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सीएम गहलोत ने मंत्री लालचंद कटारिया का इस्तीफा किया नामंजूर - rajasthan

लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के 3 दिन बाद 26 मई को अचानक एक इस्तीफा बहुत चर्चाओं में आया. वह था राजस्थान के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया का. लेकिन, कटारिया का इस्तीफा मुख्यमंत्री सीएम अशोक गहलोत ने नामंजूर कर दिया है. सीएम गहलोत ने इस्तीफा नामंजूर करते हुए कहा कि इस विपरीत माहौल में सरकार को उनकी जरूरत है.

लालचंद कटारिया का इस्तीफा नामंजूर
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Published : Jun 1, 2019, 8:24 PM IST

जपयुर. राजस्थान के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया का इस्तीफा मुख्यमंत्री सीएम अशोक गहलोत ने नामंजूर कर दिया है. सीएम गहलोत ने इस्तीफा नामंजूर करते हुए कहा कि इस विपरीत माहौल में सरकार को उनकी जरूरत है.

लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के 3 दिन बाद 26 मई को अचानक एक इस्तीफा बहुत चर्चाओं में आया. वह था राजस्थान के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया का. इस्तीफा जो इस्तीफे के तौर पर सामने नहीं आकर एक प्रेस विज्ञप्ति के तौर पर सामने आया और उसके बाद से मंत्री लालचंद कटारिया का फोन बंद रहा. ऐसे में कोई भी इस बात को कंफर्म नहीं कर सका कि क्या वाकई में लालचंद कटारिया ने इस्तीफा दे दिया है. लेकिन 31 मई को लालचंद कटारिया सीधे मुख्यमंत्री आवास पहुंचे और उन्होंने अपने निर्णय से मुख्यमंत्री को अवगत कराया और आधिकारिक रूप से अपना इस्तीफा यह कहते हुए दिया कि वह अपने विधानसभा क्षेत्र झोटवाड़ा से ही कांग्रेस को नहीं जितवा सके. ऐसे में उनकी नैतिक जिम्मेदारी होती है कि वह अपना इस्तीफा दे दें.

लालचंद कटारिया का इस्तीफा नामंजूर

वहीं, अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंत्री लालचंद कटारिया का इस्तीफा यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया है कि ऐसे वक्त में जब चुनाव में परिणाम पार्टी के अनुकूल नहीं आए हैं तो उसे देखते हुए हमारी नैतिक जिम्मेदारी बढ़ जाती है और आने वाली चुनौतियों का डटकर सामना करना है और प्रदेश में सुशासन देने में भागीदारी निभाना है. गहलोत ने कटारिया से यह भी कहा है कि उनके पास केंद्रीय मंत्री और कई बार विधायक रहने का अनुभव है जिसका फायदा सरकार और प्रदेश को उनके पद पर रहने पर मिल सकता है.

जपयुर. राजस्थान के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया का इस्तीफा मुख्यमंत्री सीएम अशोक गहलोत ने नामंजूर कर दिया है. सीएम गहलोत ने इस्तीफा नामंजूर करते हुए कहा कि इस विपरीत माहौल में सरकार को उनकी जरूरत है.

लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के 3 दिन बाद 26 मई को अचानक एक इस्तीफा बहुत चर्चाओं में आया. वह था राजस्थान के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया का. इस्तीफा जो इस्तीफे के तौर पर सामने नहीं आकर एक प्रेस विज्ञप्ति के तौर पर सामने आया और उसके बाद से मंत्री लालचंद कटारिया का फोन बंद रहा. ऐसे में कोई भी इस बात को कंफर्म नहीं कर सका कि क्या वाकई में लालचंद कटारिया ने इस्तीफा दे दिया है. लेकिन 31 मई को लालचंद कटारिया सीधे मुख्यमंत्री आवास पहुंचे और उन्होंने अपने निर्णय से मुख्यमंत्री को अवगत कराया और आधिकारिक रूप से अपना इस्तीफा यह कहते हुए दिया कि वह अपने विधानसभा क्षेत्र झोटवाड़ा से ही कांग्रेस को नहीं जितवा सके. ऐसे में उनकी नैतिक जिम्मेदारी होती है कि वह अपना इस्तीफा दे दें.

लालचंद कटारिया का इस्तीफा नामंजूर

वहीं, अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंत्री लालचंद कटारिया का इस्तीफा यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया है कि ऐसे वक्त में जब चुनाव में परिणाम पार्टी के अनुकूल नहीं आए हैं तो उसे देखते हुए हमारी नैतिक जिम्मेदारी बढ़ जाती है और आने वाली चुनौतियों का डटकर सामना करना है और प्रदेश में सुशासन देने में भागीदारी निभाना है. गहलोत ने कटारिया से यह भी कहा है कि उनके पास केंद्रीय मंत्री और कई बार विधायक रहने का अनुभव है जिसका फायदा सरकार और प्रदेश को उनके पद पर रहने पर मिल सकता है.

Intro:राजस्थान के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया का इस्तीफा मुख्यमंत्री ने किया ना मंजूर ,मंत्री कटारिया ने इस्तीफा यह कहते हुए दिया कि उनकी विधानसभा से हुई एक लाख की हार के बाद उनकी नैतिक जिम्मेदारी तो मुख्यमंत्री ने इस्तीफा यह कहते हुए किया इसे स्वीकार की विपरीत माहौल मे सरकार को है उनकी जरूरत


Body:लोकसभा चुनाव के नचदे आने के 3 दिन बाद 26 मई को अचानक एक इस्तीफा बहुत चर्चाओं में आया वह था राजस्थान के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया का इस्तीफा जो इस्तीफे के तौर पर सामने नहीं आ कर एक प्रेस विज्ञप्ति के तौर पर सामने आया और उसके बाद से लगातार मंत्री लालचंद कटारिया का फोन बंद रहा ऐसे में कोई भी इस बात को कंफर्म नहीं कर सका कि क्या वाकई में लालचंद कटारिया ने इस्तीफा दे दिया है लेकिन 31 मई को लालचंद कटारिया सीधे मुख्यमंत्री आवास पहुंचे और उन्होंने अपने निर्णय से मुख्यमंत्री को अवगत कराया और आधिकारिक रूप से अपना इस्तीफा यह कहते हुए दिया कि वह अपने विधानसभा क्षेत्र झोटवाड़ा से ही कांग्रेस को नहीं जितवा सके तो ऐसे में उनकी नैतिक जिम्मेदारी होती है कि वह अपना इस्तीफा दे दें लेकिन अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंत्री लालचंद कटारिया का इस्तीफा यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया है कि ऐसे वक्त में जब चुनाव में परिणाम पार्टी के अनुकूल नहीं आए हैं तो उसे देखते हुए हमारी नैतिक जिम्मेदारी बढ़ जाती है और आने वाली चुनौतियों का डटकर सामना करें और प्रदेश में सुशासन देने में भागीदारी निभाएं गहलोत ने कटारिया से यह भी कहा है कि उनके पास केंद्रीय मंत्री और कई बार विधायक रहने का अनुभव है जिसका फायदा सरकार और प्रदेश को उनके पद पर रहने पर मिल सकता है
पीटीसी अजीत


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