जोधपुर. राजस्थान के जोधपुर में हुई सांप्रदायिक घटना को लेकर बुधवार को जोधपुर आए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतिश पूनिया ने कहा कि जोधपुर वह शहर है, जिसने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बहुत उंचाई दी है. उन्हें ऐसे हालात में राजधर्म निभाना चाहिए. पूनिया ने कहा कि हनुमान चालिसा पढ़ना कौन सा अपराध है. भगवा लहराना और फहराना अपराध है, घर के बाहर प्रदर्शन करना भी अपराध है तो मुख्यंत्री कौन से (Satish Poonia on CM Gehlot) लोकतंत्र की बात करते हैं. मेरा मानना है कि सबसे ज्यादा तो जोधपुर में ही लोकतंत्र खतरे में है.
मुख्यमंत्री को आज यहां होना चाहिए था. पूनिया ने आरोप लगाया कि सरकार ने दोषी लोगों को गिरफ्तार करने में देरी की है, जबकि वे उनकी निगाह में थे. सरकार ऐसा इस घटना को संतुलित करने करने के लिए कर रही है. दोष एक ने किया है, लेकिन बाकी निर्दोष लोगों को भी पकड़ा जा रहा है. यह साबित करने का प्रयास किया जा रहा है कि दोनों तरफ के लोगों ने गलती की है, जबकि इस पूरी घटना में दूसरा पक्ष था ही नहीं.
एक ही पीड़त पक्ष था और एक प्रताड़ित करने वाला पक्ष था. सरकार के देखने और करने के नजरिए अलग हैं, चश्मा भी अलग-अलग है. मुख्यमंत्री जी को राजस्थान और जोधपुर में राजधर्म निभाना चाहिए. पूनिया ने कहा कि (BJP Alleged Gehlot Government) मुख्यमंत्री कहते हैं कि यह छिटपुट घटना थी. पैर तोड़ देना, चाकूबाजी करना, आगजनी करना अगर छिटपुट घटना है तो बाकी घटना कैसे होती होगी.
इंटेलिजेंस फेलियर था : पूनिया ने आरोप लगाया कि जिस तरह से सोमवार रात को घटना हुई, वह बताता है कि (Poonia On Jodhpur Violence) इंटेलिजेंस फेलियर था, जिसकी वजह से पुलिस भी निशाना बनी. पुलिसकर्मियों को पीटा गया. सरकार की खामी तो थी, लेकिन पुलिस ने कुछ करना चाहा होगा तो राजनीतिक दखल के कारण पुलिस मुखर होकर कार्रवाई नहीं कर पाई होगी.
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निर्दोष लोगों को सरकार प्रताड़ित नहीं करे : उन्होंने कहा कि राजस्थान में जोधपुर में जो हुआ है, वह पहली बार नहीं हुआ है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Satish Poonia Verbal Attack on Gehlot) सियासी तरीके अन्य मुद्दों की बजाय तुष्टीकरण की राजनीति कर प्रभावित कर रहे हैं. वे बहुसंख्यक और अलपसंख्यक के नजरीए से देखते हैं.
वसुंधरा ने भी खड़े किए सवाल : जोधपुर में हुई हिंसा की घटना पर आए सीएम अशोक गहलोत के बयान पर बीजेपी लगातार हमलावर हो रही है. अब पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने भी इस मामले में प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर (Vasundhara Raised Question on Gehlot Government) सवाल खड़े किए हैं, साथ ही यह भी कहा कि सरकार अपनी विफलता छुपाने के लिए और कितना झूठ बोलेगी.
बुधवार रात वसुंधरा राजे ने एक बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री जी कह रहे हैं कि हमने जोधपुर में दंगे होने से बचा लिया, लेकिन संज्ञान में यह आया है कि पत्थर फेंके गए. ATM तोड़े गए, गाड़ियां जलाई गईं, एसिड अटैक हुए, सड़क पर चलते लोगों को चाकू गोद दिए गए, पैर तोड़ दिए गए, महिलाओं से छेड़छाड़ एवं अभद्रता की गई. यहां तक कि खुद खाकी वर्दी वालों तक को पीटा गया. राजे ने कहा कि यह सब इसलिए हुआ, क्योंकि सोमवार रात से शुरू हुए उपद्रव को राज्य सरकार चुपचाप देखती रही और मंगलवार सुबह तक जोधपुर भय के माहौल में रहा. लेकिन अब अपनी विफलता छिपाने के लिए यह सरकार और कितना झूठ बोलेगी.
गौरतलब है कि वसुंधरा राजे से पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष (Poonia in Jodhpur) सतीश पूनिया और प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ भी जोधपुर हिंसा पर आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर कटाक्ष करते हुए मुख्यमंत्री के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया था.