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2 साल से इंतजार में कांग्रेस कार्यकर्ता...31 जनवरी तक राजनीतिक नियुक्तियों का समय भी निकला

अजय माकन मंगलवार को जयपुर पहुंचेंगे, लेकिन उससे पहले राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर चर्चा का दौर शुरू हो गया है. 2 साल से इंतजार कर रहा कांग्रेस कार्यकर्ता अब भी अपने लिए नियुक्तियों के इंतजार में है, क्योंकि राजस्थान प्रभारी अजय माकन की 31 जनवरी तक राजनीतिक नियुक्तियों की घोषणा का समय भी समाप्त हो चुका है. देखिये जयपुर से ये विशेष रिपोर्ट...

rajasthan in charge ajay maken
2 साल से इंतजार में कांग्रेस कार्यकर्ता...
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Published : Feb 1, 2021, 7:22 PM IST

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन मंगलवार शाम जयपुर पहुंचेंगे. माकन के आने से पहले शायद इस बार हर कांग्रेस कार्यकर्ता उनसे यही सवाल करता हुआ नजर आएगा कि जिन राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर उन्होंने 31 जनवरी तक का समय तय किया था, वह समय अब निकल चुका है. बावजूद इसके, कांग्रेस कार्यकर्ताओं को राजनीतिक नियुक्तियां नहीं मिली हैं.

2 साल से इंतजार में कांग्रेस कार्यकर्ता...

दरअसल, यह पहली बार नहीं है कि अजय माकन का तय किया गया समय निकला हो, क्योंकि इससे पहले अजय माकन ने 31 दिसंबर तक संगठन के गठन की भी घोषणा की थी, लेकिन उस तय समय में राजस्थान कांग्रेस का संगठन नहीं बन सका था. इसके बाद अब अजय माकन की राजनीतिक नियुक्तियों के लिए तय की गई 31 जनवरी की समय सीमा भी समाप्त हो चुकी है.

पढ़ें : केंद्रीय बजट को मंत्री खाचरियावास ने बताया भाजपा का 'फरेब'...तो संयम लोढ़ा ने कह दी ये बड़ी बात, खुद सुनिये

राजनीतिक नियुक्तियों में अभी लगेगा समय...

भले ही अजय माकन ने 31 जनवरी तक प्रदेश में होने वाली करीब 30,000 राजनीतिक नियुक्तियों के किए जाने की बात कही थी, लेकिन यह राजनीतिक नियुक्तियां अभी होती हुई नहीं दिखाई दे रही हैं. दरअसल, इसके पीछे एक कारण यह भी है कि कांग्रेस पार्टी ने राजनीतिक नियुक्तियों के लिए नया फॉर्मूला बना लिया है, जिसके चलते अब राजनीतिक नियुक्तियों के लिए कार्यकर्ताओं के नाम दोबारा लिए जा रहे हैं. नए फॉर्मूले के तहत कांग्रेस पार्टी ने यह तय किया है कि बीते 6 महीने में हुए अलग-अलग चुनाव जिनमें निकाय निगम और पंचायती राज चुनाव शामिल है. चुनाव लड़ चुके प्रत्याशियों को राजनीतिक नियुक्तियों से दूर रखा जाएगा. ऐसे में प्रदेश में करीब 13,000 वह प्रत्याशी हैं जिन्होंने चुनाव लड़ा है और उन्हें राजनीतिक नियुक्तियों से बाहर किया जाएगा. इन 13,000 नेताओं में ज्यादातर लोग वह हैं जिनका नाम जिला स्तरीय राजनीतिक नियुक्तियों में शामिल था.

2 साल से कर रहे हैं कार्यकर्ता राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार...

राजस्थान में कांग्रेस का कार्यकर्ता राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार सरकार बनने के बाद से कर रहा है. हर किसी को उम्मीद थी कि विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के नतीजे में उन्हें राजनीतिक नियुक्तियां दी जाएंगी, लेकिन विधानसभा चुनाव के 6 महीने के अंतराल में ही लोकसभा चुनाव आ गए और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी सभी 25 लोकसभा सीटें गंवा बैठी. ऐसे में कार्यकर्ता राजनीतिक नियुक्तियां मांगने से कुछ दिनों के लिए कतराने लगा. वहीं, दिसंबर महीने में एक बार फिर राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर हलचल शुरू हुई और तत्कालीन प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने मार्च 2020 तक यह काम पूरा करने की घोषणा की, लेकिन राजनीतिक नियुक्तियों के लिए नाम तैयार ही हो रहे थे कि देश में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन हो गया और उसके बाद जुलाई 2020 में कांग्रेस के 19 विधायक बागी हो गए.

पढ़ें : मुख्यमंत्री गहलोत ने केंद्रीय बजट को बताया 'पांच चुनावी राज्य बजट'...

जिसके बाद राजनीतिक नियुक्तियों पर पूरी तरीके से ब्रेक लग गया. अगस्त महीने में अविनाश पांडे की जगह अजय माकन को राजस्थान का नया प्रभारी बनाया गया और उन्होंने 31 जनवरी तक राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियों को किए जाने की घोषणा की, लेकिन अब वह समय भी निकल चुका है. ऐसे में 2 साल से राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार कर रहा कांग्रेस कार्यकर्ता खाली हाथ टकटकी लगाकर सरकार और अपने नए प्रभारी की ओर देख रहा है.

पायलट कैंप के विधायकों को दिया जा सकता है बिना पोर्टफोलियो के मंत्री पद...

हालांकि, प्रदेश में वैसे तो अब यह तय हो चुका है कि कैबिनेट में किसी तरीके का फेरबदल अप्रैल महीने से पहले नहीं होगा, लेकिन अजय माकन के मंगलवार से शुरू हो रहे राजस्थान के दौरे से पहले यह चर्चा भी चल रही है कि बजट सत्र शुरू होने से पहले पायलट कैंप के दो या तीन विधायकों को मंत्री पद दिया जा सकता है. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि यह मंत्री पद फिलहाल बजट सत्र को देखते हुए बिना पोर्टफोलियो का हो सकता है और किसी भी मंत्री को हटाया नहीं जाएगा. हालांकि, यह केवल कयास ही है

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन मंगलवार शाम जयपुर पहुंचेंगे. माकन के आने से पहले शायद इस बार हर कांग्रेस कार्यकर्ता उनसे यही सवाल करता हुआ नजर आएगा कि जिन राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर उन्होंने 31 जनवरी तक का समय तय किया था, वह समय अब निकल चुका है. बावजूद इसके, कांग्रेस कार्यकर्ताओं को राजनीतिक नियुक्तियां नहीं मिली हैं.

2 साल से इंतजार में कांग्रेस कार्यकर्ता...

दरअसल, यह पहली बार नहीं है कि अजय माकन का तय किया गया समय निकला हो, क्योंकि इससे पहले अजय माकन ने 31 दिसंबर तक संगठन के गठन की भी घोषणा की थी, लेकिन उस तय समय में राजस्थान कांग्रेस का संगठन नहीं बन सका था. इसके बाद अब अजय माकन की राजनीतिक नियुक्तियों के लिए तय की गई 31 जनवरी की समय सीमा भी समाप्त हो चुकी है.

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राजनीतिक नियुक्तियों में अभी लगेगा समय...

भले ही अजय माकन ने 31 जनवरी तक प्रदेश में होने वाली करीब 30,000 राजनीतिक नियुक्तियों के किए जाने की बात कही थी, लेकिन यह राजनीतिक नियुक्तियां अभी होती हुई नहीं दिखाई दे रही हैं. दरअसल, इसके पीछे एक कारण यह भी है कि कांग्रेस पार्टी ने राजनीतिक नियुक्तियों के लिए नया फॉर्मूला बना लिया है, जिसके चलते अब राजनीतिक नियुक्तियों के लिए कार्यकर्ताओं के नाम दोबारा लिए जा रहे हैं. नए फॉर्मूले के तहत कांग्रेस पार्टी ने यह तय किया है कि बीते 6 महीने में हुए अलग-अलग चुनाव जिनमें निकाय निगम और पंचायती राज चुनाव शामिल है. चुनाव लड़ चुके प्रत्याशियों को राजनीतिक नियुक्तियों से दूर रखा जाएगा. ऐसे में प्रदेश में करीब 13,000 वह प्रत्याशी हैं जिन्होंने चुनाव लड़ा है और उन्हें राजनीतिक नियुक्तियों से बाहर किया जाएगा. इन 13,000 नेताओं में ज्यादातर लोग वह हैं जिनका नाम जिला स्तरीय राजनीतिक नियुक्तियों में शामिल था.

2 साल से कर रहे हैं कार्यकर्ता राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार...

राजस्थान में कांग्रेस का कार्यकर्ता राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार सरकार बनने के बाद से कर रहा है. हर किसी को उम्मीद थी कि विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के नतीजे में उन्हें राजनीतिक नियुक्तियां दी जाएंगी, लेकिन विधानसभा चुनाव के 6 महीने के अंतराल में ही लोकसभा चुनाव आ गए और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी सभी 25 लोकसभा सीटें गंवा बैठी. ऐसे में कार्यकर्ता राजनीतिक नियुक्तियां मांगने से कुछ दिनों के लिए कतराने लगा. वहीं, दिसंबर महीने में एक बार फिर राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर हलचल शुरू हुई और तत्कालीन प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने मार्च 2020 तक यह काम पूरा करने की घोषणा की, लेकिन राजनीतिक नियुक्तियों के लिए नाम तैयार ही हो रहे थे कि देश में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन हो गया और उसके बाद जुलाई 2020 में कांग्रेस के 19 विधायक बागी हो गए.

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जिसके बाद राजनीतिक नियुक्तियों पर पूरी तरीके से ब्रेक लग गया. अगस्त महीने में अविनाश पांडे की जगह अजय माकन को राजस्थान का नया प्रभारी बनाया गया और उन्होंने 31 जनवरी तक राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियों को किए जाने की घोषणा की, लेकिन अब वह समय भी निकल चुका है. ऐसे में 2 साल से राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार कर रहा कांग्रेस कार्यकर्ता खाली हाथ टकटकी लगाकर सरकार और अपने नए प्रभारी की ओर देख रहा है.

पायलट कैंप के विधायकों को दिया जा सकता है बिना पोर्टफोलियो के मंत्री पद...

हालांकि, प्रदेश में वैसे तो अब यह तय हो चुका है कि कैबिनेट में किसी तरीके का फेरबदल अप्रैल महीने से पहले नहीं होगा, लेकिन अजय माकन के मंगलवार से शुरू हो रहे राजस्थान के दौरे से पहले यह चर्चा भी चल रही है कि बजट सत्र शुरू होने से पहले पायलट कैंप के दो या तीन विधायकों को मंत्री पद दिया जा सकता है. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि यह मंत्री पद फिलहाल बजट सत्र को देखते हुए बिना पोर्टफोलियो का हो सकता है और किसी भी मंत्री को हटाया नहीं जाएगा. हालांकि, यह केवल कयास ही है

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