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जयपुर में रेलवे के निजीकरण को लेकर प्रर्दशन

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Published : Jan 2, 2020, 7:13 PM IST

रेलवे के निजीकरण के विरोध में नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन ने जयपुर जंक्शन पर विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही 2 जनवरी से 7 जनवरी तक मामले में विरोध सप्ताह मनाया जाएगा.

रेलवे निजीकरण विरोध प्रर्दशन, Railway privatization protest
रेलवे निजीकरण विरोध प्रर्दशन

जयपुर. रेलवे निजीकरण के विरोध में सैकड़ों की संख्या में रेलवे कर्मचारियों ने नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के नेतृत्व में जयपुर जंक्शन पर विरोध प्रदर्शन किया. रेलवे कर्मचारियों ने रैली और मानव श्रृंखला बनाकर रेलवे स्टेशन परिसर में विरोध प्रदर्शन किया.

वहीं यूनियन ने रेलवे स्टेशन पर आने वाले यात्रियों को भी रेलवे के निजीकरण से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी और इस आंदोलन में सहयोग देने की अपील की. यूनियन के मंडल मंत्री आर. के सिंह ने कहा कि रेलवे का निजीकरण होने से यात्रियों को भी काफी नुकसान होगा. अगर रेल प्राइवेट हाथों में चली जाएगी, तो किराया भी मनमाना वसूला जाएगा और रेलवे की सभी सेवाएं महंगी हो जाएंगी. जिससे कि एक गरीब व्यक्ति की जेब पर मार पड़ेगी.

रेलवे के निजीकरण को लेकर हुआ विरोध प्रर्दशन

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने रेलवे को निजी हाथों में देने की तैयारी कर ली है. दो ट्रेनों को प्राइवेट हाथों में दे दिया गया है. जो कि तेजस एक्सप्रेस के नाम से संचालित की जा रही हैं. जिनमें यात्रीयों के लिए सुविधाएं भी काफी महंगी है. अगर ऐसे ही रेलवे प्राइवेट हाथों में चला गया, तो गरीब लोगों का ट्रेनों में यात्रा करना मुश्किल हो जाएगा.

पढ़ें: Special: करोड़ों की लागत से हेरिटेज लुक वाला बृज विवि का नया भवन तैयार, अगले सप्ताह लोकार्पण

बता दें कि ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के आह्वान पर देशभर में रेलवे कर्मचारी विरोध सप्ताह मना रहे हैं. जो कि 2 जनवरी से 7 जनवरी तक मनाया जाएगा. नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन ने केंद्र सरकार की नीतियों और रेलवे को निजी हाथों में देने का विरोध जताया. इसके साथ ही कर्मचारियों की न्यू पेंशन स्कीम की जगह ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की मांग भी की.

यूनियन के मंडल मंत्री आर. के सिंह के अनुसार 150 मुख्य स्टेशनों और ट्रेनों को निजी हाथों में देने की तैयारी की जा रही है. उन्होंने कहा कि हम किसी सरकार के खिलाफ नहीं हैं, केवल रेल को बचाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं. रेल देश की जनता की जागीर है. रेलवे के निजीकरण को नहीं रोका गया, तो आखिर में जरूरत पड़ने पर रेल को रोकने का काम भी करेंगे.

नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के मंडल अध्यक्ष मुकेश चतुर्वेदी ने बताया कि निजीकरण को बढ़ावा देना यात्रियों और कर्मचारियों के हित में नहीं है. इसके साथ ही न्यू पेंशन स्कीम की जगह ओल्ड पेंशन स्कीम लागू होनी चाहिए. इन सभी के विरोध में 2 जनवरी से 7 जनवरी तक विरोध सप्ताह मनाया जा रहा है.

जयपुर. रेलवे निजीकरण के विरोध में सैकड़ों की संख्या में रेलवे कर्मचारियों ने नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के नेतृत्व में जयपुर जंक्शन पर विरोध प्रदर्शन किया. रेलवे कर्मचारियों ने रैली और मानव श्रृंखला बनाकर रेलवे स्टेशन परिसर में विरोध प्रदर्शन किया.

वहीं यूनियन ने रेलवे स्टेशन पर आने वाले यात्रियों को भी रेलवे के निजीकरण से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी और इस आंदोलन में सहयोग देने की अपील की. यूनियन के मंडल मंत्री आर. के सिंह ने कहा कि रेलवे का निजीकरण होने से यात्रियों को भी काफी नुकसान होगा. अगर रेल प्राइवेट हाथों में चली जाएगी, तो किराया भी मनमाना वसूला जाएगा और रेलवे की सभी सेवाएं महंगी हो जाएंगी. जिससे कि एक गरीब व्यक्ति की जेब पर मार पड़ेगी.

रेलवे के निजीकरण को लेकर हुआ विरोध प्रर्दशन

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने रेलवे को निजी हाथों में देने की तैयारी कर ली है. दो ट्रेनों को प्राइवेट हाथों में दे दिया गया है. जो कि तेजस एक्सप्रेस के नाम से संचालित की जा रही हैं. जिनमें यात्रीयों के लिए सुविधाएं भी काफी महंगी है. अगर ऐसे ही रेलवे प्राइवेट हाथों में चला गया, तो गरीब लोगों का ट्रेनों में यात्रा करना मुश्किल हो जाएगा.

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बता दें कि ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के आह्वान पर देशभर में रेलवे कर्मचारी विरोध सप्ताह मना रहे हैं. जो कि 2 जनवरी से 7 जनवरी तक मनाया जाएगा. नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन ने केंद्र सरकार की नीतियों और रेलवे को निजी हाथों में देने का विरोध जताया. इसके साथ ही कर्मचारियों की न्यू पेंशन स्कीम की जगह ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की मांग भी की.

यूनियन के मंडल मंत्री आर. के सिंह के अनुसार 150 मुख्य स्टेशनों और ट्रेनों को निजी हाथों में देने की तैयारी की जा रही है. उन्होंने कहा कि हम किसी सरकार के खिलाफ नहीं हैं, केवल रेल को बचाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं. रेल देश की जनता की जागीर है. रेलवे के निजीकरण को नहीं रोका गया, तो आखिर में जरूरत पड़ने पर रेल को रोकने का काम भी करेंगे.

नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के मंडल अध्यक्ष मुकेश चतुर्वेदी ने बताया कि निजीकरण को बढ़ावा देना यात्रियों और कर्मचारियों के हित में नहीं है. इसके साथ ही न्यू पेंशन स्कीम की जगह ओल्ड पेंशन स्कीम लागू होनी चाहिए. इन सभी के विरोध में 2 जनवरी से 7 जनवरी तक विरोध सप्ताह मनाया जा रहा है.

Intro:जयपुर
एंकर- रेलवे के निजीकरण के विरोध में आज सैकड़ों की संख्या में रेलवे कर्मचारियों ने नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के नेतृत्व में जयपुर जंक्शन पर विरोध प्रदर्शन किया। रेलवे कर्मचारियों ने रैली और मानव श्रृंखला बनाकर रेलवे स्टेशन परिसर में विरोध प्रदर्शन किया।


Body:नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन ने रेलवे स्टेशन पर आने वाले यात्रियों को भी रेलवे के निजीकरण से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी और इस आंदोलन में सहयोग देने की अपील की। नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लोई यूनियन के मंडल मंत्री आरके सिंह ने कहा कि रेलवे का निजीकरण होने से यात्रियों को भी काफी नुकसान होगा। अगर रेल प्राइवेट हाथों में चली जाएगी, तो किराया भी मनमाना वसूला जाएगा और रेलवे की सभी सेवाएं महंगी हो जाएंगी, जो कि एक गरीब व्यक्ति जेब पर मार पड़ेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने रेलवे को निजी हाथों में देने की तैयारी कर ली है। दो ट्रेनों को प्राइवेट हाथों में दे दिया गया है। जो कि तेजस एक्सप्रेस के नाम से संचालित की जा रही है। जिनमें यात्री सुविधाएं भी काफी महंगी है। अगर ऐसे ही रेलवे प्राइवेट हाथों में चला गया तो गरीब लोगों का ट्रेनों में यात्रा करना मुश्किल हो जाएगा।

ऑल इंडिया रेलवेमेंन फेडरेशन के आह्वान पर देशभर में रेलवे कर्मचारी विरोध सप्ताह मना रहे हैं। नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन 2 जनवरी से 7 जनवरी तक विरोध सप्ताह मना रही है। नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन ने केंद्र सरकार की नीतियों और रेलवे को निजी हाथों में देने का विरोध जताया। इसके साथ ही कर्मचारियों की न्यू पेंशन स्कीम की जगह ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की मांग भी की।

नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के मंडल मंत्री आरके सिंह ने बताया कि भारत सरकार की नीतियों के खिलाफ पूरे देश में 2 जनवरी से 7 जनवरी तक यह मैसेज देने का काम किया जाएगा कि यह रेल बिक रही है। देश की जनता की रेल को प्राइवेट हाथों में बेचकर पूंजीपतियों की जेब भरने का काम किया जा रहा है। जिसके खिलाफ रेलवे कर्मचारी सड़कों पर उतर रहे हैं। उन्होंने देश की जनता से आह्वान करते हुए कहा कि सुलभ और सुरक्षित तरीके से यात्रा करने का साधन रेल प्राइवेट हाथों में जा रही। तेजस एक्सप्रेस के नाम से दो प्राइवेट ट्रेनें चलाई गई है। एक तेजस दिल्ली से लखनऊ तक और दूसरी तेजस एक्सप्रेस अहमदाबाद से चंडीगढ़ तक चलाई जा रही है। जिनका किराया भी महंगा है। जिसमें आम आदमी यात्रा नहीं कर पाएगा। 150 मुख्य स्टेशनों और ट्रेनों को निजी हाथों में देने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि हम किसी सरकार के खिलाफ नहीं है केवल रेल को बचाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। रेल देश की जनता की जागीर है। रेलवे के निजीकरण को नहीं रोका गया तो आखिर में जरूरत पड़ने पर रेल को रोकने का काम भी करेंगे।





Conclusion:नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के मंडल अध्यक्ष मुकेश चतुर्वेदी ने बताया कि निजीकरण को बढ़ावा देना यात्रियों और कर्मचारियों के हित में नहीं है। इसके साथ ही न्यू पेंशन स्कीम की जगह ओल्ड पेंशन स्कीम लागू होनी चाहिए। इन सभी के विरोध में 2 जनवरी से 7 जनवरी तक विरोध सप्ताह मनाया जा रहा है।

बाईट- आरके सिंह, मंडल मंत्री, नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लोईज यूनियन
बाईट- मुकेश चतुर्वेदी मंडल अध्यक्ष नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लोईज यूनियन


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