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शिक्षक दिवस पर सड़कों पर उतरे निजी स्कूलों के शिक्षक और संचालक, 7 दिन का दिया अल्टीमेटम

प्रदेश में स्कूल की फीस को लेकर चल रहा विवाद लगातार बढ़ रहा है. इस मामले में शिक्षामंत्री गोविंदसिंह डोटासरा ने एक आदेश जारी करते हुए कहा था कि जब तक स्कूल नहीं खुलते हैं तब तक फीस नहीं लेनी है. इस आदेश का विरोध करते हुए निजी स्कूलों के प्रतिनिधिनिमण्डलों ने जयपुर में प्रदर्शन किया.

राजस्थान न्यूज, jaipur news
निजी स्कूलों के शिक्षक और संचालकों ने किया शिक्षामंत्री के आदेशों का विरोध
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Published : Sep 5, 2020, 11:49 PM IST

जयपुर. प्रदेशभर के प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों ने शिक्षक दिवस के मौके पर शनिवार को राजधानी में प्रदर्शन किया. शहर के स्टेचू सर्किल पर राजस्थान के सभी जिलों से आए निजी स्कूलों के प्रतिनिधिनिमण्डलों ने अपनी पीड़ा और स्कूल में आ रही समस्याओं पर अपनी आवाज बुलंद की. निजी स्कूल के शिक्षकों ने शिक्षामंत्री गोविंदसिंह डोटासरा की ओर से जारी आदेश का विरोध जताया, जिसमें कहा गया है कि जब तक स्कूल नहीं खुलेंगे तब तक फीस नहीं लेनी है.

निजी स्कूलों के शिक्षक और संचालकों ने किया शिक्षामंत्री के आदेशों का विरोध

शिक्षा बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति के आव्हान पर बड़ी संख्या में निजी स्कूलों के शिक्षकों ने नारेबाजी कर अपना विरोध जताया. इस मौके पर समिति की मुख्य संयोजक हेमलता शर्मा ने कहा कि शिक्षक दिवस पर घर परिवार छोड़कर इस कोरोना के डर में राजधानी की सड़कों पर उतरना पड़ा है. जिसकी वजह है राज्य सरकार के शिक्षामंत्री का दोहरी नीति वाला दुगलकी फरमान. जिसके चलते प्रदेश में 11 लाख से ज्यादा स्कूल के कर्मचारी, शिक्षक, गैर शिक्षक, सफाईकर्मी, सुरक्षाकर्मी, चालक और उससे जुड़े तमाम लोगों की स्थिति खराब है.

पढ़ें- EXCLUSIVE: कोरोना काल में शिक्षा विभाग के सामने कई चुनौतियां और कई सवाल, शिक्षा मंत्री ने दिए ईटीवी भारत को जवाब

उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री के इस फरमान ने अभिभावकों और शिक्षकों को आमने-सामने कर दिया है. जबकि सुप्रीम कोर्ट को दरकिनार करते हुए शिक्षामंत्री डोटासरा ने जिस तरह से निजी स्कूलों के प्रति अपना रवैया दिखाया है, इसे लेकर शिक्षकों और संचालकों में गहरा रोष व्याप्त है. इससे अवसाद में आकर अब तक 9 स्कूली संचालकों ने आत्महत्या तक कर ली है. यदि राज्य सरकार ऐसे ही हठधर्मिता अपनाते रही तो राजस्थान में उग्र आंदोलन होगा. इसको लेकर शिक्षकों ने 7 दिन का अल्टीमेटम भी दिया है.

जयपुर. प्रदेशभर के प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों ने शिक्षक दिवस के मौके पर शनिवार को राजधानी में प्रदर्शन किया. शहर के स्टेचू सर्किल पर राजस्थान के सभी जिलों से आए निजी स्कूलों के प्रतिनिधिनिमण्डलों ने अपनी पीड़ा और स्कूल में आ रही समस्याओं पर अपनी आवाज बुलंद की. निजी स्कूल के शिक्षकों ने शिक्षामंत्री गोविंदसिंह डोटासरा की ओर से जारी आदेश का विरोध जताया, जिसमें कहा गया है कि जब तक स्कूल नहीं खुलेंगे तब तक फीस नहीं लेनी है.

निजी स्कूलों के शिक्षक और संचालकों ने किया शिक्षामंत्री के आदेशों का विरोध

शिक्षा बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति के आव्हान पर बड़ी संख्या में निजी स्कूलों के शिक्षकों ने नारेबाजी कर अपना विरोध जताया. इस मौके पर समिति की मुख्य संयोजक हेमलता शर्मा ने कहा कि शिक्षक दिवस पर घर परिवार छोड़कर इस कोरोना के डर में राजधानी की सड़कों पर उतरना पड़ा है. जिसकी वजह है राज्य सरकार के शिक्षामंत्री का दोहरी नीति वाला दुगलकी फरमान. जिसके चलते प्रदेश में 11 लाख से ज्यादा स्कूल के कर्मचारी, शिक्षक, गैर शिक्षक, सफाईकर्मी, सुरक्षाकर्मी, चालक और उससे जुड़े तमाम लोगों की स्थिति खराब है.

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उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री के इस फरमान ने अभिभावकों और शिक्षकों को आमने-सामने कर दिया है. जबकि सुप्रीम कोर्ट को दरकिनार करते हुए शिक्षामंत्री डोटासरा ने जिस तरह से निजी स्कूलों के प्रति अपना रवैया दिखाया है, इसे लेकर शिक्षकों और संचालकों में गहरा रोष व्याप्त है. इससे अवसाद में आकर अब तक 9 स्कूली संचालकों ने आत्महत्या तक कर ली है. यदि राज्य सरकार ऐसे ही हठधर्मिता अपनाते रही तो राजस्थान में उग्र आंदोलन होगा. इसको लेकर शिक्षकों ने 7 दिन का अल्टीमेटम भी दिया है.

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