जयपुर. केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्रालय की ओर से इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस योजना को लेकर आज नेशनल वर्कशॉप का आयोजन किया गया. इस नेशनल वर्कशॉप के अंतर्गत सभी पुलिस प्रशासन और मेडिकल विभाग से जुड़े अधिकारियों ने भाग लिया. इस दौरान राजस्थान परिवहन विभाग के आयुक्त एवं प्रमुख शासन सचिव रवि जैन भी इस वर्कशॉप में शामिल हुए. इस दौरान परिवहन आयुक्त रवि जैन वर्कशॉप में संबोधित करते हुए कहा कि यह योजना राजस्थान के सभी जिलों में शुरू भी कर दी गई है.
साथ ही सभी जिलों में पुलिस थानों के पुलिस कर्मियों को दुर्घटनाओं का मौका निरीक्षण कर डाटा को डिजिटल फॉर्मेट में एकत्रित करने के तरीके भी सिखाए जा रहे हैं. इसके साथ ही जैन ने कहा कि अभी तक राजस्थान में पुलिस और परिवहन विभाग के लगभग 3800 कर्मियों को आई आरएडी यानी कि इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट सिस्टम का प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है. जैन ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत राजस्थान के 4 जिलों को इस योजना के अंतर्गत शामिल किया गया था. वहीं अब सभी जिन्होंने इस प्रोजेक्ट पर कार्य भी शुरू कर दिया है.
यह भी पढ़ें- जयपुर: कार में संदिग्ध परिस्थितियों में मिला कांस्टेबल का शव, कई जगह चमड़ी जल कर उतरी
जैन ने बताया कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा आईआईटी मद्रास और एनआईसी द्वारा देश के 6 राज्यों कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस योजना लागू की गई है. इसके अंतर्गत सड़क दुर्घटना में उनसे होने वाली मृत्यु पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए विधि निर्माण कार्य योजना के निर्धारण हेतु आंकड़ों की ऑनलाइन रजिस्ट्री कर उनका वैज्ञानिक विश्लेषण एवं परीक्षण भी किया जाएगा. बता दें कि अभी तक राजस्थान के अंतर्गत 802 दुर्घटनाओं की मौके पर डिजिटल एंट्री की गई है. वहीं उत्तर प्रदेश में 734 मध्यप्रदेश में 904 कर्नाटक और तमिलनाडु में 2161 दुर्घटनाओं की जा चुकी है.