जोधपुर. जैसलमेर के नाचना में जमीन की फर्जी रिपोर्ट तैयार करने के मामले में उपनिवेशन विभाग बीकानेर की ओर से जारी अभियोजन स्वीकृति को राजस्थान उच्च न्यायालय ने उचित मानते हुए एक याचिका को खारिज कर दिया. तत्कालीन पटवारी कल्लाराम ने राजस्थान उच्च न्यायालय में एक याचिका पेश कर उसके खिलाफ भ्रष्टाचार के मुकदमे में अभियोजन स्वीकृति को यह कहते हुए चुनौती दी गई किन माइंड अप्लाइ नहीं किया गया. बिना सोचे समझे अभियोजन स्वीकृति जारी की गई है.
वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता की अदालत ने याचिका पर विस्तृत सुनवाई करते हुए 2 फरवरी 2021 को फैसला सुरक्षित रखा था. गुरुवार को वरिष्ठ न्यायाधीश मेहता ने अपने महत्वपूर्ण आदेश में कल्लाराम की याचिका को खारिज करते हुए कहा, उसकी रिपोर्ट फर्जी थी. इसकी वजह से सरकार को नुकसान हुआ है. ऐसे में उसके खिलाफ जारी अभियोजन स्वीकृति उचित है.
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सरकार की ओर से अधिवक्ता अनिल बिस्सा ने पैरवी करते हुए कहा था कि आयुक्त सुबे सिंह यादव उपनिवेशन विभाग बीकानेर ने कल्लाराम के विरूद्ध जो अभियोजन स्वीकृति जारी की है वो उचित है. तत्कालीन पटवारी के पास नाचना तहसील पोकरण जिला जैसलमेर का अतिरिक्त चार्ज था. वहां पर पट्टों की फर्जी रिपोर्ट देने के मामले में भ्रष्टाचार की धाराओ में उनके खिलाफ भी आरोप बनता था. इसीलिए स्वीकृति दी गई है. फर्जी रिपोर्ट की वजह से सरकार को राजस्व का नुकसान भी हुआ है.