जयपुर. जलदाय विभाग के तकनीकी कर्मचारियों ने पेंशन परिलाभ नहीं पर विभाग के डायरेक्टर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ और कर्मचारी महासंघ एकीकृत की ओर से पेंशन विभाग के डायरेक्टर का पुतला फूंका गया. इस दौरान पदाधिकारियों ने कहा कि पेंशन विभाग के डायरेक्टर की हठधर्मिता के चलते करीब 300 तकनीकी कर्मचारी प्रभावित हो रहे हैं. कर्मचारियों का कहना है कि 35 से 40 साल तक नौकरी करने के बाद भी उन्हें पेंशन नहीं मिल रही है. पेंशन विभाग वित्त विभाग और हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना भी कर रहा है.
ज्योति नगर स्थित पीएचईडी कार्यालय में कर्मचारी महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह शेखावत और वॉटर वर्क्स कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप यादव के नेतृत्व में जलदाय विभाग के कर्मचारियों ने पेंशन विभाग के डायरेक्टर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कार्यालय में पेंशन विभाग के डायरेक्टर का पुतला फूंका गया. कर्मचारी महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि कर्मचारियों की वेतन कटौती को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी और हाईकोर्ट ने 3 अक्टूबर, 2019 को आदेश दिया कि जब तक हाईकोर्ट में मामला चल रहा है तब तक कर्मचारियों की वेतन कटौती नहीं की जाए.
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वित्त विभाग ने भी हाइकोर्ट के आदेश को स्वीकृति दे दी थी. उसके बावजूद भी पेंशन विभाग जलदाय विभाग के कर्मचारियों की पेंशन जारी नहीं कर रहा. पिछले 1 साल से ज्यादा समय होने के बावजूद भी कर्मचारी विभाग के चक्कर काटने को मजबूर हैं. गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए और जो भी कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं उन्हें सेवा का पूरा परिलाभ मिलना चाहिए.
पेंशन विभाग के कर्मचारियों पर पैसे मांगने का आरोप
राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप यादव ने बताया कि कर्मचारी जब डायरेक्टर और डिप्टी डायरेक्टर के पास पेंशन के लिए लिए जाते हैं तो उनसे पैसे की मांग की जाती है. कर्मचारियों से रिकवरी के पैसों में हिस्सा मांगा जाता है. यादव ने कहा कि जब हाईकोर्ट का आदेश है तो पेंशन विभाग के अधिकारी पैसे कैसे मांग सकते हैं. उन्होंने कहा कि एक कर्मचारी दो से तीन बार पेंशन विभाग के चक्कर काट रहा है और पेंशन के बदले उससे 40 से 50 हजार रुपये मांगे जा रहे हैं.