ETV Bharat / city

फीस पर 'सुप्रीम' फैसला : कोरोना काल की तय फीस चुकानी होगी..वरना अभिभावकों पर कार्रवाई कर सकेंगे स्कूल

सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन व अन्य की एसएलपी का निस्तारण करते हुए दिया. कोर्ट ने स्कूल फीस एक्ट 2016 की वैधानिकता के मुद्दे पर लंबित याचिका पर हाईकोर्ट को ही सुनवाई करने और पक्षकारों को वहीं पर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है.

फीस पर 'सुप्रीम' फैसला
फीस पर 'सुप्रीम' फैसला
author img

By

Published : Oct 1, 2021, 10:14 PM IST

Updated : Oct 1, 2021, 10:49 PM IST

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना काल के शैक्षणिक सत्र 2020-21 की निजी स्कूल फीस वसूली मामले में अदालत की ओर से 15 फीसदी की छूट देते हुए तय की 85 फीसदी फीस नहीं चुकाने वाले अभिभावकों पर स्कूल संचालकों को कार्रवाई करने की छूट दी है. अदालत ने यह भी कहा है कि फीस देने में असमर्थ अभिभावकों के बारे में स्कूल संचालक सहानुभूतिपूर्वक विचार करें.

अदालत ने कहा है कि यदि स्कूल तय फीस से अधिक वसूल करें तो उनके खिलाफ अभिभावक उचित मंच के समक्ष शिकायत दे सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन व अन्य की एसएलपी का निस्तारण करते हुए दिया. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल फीस एक्ट 2016 की वैधानिकता के मुद्दे पर लंबित याचिका पर हाईकोर्ट को ही सुनवाई करने और पक्षकारों को वहीं पर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है.

सुनवाई के दौरान राज्य के एएजी मनीष सिंघवी ने अदालत से कहा कि अभिभावकों के हितों को भी संरक्षित किया जाए और स्टूडेंट्स को भी राहत दी जाए. वहीं एसोसिएशन के अधिवक्ता दिनेश यादव ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 3 मई 2021 को निजी स्कूल संचालकों से बच्चों को वार्षिक फीस में 15 फीसदी की छूट देने के लिए कहा था.

पढ़ें -आतिशबाजी पर प्रतिबंध के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर, अगले सप्ताह होगी सुनवाई

इसके साथ ही यह भी कहा था कि स्कूल संचालक फीस एक्ट 2016 के तहत शैक्षणिक सत्र 2019-20 की फीस के आधार पर बच्चों की वार्षिक फीस तय करेंगे और इसमें 15 फीसदी की छूट देंगे. यह फीस बच्चों को छह समान किस्तों में 8 फरवरी 2021 से 5 अगस्त 2021 तक देनी होगी. इसके अलावा बच्चे की फीस जमा नहीं होने पर स्कूल संचालक न तो उसका नाम काटेंगे और न ही उसे ऑनलाइन या फिजिकल क्लास में शामिल होने से रोकेंगे और न ही उसका परिणाम रोकेंगे.

इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भी अभिभावकों ने तय की स्कूल फीस निर्धारित अवधि में नहीं चुकाई है. जबकि अदालत के आदेश के पालन में निजी स्कूल संचालक प्रबंधन ने स्कूल फीस में कटौती कर दी थी. इसलिए स्कूल संचालकों को तय की गई फीस का भुगतान करवाया जाए. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनकर स्कूल संचालकों को तय की गई फीस वसूली के लिए कार्रवाई करने की छूट दी.

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना काल के शैक्षणिक सत्र 2020-21 की निजी स्कूल फीस वसूली मामले में अदालत की ओर से 15 फीसदी की छूट देते हुए तय की 85 फीसदी फीस नहीं चुकाने वाले अभिभावकों पर स्कूल संचालकों को कार्रवाई करने की छूट दी है. अदालत ने यह भी कहा है कि फीस देने में असमर्थ अभिभावकों के बारे में स्कूल संचालक सहानुभूतिपूर्वक विचार करें.

अदालत ने कहा है कि यदि स्कूल तय फीस से अधिक वसूल करें तो उनके खिलाफ अभिभावक उचित मंच के समक्ष शिकायत दे सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन व अन्य की एसएलपी का निस्तारण करते हुए दिया. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल फीस एक्ट 2016 की वैधानिकता के मुद्दे पर लंबित याचिका पर हाईकोर्ट को ही सुनवाई करने और पक्षकारों को वहीं पर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है.

सुनवाई के दौरान राज्य के एएजी मनीष सिंघवी ने अदालत से कहा कि अभिभावकों के हितों को भी संरक्षित किया जाए और स्टूडेंट्स को भी राहत दी जाए. वहीं एसोसिएशन के अधिवक्ता दिनेश यादव ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 3 मई 2021 को निजी स्कूल संचालकों से बच्चों को वार्षिक फीस में 15 फीसदी की छूट देने के लिए कहा था.

पढ़ें -आतिशबाजी पर प्रतिबंध के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर, अगले सप्ताह होगी सुनवाई

इसके साथ ही यह भी कहा था कि स्कूल संचालक फीस एक्ट 2016 के तहत शैक्षणिक सत्र 2019-20 की फीस के आधार पर बच्चों की वार्षिक फीस तय करेंगे और इसमें 15 फीसदी की छूट देंगे. यह फीस बच्चों को छह समान किस्तों में 8 फरवरी 2021 से 5 अगस्त 2021 तक देनी होगी. इसके अलावा बच्चे की फीस जमा नहीं होने पर स्कूल संचालक न तो उसका नाम काटेंगे और न ही उसे ऑनलाइन या फिजिकल क्लास में शामिल होने से रोकेंगे और न ही उसका परिणाम रोकेंगे.

इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भी अभिभावकों ने तय की स्कूल फीस निर्धारित अवधि में नहीं चुकाई है. जबकि अदालत के आदेश के पालन में निजी स्कूल संचालक प्रबंधन ने स्कूल फीस में कटौती कर दी थी. इसलिए स्कूल संचालकों को तय की गई फीस का भुगतान करवाया जाए. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनकर स्कूल संचालकों को तय की गई फीस वसूली के लिए कार्रवाई करने की छूट दी.

Last Updated : Oct 1, 2021, 10:49 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.