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राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने Corona के हालातों पर सभी राज्यों के राज्यपालों से की VC

वैश्विक महामारी बने कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर किए जा रहे प्रयासों का फीडबैक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति वेकैंया नायडू ने शुक्रवार को देश भर के राज्यपालों और उपराज्यपालों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लिया.

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सभी राज्यों के राज्यपालों से की VC
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Published : Mar 27, 2020, 8:40 PM IST

जयपुर. प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र ने प्रदेश सरकार की ओर से कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों से अवगत करवाया. इस दौरान मिश्र ने देश के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को राज्य में कोरोना की स्थिति और इस वैश्विक बीमारी से राज्य को बचाने के लिए किये जा रहे उपायों और नवाचारों के बारे में वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी.

सभी राज्यों के राज्यपालों से की VC

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उप राष्ट्रपति एम. वेकैंया नायडू ने विभिन्न राज्यों के राज्यपालों और उप राज्यपालों के साथ कोविड-19 पर परिचर्चा की. राष्ट्रपति ने कहा कि राज्यों में राज्यपाल राज्य सरकारों को अच्छे मशविरे दें. राज्य सरकार के साथ एकजुट होकर इस वैश्विक महामारी को मात दें. राज्य में इसकी नियमित समीक्षा करें. उन्होंने कहा कि इस महामारी से बचाव के प्रयासों में देशवासियों ने सराहनीय सहयोग दिया है.

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राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा देश विकासशील है. हमें देश को बचाने के लिए प्रयास करने हैं. राज्यपाल की राज्य में महत्वपूर्ण भूमिका होती है. राज्यपालों को अपने राज्यों में इस वैश्विक महामारी से बचाव के प्रयासों में पहल करनी होगी. राज्यपालों को अपने-अपने राज्य के मुख्यमंत्री से लगातार संवाद करना चाहिए. राष्ट्रपति ने सुझाव दिया कि ऐसा प्रयास करें कि सप्ताह में एक समीक्षा बैठक आवश्यक रूप से हो सके.

वहीं उपराष्ट्रपति ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग के लिए लोगों को जागरुक करें. उन्होंने कहा कि जागरूकता कार्यों में विश्वविद्यालयों का सहयोग लें. राज्य सरकारों को मोटिवेट करें. निजी अस्पतालों और धार्मिक संस्थाओं को आगे आने के लिए प्रेरित करें. राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि राजस्थान में कोरोना वैश्विक महामारी को मात देने में सभी लोग एकजुट हैं. राज्य सरकार के साथ वे निरन्तर सम्पर्क में हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री से उनकी प्रतिदिन इस सम्बन्ध में चर्चा हो रही है.

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राज्यपाल ने बताया कि राजस्थान में घर-घर सर्वे कराया गया है. रैपिड रेसपोंस टीम का गठन किया गया है. गत 13 मार्च को राज्य के मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) के साथ बैठक कर राज्यपाल ने राज्य सरकार को महत्वपूर्ण सुझाव दिये हैं. इस बीमारी से लड़ने में आर्थिक सहयोग हेतु मुख्यमंत्री सहायता कोष में कोविड-19 कोष का निर्माण किया गया है, जिसमें राज्यपाल ने अपना एक माह का वेतन, राज्यपाल सहायता कोष से बीस लाख रुपये और राजभवन के अधिकारियों व कर्मचारियों का एक दिन का वेतन दिया गया है.

राज्यपाल ने कहा कि राज्य में जागरूकता के निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के उपाय तथा लॉक डाउन के दौरान घरों में रह रहे लोग विशेषतः गरीब और वंचित वर्गों के रोजमर्रा की आवश्यकताओं की पूर्ति में राज्य स्तरीय रेडक्रास एवं जिला इकाईयां अपने सदस्य नेटवर्क द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं. इस क्रम मे राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 संबंधी रोकथाम, नियंत्रण, जांच, उपचार आदि कार्रवाई हेतु रेडक्रास सोसायटी से समन्वय किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के स्तर पर स्वयंसेवी संस्थाओं अन्य सिविल संगठनों एवं निजी चिकित्सक संगठनों से कोविड-19 के नियंत्रण के सम्बन्ध में आवश्यक सहयोग प्राप्त करने हेतु भी समन्वय किया जा रहा है. राज्यपाल ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को बताया कि राज्य में संदिग्ध कोरोना यात्रियों/व्यक्तियों को निगरानी में रखने हेतु सभी जिलों में क्वारेनटाइन सेन्टर चिन्हित किये गये हैं. इन सेन्टरों पर कुल बेड संख्या एक लाख किया जाना प्रस्तावित है, जिस हेतु वर्तमान में 25 हजार 911 बेड चिन्हित कर लिये गये हैं.

राज्यपाल कलराज मिश्र ने राज्य में कोविड-19 की स्थिति, इस कार्य में रेड क्रास, सिविल सोसायटी व स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका और इस वैश्विक महामारी से बचाव के लिए राज्य में किये जा रहे प्रयासों व नवाचारों के बारे में विस्तार से राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को बताया. बता दें कि देश के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने सभी राज्यों के राज्यपाल व उपराज्यपालों से कोविड-19 के हालातों की समीक्षा की. इसमें राजस्थान सहित पन्द्रह राज्यों के राज्यपाल और उपराज्यपालों ने कोरोना वैश्विक महामारी के हालातों की बारे में अपने राज्य की स्थिति को विस्तार से प्रस्तुत किया.

जयपुर. प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र ने प्रदेश सरकार की ओर से कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों से अवगत करवाया. इस दौरान मिश्र ने देश के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को राज्य में कोरोना की स्थिति और इस वैश्विक बीमारी से राज्य को बचाने के लिए किये जा रहे उपायों और नवाचारों के बारे में वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी.

सभी राज्यों के राज्यपालों से की VC

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उप राष्ट्रपति एम. वेकैंया नायडू ने विभिन्न राज्यों के राज्यपालों और उप राज्यपालों के साथ कोविड-19 पर परिचर्चा की. राष्ट्रपति ने कहा कि राज्यों में राज्यपाल राज्य सरकारों को अच्छे मशविरे दें. राज्य सरकार के साथ एकजुट होकर इस वैश्विक महामारी को मात दें. राज्य में इसकी नियमित समीक्षा करें. उन्होंने कहा कि इस महामारी से बचाव के प्रयासों में देशवासियों ने सराहनीय सहयोग दिया है.

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राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा देश विकासशील है. हमें देश को बचाने के लिए प्रयास करने हैं. राज्यपाल की राज्य में महत्वपूर्ण भूमिका होती है. राज्यपालों को अपने राज्यों में इस वैश्विक महामारी से बचाव के प्रयासों में पहल करनी होगी. राज्यपालों को अपने-अपने राज्य के मुख्यमंत्री से लगातार संवाद करना चाहिए. राष्ट्रपति ने सुझाव दिया कि ऐसा प्रयास करें कि सप्ताह में एक समीक्षा बैठक आवश्यक रूप से हो सके.

वहीं उपराष्ट्रपति ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग के लिए लोगों को जागरुक करें. उन्होंने कहा कि जागरूकता कार्यों में विश्वविद्यालयों का सहयोग लें. राज्य सरकारों को मोटिवेट करें. निजी अस्पतालों और धार्मिक संस्थाओं को आगे आने के लिए प्रेरित करें. राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि राजस्थान में कोरोना वैश्विक महामारी को मात देने में सभी लोग एकजुट हैं. राज्य सरकार के साथ वे निरन्तर सम्पर्क में हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री से उनकी प्रतिदिन इस सम्बन्ध में चर्चा हो रही है.

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राज्यपाल ने बताया कि राजस्थान में घर-घर सर्वे कराया गया है. रैपिड रेसपोंस टीम का गठन किया गया है. गत 13 मार्च को राज्य के मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) के साथ बैठक कर राज्यपाल ने राज्य सरकार को महत्वपूर्ण सुझाव दिये हैं. इस बीमारी से लड़ने में आर्थिक सहयोग हेतु मुख्यमंत्री सहायता कोष में कोविड-19 कोष का निर्माण किया गया है, जिसमें राज्यपाल ने अपना एक माह का वेतन, राज्यपाल सहायता कोष से बीस लाख रुपये और राजभवन के अधिकारियों व कर्मचारियों का एक दिन का वेतन दिया गया है.

राज्यपाल ने कहा कि राज्य में जागरूकता के निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के उपाय तथा लॉक डाउन के दौरान घरों में रह रहे लोग विशेषतः गरीब और वंचित वर्गों के रोजमर्रा की आवश्यकताओं की पूर्ति में राज्य स्तरीय रेडक्रास एवं जिला इकाईयां अपने सदस्य नेटवर्क द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं. इस क्रम मे राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 संबंधी रोकथाम, नियंत्रण, जांच, उपचार आदि कार्रवाई हेतु रेडक्रास सोसायटी से समन्वय किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के स्तर पर स्वयंसेवी संस्थाओं अन्य सिविल संगठनों एवं निजी चिकित्सक संगठनों से कोविड-19 के नियंत्रण के सम्बन्ध में आवश्यक सहयोग प्राप्त करने हेतु भी समन्वय किया जा रहा है. राज्यपाल ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को बताया कि राज्य में संदिग्ध कोरोना यात्रियों/व्यक्तियों को निगरानी में रखने हेतु सभी जिलों में क्वारेनटाइन सेन्टर चिन्हित किये गये हैं. इन सेन्टरों पर कुल बेड संख्या एक लाख किया जाना प्रस्तावित है, जिस हेतु वर्तमान में 25 हजार 911 बेड चिन्हित कर लिये गये हैं.

राज्यपाल कलराज मिश्र ने राज्य में कोविड-19 की स्थिति, इस कार्य में रेड क्रास, सिविल सोसायटी व स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका और इस वैश्विक महामारी से बचाव के लिए राज्य में किये जा रहे प्रयासों व नवाचारों के बारे में विस्तार से राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को बताया. बता दें कि देश के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने सभी राज्यों के राज्यपाल व उपराज्यपालों से कोविड-19 के हालातों की समीक्षा की. इसमें राजस्थान सहित पन्द्रह राज्यों के राज्यपाल और उपराज्यपालों ने कोरोना वैश्विक महामारी के हालातों की बारे में अपने राज्य की स्थिति को विस्तार से प्रस्तुत किया.

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