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सरकार के पास सदन के अंदर और बाहर किसी भी सवाल का जवाब नहीं : सतीश पूनिया

सतीश पूनिया ने कहा कि मेज नदी वाली घटना बड़ी दुखान्तिका थी, मुझे लगता है कि पूरे देश और प्रदेश में सड़क सुरक्षा एक सबक है. इस तरह की घटनाएं निश्चित रूप से सबक देती हैं. घटनाएं इसलिए खटकती हैं कि हम लोग इतिहास से सबक नहीं लेते हैं. हर साल 10 हजार से ज्यादा लोग इस तरह की घटनाओं में काल कल्वित होते हैं.

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भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया कोटा पहुंचे
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Published : Mar 4, 2020, 12:42 PM IST

कोटा. भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया बुधवार को कोटा दौरे पर आए. यहां पर वह मेज नदी दुखांतिका परिवारों से मिलेंगे. साथ ही शोक संवेदना व्यक्त करेंगे. इसके अलावा अस्पताल में भर्ती घायलों की भी कुशलक्षेम पूछेंगे.

मीडिया से बातचीत करते हुए पूनिया ने कहा कि यह बड़ी दुखान्तिका थी, मुझे लगता है कि पूरे देश और प्रदेश में सड़क सुरक्षा एक सबक है. इस तरह की घटनाएं निश्चित रूप से सबक देती है. यह घटनाएं इसलिए घटती है कि हम लोग इतिहास से सबक नहीं लेते हैं. हर साल 10 हजार से ज्यादा लोग इस तरह की घटनाओं में काल कल्वित होते हैं. इस तरह के हादसों पर सरकार कानून बनाती है, सामाजिक तौर पर भी जागरूकता के प्रयास होते हैं, पर मुझे लगता है भविष्य में इस तरह की घटनाएं नहीं हुए इसके लिए कोई सार्थक प्रयासों की जरूरत है, जो सामाजिक चेतना से हो या सरकारी स्तर पर हों.

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया कोटा पहुंचे

पूनिया ने कहा कि सरकार को सवा साल हो गया है, सरकार के पास ना सदन में ना सदन के बाहर किसी सवाल का जवाब है. यह पहली अनूठी सरकार है, जिसमें सवा साल में अपराधों की लंबी फेहरिस्त है. किसानों का कर्ज माफी और बेरोजगारी भत्ता अभी भी प्रश्न बना हुआ है और जितनी घोषणा बजट और अभिभाषण में की गई थी, उनमें 1 साल बाद भी रत्ती भर का भी काम नहीं हुआ है.

उदाहरण के तौर पर मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में दो करोड़ की लागत से उम्मेद स्टेडियम में शेड बनना था, लेकिन अभी तक नहीं बन पाया है. मंत्री ने बताया कि इस कार्य में कोई प्रगति नहीं हुई है. इसी तरह से किसानों को जीरो बजट फार्मिंग पर काम होना था. मंत्री ने बताया कि इस पर भी कोई कार्य नहीं हुआ है. सरकार ने बुनियादी विकास के कार्यों की एक ईंट भी नहीं रखी है. बीजेपी सरकार में जो कार्य शुरू हुए या उद्घाटन हो गए थे, सरकार ठेकेदारों को करोड़ों रुपए का भुगतान नहीं कर पाई. इसलिए कार्य लंबित है.

मंत्री ने कहा कि मुझे लगता है कि सरकार के खिलाफ विचित्र किस्म की एंटी इनकंबेंसी देखने को मिल रही है. यह पहली सरकार है, जिसमें मुकदमों की लंबी फेहरिस्त हो गई है. ढाई लाख मुकदमे हुए हैं, दलितों के खिलाफ उत्पीड़न की घटनाएं लगातार बढ़ रही है. सरकार उनको रोकने में विफल रही है.

पढ़ें: अलवरः लड़की के अपहरण की कोशिश करने वाले 4 आरोपी गिरफ्तार

इस दौरान पूनिया से मुलाकात करने वालों में पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रहलाद पवार, प्रदेश महामंत्री छगन माहुर, जिला अध्यक्ष रामबाबू सोनी, देहात जिलाध्यक्ष मुकुट नागर, पूर्व महापौर महेश विजय, पूर्व उपमहापौर सुनीता व्यास और पूर्व जिला अध्यक्ष हेमंत विजयवर्गीय सहित बड़ी संख्या में भाजपा के नेता मौजूद रहे.

कोटा. भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया बुधवार को कोटा दौरे पर आए. यहां पर वह मेज नदी दुखांतिका परिवारों से मिलेंगे. साथ ही शोक संवेदना व्यक्त करेंगे. इसके अलावा अस्पताल में भर्ती घायलों की भी कुशलक्षेम पूछेंगे.

मीडिया से बातचीत करते हुए पूनिया ने कहा कि यह बड़ी दुखान्तिका थी, मुझे लगता है कि पूरे देश और प्रदेश में सड़क सुरक्षा एक सबक है. इस तरह की घटनाएं निश्चित रूप से सबक देती है. यह घटनाएं इसलिए घटती है कि हम लोग इतिहास से सबक नहीं लेते हैं. हर साल 10 हजार से ज्यादा लोग इस तरह की घटनाओं में काल कल्वित होते हैं. इस तरह के हादसों पर सरकार कानून बनाती है, सामाजिक तौर पर भी जागरूकता के प्रयास होते हैं, पर मुझे लगता है भविष्य में इस तरह की घटनाएं नहीं हुए इसके लिए कोई सार्थक प्रयासों की जरूरत है, जो सामाजिक चेतना से हो या सरकारी स्तर पर हों.

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया कोटा पहुंचे

पूनिया ने कहा कि सरकार को सवा साल हो गया है, सरकार के पास ना सदन में ना सदन के बाहर किसी सवाल का जवाब है. यह पहली अनूठी सरकार है, जिसमें सवा साल में अपराधों की लंबी फेहरिस्त है. किसानों का कर्ज माफी और बेरोजगारी भत्ता अभी भी प्रश्न बना हुआ है और जितनी घोषणा बजट और अभिभाषण में की गई थी, उनमें 1 साल बाद भी रत्ती भर का भी काम नहीं हुआ है.

उदाहरण के तौर पर मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में दो करोड़ की लागत से उम्मेद स्टेडियम में शेड बनना था, लेकिन अभी तक नहीं बन पाया है. मंत्री ने बताया कि इस कार्य में कोई प्रगति नहीं हुई है. इसी तरह से किसानों को जीरो बजट फार्मिंग पर काम होना था. मंत्री ने बताया कि इस पर भी कोई कार्य नहीं हुआ है. सरकार ने बुनियादी विकास के कार्यों की एक ईंट भी नहीं रखी है. बीजेपी सरकार में जो कार्य शुरू हुए या उद्घाटन हो गए थे, सरकार ठेकेदारों को करोड़ों रुपए का भुगतान नहीं कर पाई. इसलिए कार्य लंबित है.

मंत्री ने कहा कि मुझे लगता है कि सरकार के खिलाफ विचित्र किस्म की एंटी इनकंबेंसी देखने को मिल रही है. यह पहली सरकार है, जिसमें मुकदमों की लंबी फेहरिस्त हो गई है. ढाई लाख मुकदमे हुए हैं, दलितों के खिलाफ उत्पीड़न की घटनाएं लगातार बढ़ रही है. सरकार उनको रोकने में विफल रही है.

पढ़ें: अलवरः लड़की के अपहरण की कोशिश करने वाले 4 आरोपी गिरफ्तार

इस दौरान पूनिया से मुलाकात करने वालों में पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रहलाद पवार, प्रदेश महामंत्री छगन माहुर, जिला अध्यक्ष रामबाबू सोनी, देहात जिलाध्यक्ष मुकुट नागर, पूर्व महापौर महेश विजय, पूर्व उपमहापौर सुनीता व्यास और पूर्व जिला अध्यक्ष हेमंत विजयवर्गीय सहित बड़ी संख्या में भाजपा के नेता मौजूद रहे.

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