कोटा. नगर निगम चुनाव को लेकर कांग्रेस के पर्यवेक्षक शुक्रवार को कोटा पहुंचे. इस दौरान उन्होंने बूंदी रोड स्थित निजी रिसोर्ट में कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं के साथ रायशुमारी की. इस रायशुमारी के बीच में उन्होंने मीडिया से भी बातचीत की. जिसमें उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं के लिए अभी कोई पैरामीटर तय नहीं किए हैं कि किन को टिकट मिलेगा. वार्डों का नया सीमांकन हुआ है, इसके चलते भौगोलिक स्थिति को समझते हुए ही टिकट बांटे जाएंगे.
हालांकि कि जब मीडिया ने पूछा कि जो लोग पिछले कार्यकाल में फैल रहे हैं. वहीं आपराधिक रिकॉर्ड वाले भी लोग हैं, उनको टिकट मिलेगा या नहीं. इस पर जवाब देते हुए कांग्रेस की एआईसीसी की सचिव और कोटा की पर्यवेक्षक सोनल पटेल ने कहा कि इसके लिए अभी हम पूरा एनालिसिस करेंगे और ऐसे लोगों को छांटा भी जाएगा.
नगर निगम चुनाव में मुद्दों की बात करते हुए कोटा के प्रभारी मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि विकास ही हमारा पहला मुद्दा है. कांग्रेस शासन में शहर का विकास लगातार करवा रहे हैं, लेकिन जब ईटीवी भारत ने उनसे पुछा कि विधानसभा चुनाव में निजी बिजली कंपनी केईडीएल को कोटा से विदा करने का वादा जनता से किया था. इस पर प्रभारी मंत्री कटारिया ने कहा कि उन्हें इस संबंध में जानकारी नहीं है.
इसी बीच कोटा शहर जिलाध्यक्ष रविंद्र त्यागी बोलने लगे कि उनका मुद्दा पहले भी केईडीएल को कोटा से भगाने का है और इसके लिए सरकार हर स्तर पर प्रयास कर रही है. निजी बिजली कंपनी स्मार्ट मीटर के नाम पर लोगों को लूटा है और उसके खिलाफ हमने चार से पांच एफआईआर भी करवाई है.
लगातार हम कोटा की जनता से किए वादे को पूरा करने में जुटे हुए हैं और इस बार नगर निगम चुनाव में भी यह मुद्दा हमारा रहने वाला है. रविंद्र त्यागी ने कहा कि केईडीएल के मुद्दे पर हम ने आंदोलन किया था और भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी. तब यह निजी बिजली कंपनी कोटा में लाई गई थी. इसके 20 साल के एग्रीमेंट कि हम पूरी स्टडी कर उसे खत्म करने के लिए प्रयास लगातार कर रहे हैं.