकिन किसी ने उनकी सारसंभाल तक नहीं की. ऐसे में जिम्मेदारों की लापरवाही से एक जान चली गई.
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वहीं चिकित्सा प्रभारी गिर्राज मीणा के अनुसार जब तक वृद्धा को श्वास और बीपी समस्या थी और उसे जब आक्सीजन गैस की जरूरत पड़ी, तो सिलेंडर में गैस खत्म हो गई थी. जब तक स्टोर रूम से गैस लाई गई, तब तक वृद्धा ने दम तोड़ दिया था अन्यथा इलाज में कोई कोताही नहीं बरती गई है.