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जोधपुर: बालिका दिवस पर रैली निकाली, पेंटिंग और पोस्टर प्रतियोगिता का भी आयोजन

राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर ने साल 2019-20 को "Educate Girl Child" वर्ष घोषित किया है. जिसके तहत "राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर विशाल रैलियां, प्रभात फेरी और विधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए. इसी कड़ी में जोधपुर में भी रैली निकाली गई. पेंटिंग और पोस्टर प्रतियोगिता भी हुई.

बालिका दिवस पर रैली, Rally on Girl's Day
बालिका दिवस पर रैली निकाली
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Published : Jan 24, 2020, 2:53 PM IST

जोधपुर. राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर शुक्रवार को राजकीय उम्मेद स्टेडियम से रैली निकाली गई. राजस्थान हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत राज लोढ़ा और जस्टिस संदीप मेहता के मुख्य आतिथ्य में पेंटिंग और पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया.

बालिका दिवस पर रैली निकाली

इस मौके पर राजस्थान हाईकोर्ट के कई न्यायाधीश मौजूद थे. अपने संबोधन के दौरान संगीत राज लोढ़ा ने अपनी बचपन की यादों को याद करते हुए कहा, कि आज से करीब 50 साल पहले वे भी एक छात्र के रूप में हाथों में तख्तियां लिए गलियों में नारे लगाते हुए घूमते थे. उन्होंने कहा, कि आज भी बच्चे हाथों में तख्तियां लिए हुए जब रैली निकालते हैं और यह जागरूकता फैलाते हैं, कि हर बच्चा पढ़े और आगे बढ़े तो यह देखकर बहुत सुखद लगता है.

पढ़ें. HC की फटकार : जिला परिषद चुनाव को लेकर सरकार से जवाब तलब

उन्होंने कहा, कि हमारी संसद ने साल 2009 में 6 साल से 14 साल के बच्चों को नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का कानून पारित किया और शिक्षा का अधिकार मौलिक अधिकार बन गया. लेकिन इसमें काफी समय लग गया. इस कार्यक्रम में न्यायाधीश संदीप मेहता, मनोज गर्ग, पीएस भाटी भी मौजूद रहे.

जोधपुर. राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर शुक्रवार को राजकीय उम्मेद स्टेडियम से रैली निकाली गई. राजस्थान हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत राज लोढ़ा और जस्टिस संदीप मेहता के मुख्य आतिथ्य में पेंटिंग और पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया.

बालिका दिवस पर रैली निकाली

इस मौके पर राजस्थान हाईकोर्ट के कई न्यायाधीश मौजूद थे. अपने संबोधन के दौरान संगीत राज लोढ़ा ने अपनी बचपन की यादों को याद करते हुए कहा, कि आज से करीब 50 साल पहले वे भी एक छात्र के रूप में हाथों में तख्तियां लिए गलियों में नारे लगाते हुए घूमते थे. उन्होंने कहा, कि आज भी बच्चे हाथों में तख्तियां लिए हुए जब रैली निकालते हैं और यह जागरूकता फैलाते हैं, कि हर बच्चा पढ़े और आगे बढ़े तो यह देखकर बहुत सुखद लगता है.

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उन्होंने कहा, कि हमारी संसद ने साल 2009 में 6 साल से 14 साल के बच्चों को नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का कानून पारित किया और शिक्षा का अधिकार मौलिक अधिकार बन गया. लेकिन इसमें काफी समय लग गया. इस कार्यक्रम में न्यायाधीश संदीप मेहता, मनोज गर्ग, पीएस भाटी भी मौजूद रहे.

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बालिका दिवस पर रैली निकाली, पेंटिंग पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन हुआ

जोधपुर।
राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर शुक्रवार को राजकीय उम्मेद स्टेडियम में राजस्थान हाई कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत राज लोढ़ा व जस्टिस संदीप मेहता के मुख्य आतिथ्य में पेंटिंग व पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। रैली भी निकाली गई। इस मौके पर राजस्थान हाईकोर्ट के कई न्यायाधीश मौजूद थे। अपने संबोधन के दौरान राजस्थान हाई कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत राज लोढ़ा ने कहा ने अपनी बचपन की यादों को याद करते हुए कहा कि आज से करीब 50 वर्ष पूर्व में भी एक छात्र के रूप में हाथों में तख्तियां लिए गलियों में नारे लगाते हुए घूमता था। उन्होंने कहा आज भी बच्चे हाथों में तख्तियां लिए हुए जब रैली निकालते हैं और यह जागरूकता फैलाते हैं कि हर बच्चा पढ़े और आगे बढ़े तो यह देखकर बहुत सुखद लगता है। उन्होंने कहा कि हमारी संसद ने साल 2009 में 6 वर्ष से 14 वर्ष के बच्चों को नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का कानून पारित किया और शिक्षा का अधिकार मौलिक अधिकार बन गया। लेकिन इसमें काफी समय लग गया। गौरतलब है।कि राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर द्वारा वर्ष 2019-20 को "Educate Girl Child" वर्ष घोषित किया गया
है। जिसके तहत "राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर विशाल रैलियां, प्रभात फेरी तथा विधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस कार्यक्रम न्यायाधीश संदीप मेहता, मनोज गर्ग, पीएस भाटी भी मौजूद रहे।
बाईट जस्टिस संगीत लोढ़ा, वरिष्ठ न्यायाधीश राजस्थान हाइकोर्ट
Conclusion:
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