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सुप्रीम कोर्ट ने विद्याश्रम स्कूल के खिलाफ कार्रवाई पर लगाई रोक - राजस्थान रेग्यूलेशन रूल्स 2017

सुप्रीम कोर्ट ने फीस एक्ट 2016 की वैधता और राजस्थान रेग्यूलेशन रूल्स 2017 के मामले में आगामी सुनवाई तक दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है. साथ ही राज्य सरकार से भी जवाब मांगा है.

जयपुर की खबर, supreme court ban action
विद्याश्रम स्कूल के खिलाफ कार्रवाई पर रोक
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Published : Mar 4, 2020, 9:25 PM IST

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने फीस एक्ट 2016 की वैधता और राजस्थान रेग्यूलेशन रूल्स 2017 के मामले में राज्य सरकार को विद्याश्रम स्कूल के खिलाफ आगामी सुनवाई तक दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है. साथ ही मामले में राज्य सरकार को जवाब देने के लिए कहा है. कोर्ट ने ये आदेश भारतीय विद्या भवन और अन्य की विशेष अनुमति याचिका पर दिए.

एसएलपी में स्कूल प्रबंधन ने हाईकोर्ट के 11 फरवरी 2020 के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें फीस एक्ट 2016 की वैधता और रेग्यूलेशन रूल्स में दखल से इंकार करते हुए स्कूल प्रबंधन की याचिका खारिज कर दी थी.

अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल ने बताया कि उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश को यह कहते हुए चुनौती दी थी कि फीस एक्ट 2016 गलत है और उनका स्कूल गैर अनुदानित संस्था है व राज्य सरकार उनकी फीस नियंत्रित नहीं कर सकती. सुप्रीम कोर्ट ने भी कह रखा है कि जो सरकार से अनुदान नहीं लेते हैं वो संसाधन मुहैया कराते हैं तो फीस ले सकते हैं.

पढ़ें: हमें यह जानकारी नहीं मिली कि दिल्ली एयरपोर्ट पर कोरोना से ग्रसित लोगों की स्क्रीनिंग हुई या नहीं : रघु शर्मा

ऐसे में अदालत स्कूल प्रबंधन की एसएलपी को सुनवाई के लिए मंजूर कर उनके खिलाफ की जाने वाली राज्य सरकार की कार्रवाई पर रोक लगाए. उल्लेखनीय है कि अभिभावक राजेश जैन और अन्य ने हाईकोर्ट में केन्द्र सरकार और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ याचिका दायर कर विद्याश्रम स्कूल की ओर से की गई फीस बढ़ोतरी को चुनौती दी थी.

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने फीस एक्ट 2016 की वैधता और राजस्थान रेग्यूलेशन रूल्स 2017 के मामले में राज्य सरकार को विद्याश्रम स्कूल के खिलाफ आगामी सुनवाई तक दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है. साथ ही मामले में राज्य सरकार को जवाब देने के लिए कहा है. कोर्ट ने ये आदेश भारतीय विद्या भवन और अन्य की विशेष अनुमति याचिका पर दिए.

एसएलपी में स्कूल प्रबंधन ने हाईकोर्ट के 11 फरवरी 2020 के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें फीस एक्ट 2016 की वैधता और रेग्यूलेशन रूल्स में दखल से इंकार करते हुए स्कूल प्रबंधन की याचिका खारिज कर दी थी.

अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल ने बताया कि उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश को यह कहते हुए चुनौती दी थी कि फीस एक्ट 2016 गलत है और उनका स्कूल गैर अनुदानित संस्था है व राज्य सरकार उनकी फीस नियंत्रित नहीं कर सकती. सुप्रीम कोर्ट ने भी कह रखा है कि जो सरकार से अनुदान नहीं लेते हैं वो संसाधन मुहैया कराते हैं तो फीस ले सकते हैं.

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ऐसे में अदालत स्कूल प्रबंधन की एसएलपी को सुनवाई के लिए मंजूर कर उनके खिलाफ की जाने वाली राज्य सरकार की कार्रवाई पर रोक लगाए. उल्लेखनीय है कि अभिभावक राजेश जैन और अन्य ने हाईकोर्ट में केन्द्र सरकार और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ याचिका दायर कर विद्याश्रम स्कूल की ओर से की गई फीस बढ़ोतरी को चुनौती दी थी.

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