जोधपुर. जिले में मंगलवार को सेफ्टीपिन और सेंटर फॉर सोशल रिसर्च की साझा मेजबानी में परामर्श बैठक आयोजित की गई. जिसमें भविष्य में महिलाओं की सुरक्षा पर मंथन किया गया. इस दौरान सेंटर फॉर सोशल रिसर्च की निर्देशक डॉ. रजना कुमारी ने बताया कि शहरों को स्मार्ट सिटी में लाने से पहले महिला सुरक्षा पर ध्यान देना जरूरी है. साथ ही बताया कि सेफ्टीपिन और सेंटर फॉर सोशल रिसर्च ने भोपाल, ग्वालियर और जोधपुर में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर शोध किया है.
वहीं सेफ्टीपिन संस्था की संस्थापक डॉ. कल्पना ने बताया कि भारतीय शहरों में महिलाओं की सुरक्षा एक बड़ी चिंता है. जिसे लेकर हमारे अध्ययन में यह पता चला है कि सर्वे में लगभग 95% महिलाएं सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करते समय और 84% महिलाएं इंतजार करते वक्त खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करती है. साथ ही उन्होंने बताया कि इससे पहले जोधपुर में राजस्थान पुलिस सेंटर में सेंटर फॉर सोशल रिसर्च द्वारा विशेष रूप से सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं और लड़कियों को अधिक प्रभावी उत्तरदाई पुलिसिंग प्रदान करने के लिए कार्यशाला भी आयोजित की गई थी.
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इस बैठक में AIIMG के विनोद पालीवाल, संभली ट्रस्ट के गोविंद सिंह राठौड़ , ग्राविस की शशि त्यागी, जन चेतना की रिचा आदित्य, कैन कॉलेज की निर्देशक डॉ. कैलाश कौशिक और बिना भाटिया, पीजी महिला कॉलेज की प्राचार्य मनोरमा उपाध्याय, वीसीडी के साहित्यकार दिनेश जिंदल व पूर्णिमा जायसवाल, मीरा संस्थान की आशा सुशीला बोहरा सहित अनेक समाजशास्त्री और कई स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भागीदारी निभाई.