जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर के परकोटे के भीतर नगर निगम की ओर से चिन्हित किए गए अवैध निर्माणों की जांच के लिए प्रमुख सचिव यूडीएच की अध्यक्षता में कमेटी गठन के आदेश दिए हैं. अदालत ने कहा है कि कमेटी इन संपत्तियों के मालिकों को सुनवाई का मौका देकर उनके दस्तावेजों की जांच करेगा और उसकी रिपोर्ट चार सप्ताह में हाईकोर्ट में पेश की जाएगी.
अदालत ने नगर निगम को कमेटी की ओर से पेश होने वाली रिपोर्ट पर कार्रवाई करने के लिए कहा है. अदालत ने सिविल न्यायालयों को पाबंद किया है कि वो इन संपत्तियों के संबंध में किसी भी तरह का स्टे आदेश जारी नहीं करेंगे. मुख्य न्यायाधीश एस. रविन्द्र भट्ट और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए.
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सुनवाई के दौरान न्याय मित्र और अधिवक्ता विमल चौधरी की ओर से कहा गया कि निगम ने अब तक हुए सर्वे के मुताबिक सूची पेश कर 19 निर्माणों को पूर्ण अवैध, 12 निर्माणों को आंशिक अवैध और 112 अन्य निर्माणों को मामूली अनियमितता वाला बताकर तीन चरणों में कार्रवाई करने की जानकारी दी है. ऐसे में पूरे परकोटा क्षेत्र का सर्वे कर सभी अवैध निर्माणों की सूची अदालत में पेश की जाए.
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सुनवाई के दौरान पदोन्नति की जानकारी
प्रकरण में सुनवाई के फौरन बाद कोर्ट के स्टाफ ने आकर केंद्र से आई मुख्य न्यायाधीश की सुप्रीम कोर्ट जज के तौर पर पदोन्नति की जानकारी दी. इस पर नैतिकता दिखाते हुए सीजे भट्ट प्रकरण की सुनवाई के बाद अदालत से उठकर अपने कक्ष में चले गए और अन्य मामलों पर सुनवाई नहीं की.