जयपुर. विकास प्राधिकरण के खाली प्लॉट के फर्जी दस्तावेज बनाकर कब्जा करने वाला शातिर बदमाश आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया. एक साल से फरार आरोपी रामकरण मीणा को चित्रकूट थाना पुलिस ने धर दबोचा.
पुलिस उपायुक्त जयपुर पश्चिम कावेंद्र सिंह सागर के अनुसार 30 जून 2019 को परिवादी विक्रम आहूजा ने चित्रकूट थाने में रिपोर्ट दी कि रामकरण मीणा और उसके साथी मिलकर उसके स्वर्गीय पिता रमेश आहूजा विक्रेता के नाम से फर्जी दस्तावेज बनाकर उक्त प्लॉट को हड़पने का प्रयास कर रहे है.
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जिस पर प्रकरण संख्या 369/2019 धारा 420, 487, 468, 471, 120 बी भादस में दर्ज कर गहनता से अनुसंधान शुरू किया गया. जिसके बाद टीम का गठन कर आरोपी की तलाश शुरू की, लेकिन शातिर फरार हो गया. जिसके बाद टीम ने उसके कई स्थानीय और अस्थानीय ठिकानों पर दबिशें भी दी, लेकिन पुलिस के हाथ फिर भी खाली थे.
ऐसे में एक साल बाद रविवार को फरार आरोपी रामकरण मीणा को दस्तयाब कर लिया. ऐसे में सबका बड़ा सवाल चित्रकूट थाना पुलिस पर ही खड़ा होता है, कि आखिर शातिर आरोपी के बारे में ठोस सबूत पहले ही मिल गए और शातिर कई बार कई उच्चाधिकारियों तक भी पहुंच गया.
फिर भी उसको गिरफ्तार करने में इतना समय क्यों लगा गया. लेकिन फिलहाल शातिर आरोपी रामकरण से उसके अन्य साथियों के बारे में पुलिस पूछताछ कर रही है. जिसमें अन्य जमीनों पर हुए कब्जो के बारे में भी पुलिस पूछताछ में खुलासा हो सकता है.
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वहीं पुलिस कमिश्नरेट के कई अन्य थानों में भी ऐसे शातिरों के खिलाफ मामले दर्ज है, लेकिन उनमें भी परिवादियों को कार्रवाई का इंतजार है. उम्मीद है कि शातिर की पूछताछ में उन मामलों में भी कई खुलासे होंगे.