जयपुर. भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास के त्यौहार रक्षाबंधन के दिन बहनों को जेलों में कैद भाइयों को राखी बांधने की व्यवस्था की गई है. इसी क्रम में जयपुर, अजमेर, अलवर, धौलपुर समेत कई कारागारों में गुरुवार सुबह से ही बहनें अपने भाइयों से मिलने और उनको राखी बांधने के लिए पहुंच रही हैं. पिछले 2 सालों से कोरोना के चलते राखी बांधने की अनुमति नहीं दी गई थी. वहीं भाइयों को राखी बांधने के बाद बहनें भावुक हो गईं.
जयपुर सेंट्रल जेल में बंद अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए बहनों का गुरुवार सुबह से ही जयपुर सेंट्रल जेल पहुंचना जारी है. रक्षाबंधन त्यौहार को देखते हुए जेल प्रशासन ने भी सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं और साथ ही तीन स्तरीय सुरक्षा जांच के बाद ही बहनों को जेल परिसर के अंदर प्रवेश दिया जा रहा है. जयपुर सेंट्रल जेल अधीक्षक राकेश मोहन शर्मा ने बताया कि रक्षाबंधन का त्यौहार कैदियों के लिए भी एक बड़ा ही महत्वपूर्ण त्यौहार होता है. क्योंकि इस दिन वह कुछ देर के लिए ही सही लेकिन अपनी बहनों से मुलाकात कर पाते हैं.
सुरक्षा जांच के बाद दिया जा रहा प्रवेश: जयपुर सेंट्रल जेल अधीक्षक राकेश मोहन शर्मा ने बताया कि राखी बांधने (Rakhi Celebration In Jail) के लिए पहुंच रही बहनों का सबसे पहले रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है. रजिस्ट्रेशन के बाद कैदियों का नाम पुकारा जा रहा है. इसके बाद उनकी बहनों का सुरक्षा जांच केवल रक्षा सूत्र और मिठाई लेकर ही अंदर प्रवेश करने दिया जा रहा है. मुलाकात कक्ष में सलाखों के पीछे से ही बहनें भाइयों से मुलाकात कर रही हैं. उन्हें तिलक लगा, रक्षा सूत्र बांधकर मुंह मीठा करवा रही हैं.
भावुक हुई बहनें: जेल में बंद अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधते हुए बहनें भावुक हो गई. वहीं उन्होने भाइयों से आगे कोई (Sisters tied Rakhi to brothers in Jail) अपराध नहीं करने का संकल्प लिया. बहनों ने बताया कि उन्होंने अपने भाइयों से यह संकल्प लिया है कि वह आगे से ऐसा कोई भी काम नहीं करेंगे जिसके चलते उनका परिवार परेशान हो.
पुलिसकर्मियों को बांधी राखी: शहर के कोतवाली थाने में महिला सीएलजी सदस्यों और अन्य महिलाओं ने पुलिस अधिकारियों के साथ रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया. महिला कार्यकर्ताओं ने कोतवाली एसीपी कार्यालय में डीसीपी नॉर्थ परिस देशमुख और एसीपी कोतवाली सुरेश सांखला सहित अन्य पुलिसकर्मियों को राखी बांधकर तिरंगा भेंट किया. इस मौके पर पुलिसकर्मियों ने भी बालिकाओं और महिलाओं की सुरक्षा का वचन दिया.
धौलपुर में 3 साल बाद जेल में मनाई गई राखी: रक्षाबंधन का पर्व धौलपुर में धूमधाम से मनाया गया. धौलपुर जेल में भी 290 बंदियों के रक्षाबंधन मनाने के लिए पुलिस की ओर से बंदोबस्त किए गए. जेल में तीन जगह चेकिंग करने के बाद मुख्य गेट पर महिलाओं के लिए रोली, चंदन और चावल के साथ रक्षा सूत्र की व्यवस्था की गई. जेल अधीक्षक राम अवतार शर्मा ने बताया कि कोरोना के कारण 3 साल बाद सरकार के आदेश पर बहनों को भाइयों को राखी बांधने की इजाजत दी गई है. वहीं जेल में प्रवेश करने के लिए कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट अनिवार्य किया गया है.
कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ अजमेर जेल में मनाया गया रक्षाबंधन: अजमेर में रक्षाबंधन का त्यौहार हर्षोल्लास के (Rakhsha Bandhan Celebration) साथ मनाया जा रहा है. वहीं अजमेर के केंद्रीय कारागार में भी रक्षाबंधन का त्यौहार मनाने की इजाजत दी गई. इस दौरान दूरदराज से बहनें जेल में कैद भाईयों को राखी बांधने पहुंची. जेल अधिक्षक के अनुसार कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार बहनों को प्रवेश दिया जा रहा है. वहीं राखी बांधने के बाद बहनें और भाइयों की आंखें नम हो गई.
अलवर में 800 बंदियों को बांधी राखी: अलवर में कोरोना के चलते दो साल से जेल में रक्षाबंधन का कार्यक्रम नहीं हो पाया था. वहीं गुरुवार सुबह से राखी बांधने के लिए बड़ी संख्या में बहनें अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए जेल पहुंची. कोरोना गाइडलाइन के अनुसार जांच के बाद बहनों को जेल में बंद करीब 800 भाइयों को राखी बांधने की अनुमति दी गई. जेल प्रशासन की तरफ से बहनों को मिठाई ले जाने की अनुमति नहीं थी. वहीं राखी के मौके पर अलवर के केंद्रीय कारागार में उत्सव जैसा माहौल नजर आया. जेल प्रशासन ने कहा कि बंदियों के लिए इस मौके पर स्पेशल भोजन की भी व्यवस्था की जाती है.
झालावाड़ में पेड़ को बांधी राखी: झालावाड़ पुलिस अधीक्षक रिचा तोमर ने गुरुवार को रक्षाबंधन पर्व के अवसर पर खास नवाचार किया और झालरापाटन के स्मृति वन पहुंचकर पौधारोपण किया और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए पौधों को रक्षा सूत्र बांधे. इस दौरान एसपी रिचा तोमर ने कहा कि जिस तरह पौधों को पनपने के लिए संरक्षण की जरूरत होती है, उसी तरह नई पीढ़ी भी पौधों की तरह है, जिन्हें अभिभावकों, शिक्षकों तथा पुलिस की ओर से सही मार्गदर्शन देकर आगे बढ़ने में सहयोग करना चाहिए. नई पीढ़ी के युवाओं को वर्तमान समय के कानूनों तथा उनमें हो रहे बदलाव के साथ ही अच्छे व बुरे की समझ के लिए मार्गदर्शन देना जरूरी है, जिससे युवा पीढ़ी अपराधों से दूर रहते हुए संस्कारों के साथ आगे बढ़ सके.
सीकर में शहीद की प्रतिमा को बांधी राखी: सीकर के नीमकाथाना नेहरू पार्क के पास स्थित शहीद सुनील कुमार यादव की प्रतिमा पर शहीद की बहनें सुशीला एवं सुमन हर साल पहुंचकर राखी बांधती हैं. शहीद की बहनों ने कहा कि हमें हमारा भाई देश के लिए शहिद हुआ उसके लिए हमे गर्व है. इस बात का दुख भी है कि वह अब उनके बीच नहीं रहे. वहीं गणेश्वर इलाके के सालावाली के शहीद गोकुल चंद यादव की बहन ने भी शहीद की प्रतिमा को रक्षा सूत्र बांधा. शहीद की बड़ी बहन सुनीता हर वर्ष नाहरेड़ा से गणेश्वर रक्षाबंधन और भाई दूज पर आती हैं और प्रतिमा पर रक्षासूत्र बंधती हैं.