जयपुर. अगले साल 2023 में प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसमें प्रदेश का युवा (Satish poonia Wrote To CM Gehlot) बड़ी भूमिका में नजर आएगा. इसी को मद्देनजर रखते हुए राज्य सरकार ने 2023 का बजट युवा केंद्रित रखने का एलान किया है. लेकिन इससे पहले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिख कांग्रेस के घोषणा पत्र में संविदा कर्मियों को नियमित करने की वादे की तरफ ध्यान आकर्षित कराया है.
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर राज्य के संविदाकर्मियों को नियमित करने की मांग की है. पूनिया ने अशोक गहलोत को पत्र में लिखा कि कांग्रेस के घोषणापत्र-2018 में संविदाकर्मियों और पंचायत सहायकों के अन्तर्गत कार्यरत कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान कर नियमित करने की बात कही थी. लेकिन कांग्रेस की राज्य सरकार के लगभग 4 वर्ष के शासनकाल में संविदाकर्मियों के नियमितीकरण को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया.
राज्य सरकार ने केबिनेट मंत्री बीडी कल्ला की अध्यक्षता में सब कमेटी गठित होने के बाद भी संविदाकर्मियों को नियमित नहीं किया. बल्कि राज्य सरकार की केबिनेट ने भी संविदाकर्मियों को नियमित करने के बजाए संविदाकर्मियों की भर्ती से लेकर नौकरी से हटाने तक के प्रावधान कर दिए. ये भी फैसला किया कि किसी भी संविदाकर्मियों को 5 वर्ष से ज्यादा समय के लिए नहीं रखेंगे और कॉन्ट्रेक्ट खत्म होते ही नियुक्ति खत्म मानी जाएगी.
पूनिया ने पत्र में लिखा कि राज्य सरकार 2018 में घोषणापत्र में किए गए वादे से मुकर (Regularization of contract workers in Rajasthan) रही है और लाखों संविदाकर्मियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. जिससे न केवल संविदाकर्मी बल्कि इनसे जुड़े हुए लाखों परिवार प्रभावित हो रहे हैं. राजस्थान में लगभग 70 लाख अभ्यर्थियों ने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाएं दीं. लेकिन लगभग एक लाख युवाओं को ही राज्य सरकार 4 वर्षों में रोजगार दे पाई.
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सरकार की कमजोर गवर्नेंस के कारण राज्य की 90 प्रतिशत से ज्यादा युवा आबादी रोजगार से दूर होती जा रही है. ऐसे में उन्होंने सीएम से आग्रह किया कि जनहित को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस के घोषणापत्र-2018 में किए वादे के अनुसार राज्य के संविदाकर्मियों को नियमित करने का श्रम करें. जिससे संविदाकर्मी राज्य के विकास में अपनी अग्रणी भूमिका निभा सकें.