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घटना से पहले कार जब्त मामला: राजस्थान HC ने फुटेज पुलिस को देने से पहले एक कॉपी अलग रखने को कहा - Jaipur News

राजस्थान हाईकोर्ट ने मादक पदार्थ तस्करी को लेकर घटना से पहले कार जब्त करने के मामले में सुनवाई की. जिसमें कोर्ट ने एसबीआई बैंक को सीसीटीवी फुटेज पुलिस को देने से पहले एक कॉपी अलग से सुरक्षित रखने को कहा है.

राजस्थान हाईकोर्ट, जयपुर न्यूज
राजस्थान हाईकोर्ट ने मादक पदार्थ तस्करी पर फैसला
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Published : Mar 1, 2021, 9:17 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मादक पदार्थ तस्करी को लेकर घटना से कई घंटों पहले कार जब्त करने के मामले में एसबीआई बैंक को संबंधित सीसीटीवी फुटेज पुलिस को देने से पहले एक कॉपी अलग से सुरक्षित रखने को कहा है. अदालत ने रजिस्ट्रार न्यायिक को कहा है कि वे इस संबंध में बैंक को पत्र लिखें.

वहीं अदालत ने 3 मार्च को केस डायरी भी तलब की है. न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह आदेश राजेश गुर्जर व अन्य की जमानत याचिका पर दिए. जमानत याचिका में कहा गया कि रामनगरिया थाना पुलिस गत 19 नवंबर को रात आठ बजकर पन्द्रह मिनट पर जिस कार को रोककर तीन किलोग्राम से अधिक गांजा जब्त करना बता रही है. उस कार को दोपहर में ही महल रोड स्थित एसबीआई बैंक के बाहर से क्रेन के जरिए उठा लिया गया था. जिसकी फुटेज बैंक के सीसीटीवी में दर्ज हो गई थी. ऐसे में पुलिस की यह कार्रवाई फर्जी है. इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए.

यह भी पढ़ें. मंत्रियों और विधायकगणों का कोराना काल में रोका गया वेतन जल्द मिलेगा, राज्य के वित्त विभाग ने जारी किए आदेश

जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील शेरसिंह महला ने कहा कि 19 नवंबर की रात संबंधित कार को पीछाकर नाकेबंदी में पकडा गया था. तलाशी में कार में से तीन किलो सात सौ ग्राम गांजा बरामद हुआ था. कार में सवार दो लोगों ने पूछताछ में बताया कि वह याचिकाकर्ता से गांजा खरीद कर लाए थे. वहीं यदि अदालत चाहे तो सीसीटीवी फुटेज देख सकती है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने सीसीटीवी फुटेज को लेकर दिशा-निर्देश दिए हैं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मादक पदार्थ तस्करी को लेकर घटना से कई घंटों पहले कार जब्त करने के मामले में एसबीआई बैंक को संबंधित सीसीटीवी फुटेज पुलिस को देने से पहले एक कॉपी अलग से सुरक्षित रखने को कहा है. अदालत ने रजिस्ट्रार न्यायिक को कहा है कि वे इस संबंध में बैंक को पत्र लिखें.

वहीं अदालत ने 3 मार्च को केस डायरी भी तलब की है. न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह आदेश राजेश गुर्जर व अन्य की जमानत याचिका पर दिए. जमानत याचिका में कहा गया कि रामनगरिया थाना पुलिस गत 19 नवंबर को रात आठ बजकर पन्द्रह मिनट पर जिस कार को रोककर तीन किलोग्राम से अधिक गांजा जब्त करना बता रही है. उस कार को दोपहर में ही महल रोड स्थित एसबीआई बैंक के बाहर से क्रेन के जरिए उठा लिया गया था. जिसकी फुटेज बैंक के सीसीटीवी में दर्ज हो गई थी. ऐसे में पुलिस की यह कार्रवाई फर्जी है. इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए.

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जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील शेरसिंह महला ने कहा कि 19 नवंबर की रात संबंधित कार को पीछाकर नाकेबंदी में पकडा गया था. तलाशी में कार में से तीन किलो सात सौ ग्राम गांजा बरामद हुआ था. कार में सवार दो लोगों ने पूछताछ में बताया कि वह याचिकाकर्ता से गांजा खरीद कर लाए थे. वहीं यदि अदालत चाहे तो सीसीटीवी फुटेज देख सकती है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने सीसीटीवी फुटेज को लेकर दिशा-निर्देश दिए हैं.

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