जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक गरीब पिता द्वारा निजी स्कूल में एक साथ फीस जमा नहीं करवाने की वजह से स्कूल द्वारा अंक तालिका और स्थानान्तरण प्रमाण पत्र नहीं दिये जाने पर नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है. वहीं स्कूल प्रशासन को याचिकाकर्ता से किश्त के रूप में 5 हजार रुपये लेकर अंक तालिका और स्थानान्तरण प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश दिये है.
यदि स्कूल यह प्रस्ताव ठुकराता है तो व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने के निर्देश जारी किये गये है. यह आदेश बच्चे के पिता नागौर निवासी मोहम्मद इकबाल मौलानी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश विजय विश्नोई की अदालत ने जारी किया है. अमन मौलानी नागौर के एक निजी स्कूल में अध्ययनरत था. स्कूल द्वारा 19500 रुपये बकाया शुल्क एक साथ जमा करवाने के लिए दबाव बनाया तो उसके पिता याचिकाकर्ता ने स्कूल से निवेदन किया कि वो गरीब परिवार से है. लेकिन स्कूल की फीस एक साथ जमा करवाने की बजाय 5 हजार-5 हजार रुपये किश्त के रूप में जमा करवा सकता है.
पढ़ेंः HC ने पीटीआई भर्ती-2018 में एक पद रिक्त रखने का दिया आदेश, मांगा जवाब
लेकिन स्कूल ने मना करते हुए ना तो अंक तालिका जारी की ओर ना ही स्थानान्तरण प्रमाण पत्र जारी किया गया. मजबूरन याचिकाकर्ता ने राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर अंक तालिका और स्थानान्तरण प्रमाण पत्र दिलाने की गुहार की. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विजय विश्नोई ने प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए निजी स्कूल संचालक को नोटिस जारी किया है. न्यायालय ने यह भी आदेश दिया है कि स्कूल बच्चे के पिता यदि 5 हजार रुपये जमा करवाते है तो उसे अंक तालिका और स्थानान्तरण प्रमाण भी जारी करे.अन्यथा अगली सुनवाई पर 14 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश हो.
राजस्थान उच्च न्यायालय ने जमीन आवंटित मामले गुरुवार को नहीं की सुनवाई...
राजस्थान उच्च न्यायालय में जैसलमेर जिले के पोकरण तहसील के नेदान गांव में सोलर एनर्जी पार्क प्रोजेक्ट के लिए आवंटित जमीन के मामले दायर अपील याचिका पर गुरुवार को सुनवाई नहीं हो पाई. उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश देवेंद्र कच्छवाहा की खंडपीठ ने दो अपीलकर्ताओं के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में शामिल नहीं होने की वजह से न्यायहित में सुनवाई टाल दी.
राजस्थान उच्च न्यायालय ने मांगा जवाब...
राजस्थान उच्च न्यायालय में गांव पीथासनी से निकलने वाले प्रस्तावित स्टेट हाईवे संख्या 58 को गांव के बीच से निकालने जाने को चुनौती देने वाली जनहित याचिका की सुनवाई में नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है. उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश देवेन्द्र कच्छवाहा की खंडपीठ के समक्ष पीथासनी निवासी अचलाराम ने जनहित याचिका दायर कर बताया कि स्टेट हाईवे गांव के बीच से निकाला जा रहा है जिसकी वजह से कई मकान और मंदिर तोड़े जाएंगे