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जयपुर एयरपोर्ट के बाहरी इलाके में मल्टी स्टोरी बिल्डिंग सुरक्षा की दृष्टि से है खतरा : डीआईजी

जयपुर एयरपोर्ट की भारी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एयरपोर्ट प्रशासन लंबे समय से मांग करता आ रहा है. ऐसे में एयरपोर्ट के पास बने मल्टी स्टोरी बिल्डिंग सुरक्षा की दृष्टि से खतरा साबित हो रही है. वहीं सीआईएसफ के डीआईजी सुदीप कुमार सिन्हा का कहना है कि सुरक्षा की दृष्टि से एयरपोर्ट के आसपास ऊंची इमारतें बनाने की राज्य सरकार को जेडीए को अनुमति नहीं देनी चाहिए थी.

जयपुर एयरपोर्ट को खतरा, Jaipur airport threatened with building
मल्टी स्टोरी बिल्डिंग सुरक्षा की दृष्टि से है खतरा
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Published : Nov 26, 2019, 1:46 PM IST

जयपुर. अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के बाहर के इलाके में आसपास मल्टी स्टोरी बिल्डिंग सुरक्षा की दृष्टि से खतरा साबित हो रही है. जयपुर एयरपोर्ट की सुरक्षा एजेंसी सीआईएसएफ ने भी इन मल्टी स्टोरी बिल्डिंग को लेकर राज्य सरकार को कई बार पत्र लिखा है.

मल्टी स्टोरी बिल्डिंग सुरक्षा की दृष्टि से है खतरा

वहीं एयरपोर्ट की सुरक्षा को लेकर एयरड्रोम कमेटी के एजेंडा में भी यह मुद्दा उठाया गया था, लेकिन सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार की ओर से अभी तक सख्ती नहीं दिखाई गई है. हाल ही में सीआईएसएफ के डीआईजी सुदीप कुमार सिन्हा ने भी मल्टी स्टोरी बिल्डिंग को देखकर सुरक्षा के मापदंडों से खतरा बताया था. दखिए एक खास रिपोर्ट

जयपुर एयरपोर्ट की भारी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एयरपोर्ट प्रशासन लंबे समय से मांग करता आ रहा है. जिसको लेकर एयरपोर्ट प्रशासन के द्वारा कई बार यह मुद्दा उठाया जा चुका है. ऐसे में सीआईएसफ के डीआईजी सुदीप कुमार सिन्हा का कहना है कि सुरक्षा की दृष्टि से एयरपोर्ट के आसपास ऊंची इमारतें बनाने की राज्य सरकार को जेडीए को अनुमति नहीं देनी चाहिए थी.

पढ़ेंः गहलोत सरकार के प्रस्ताव पर प्रदेश के 5 और मेडिकल कॉलेजों को केन्द्र सरकार ने दी मंजूरी

ऊंची इमारतों के चलते आपराधिक व्यक्ति अपने मंसूबों में कामयाब होने के लिए निशाना बना सकता है, क्योंकि एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री सहित वीआईपी लोगों का आवागमन लगातार बना रहता है. ऐसे में इन ऊंची इमारतों से एयरपोर्ट की सभी गतिविधियां साफ तौर पर देखी जा सकती है. सीआईएसएफ ने सुरक्षा के लिहाज से ऊंची इमारतों को सील करना अतिआवश्यक भी माना है. जिससे एयरपोर्ट पर किसी प्रकार से खतरा नहीं बन सके.

प्रमुख मुद्दे...

  • सभी सदस्यों के पास एक दूसरे का वैकल्पिक मोबाइल लैंडलाइन नंबर होना चाहिए जिससे आपातकालीन समय में वैकल्पिक मोबाइल नंबर रहे.
  • एयरपोर्ट पैरामीटर दीवार और मकान बिल्डिंगों के बीच कम से कम 30 फीट रोड होना आवश्यक है. साथ ही बिल्डिंग की हाइट भी कम होना आवश्यक है.
  • एयरपोर्ट की पैरामीटर दीवार के पश्चिम और उत्तर दिशा में काफी मकान सटे हुए हैं, जो सुरक्षा की दृष्टि से उपयुक्त नहीं है.
  • सुरक्षा बल पेट्रोलिंग के लिए सड़क का उपयोग कर सकें.

पढ़ेंः प्रवासी राजस्थानियों और प्रदेश के बीच सेतू बने 'राजस्थान फाउण्डेशन' : गहलोत

सुरक्षा की दृष्टि से एयरपोर्ट की दीवार से बाहरी क्षेत्र में कम से कम 30 मीटर की दूरी पर वाहनों और लोगों का आवागमन होना चाहिए. जिससे कोई भी व्यक्ति एयरपोर्ट की दीवार को पार नहीं कर सकता है. खतरे के सवाल पर निर्धारित मानदंडों के अनुसार कार्रवाई होनी चाहिए. एयरपोर्ट के बाहर इन ऊंची इमारतों पर अंकुश लगना चाहिए. जिससे सुरक्षा बनी रहे. इस दौरान एयरपोर्ट के आसपास की ऊंची इमारतें सुरक्षा को लेकर सुरक्षा एजेंसियों के हाथ पांव फुला देती है.

जयपुर. अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के बाहर के इलाके में आसपास मल्टी स्टोरी बिल्डिंग सुरक्षा की दृष्टि से खतरा साबित हो रही है. जयपुर एयरपोर्ट की सुरक्षा एजेंसी सीआईएसएफ ने भी इन मल्टी स्टोरी बिल्डिंग को लेकर राज्य सरकार को कई बार पत्र लिखा है.

मल्टी स्टोरी बिल्डिंग सुरक्षा की दृष्टि से है खतरा

वहीं एयरपोर्ट की सुरक्षा को लेकर एयरड्रोम कमेटी के एजेंडा में भी यह मुद्दा उठाया गया था, लेकिन सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार की ओर से अभी तक सख्ती नहीं दिखाई गई है. हाल ही में सीआईएसएफ के डीआईजी सुदीप कुमार सिन्हा ने भी मल्टी स्टोरी बिल्डिंग को देखकर सुरक्षा के मापदंडों से खतरा बताया था. दखिए एक खास रिपोर्ट

जयपुर एयरपोर्ट की भारी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एयरपोर्ट प्रशासन लंबे समय से मांग करता आ रहा है. जिसको लेकर एयरपोर्ट प्रशासन के द्वारा कई बार यह मुद्दा उठाया जा चुका है. ऐसे में सीआईएसफ के डीआईजी सुदीप कुमार सिन्हा का कहना है कि सुरक्षा की दृष्टि से एयरपोर्ट के आसपास ऊंची इमारतें बनाने की राज्य सरकार को जेडीए को अनुमति नहीं देनी चाहिए थी.

पढ़ेंः गहलोत सरकार के प्रस्ताव पर प्रदेश के 5 और मेडिकल कॉलेजों को केन्द्र सरकार ने दी मंजूरी

ऊंची इमारतों के चलते आपराधिक व्यक्ति अपने मंसूबों में कामयाब होने के लिए निशाना बना सकता है, क्योंकि एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री सहित वीआईपी लोगों का आवागमन लगातार बना रहता है. ऐसे में इन ऊंची इमारतों से एयरपोर्ट की सभी गतिविधियां साफ तौर पर देखी जा सकती है. सीआईएसएफ ने सुरक्षा के लिहाज से ऊंची इमारतों को सील करना अतिआवश्यक भी माना है. जिससे एयरपोर्ट पर किसी प्रकार से खतरा नहीं बन सके.

प्रमुख मुद्दे...

  • सभी सदस्यों के पास एक दूसरे का वैकल्पिक मोबाइल लैंडलाइन नंबर होना चाहिए जिससे आपातकालीन समय में वैकल्पिक मोबाइल नंबर रहे.
  • एयरपोर्ट पैरामीटर दीवार और मकान बिल्डिंगों के बीच कम से कम 30 फीट रोड होना आवश्यक है. साथ ही बिल्डिंग की हाइट भी कम होना आवश्यक है.
  • एयरपोर्ट की पैरामीटर दीवार के पश्चिम और उत्तर दिशा में काफी मकान सटे हुए हैं, जो सुरक्षा की दृष्टि से उपयुक्त नहीं है.
  • सुरक्षा बल पेट्रोलिंग के लिए सड़क का उपयोग कर सकें.

पढ़ेंः प्रवासी राजस्थानियों और प्रदेश के बीच सेतू बने 'राजस्थान फाउण्डेशन' : गहलोत

सुरक्षा की दृष्टि से एयरपोर्ट की दीवार से बाहरी क्षेत्र में कम से कम 30 मीटर की दूरी पर वाहनों और लोगों का आवागमन होना चाहिए. जिससे कोई भी व्यक्ति एयरपोर्ट की दीवार को पार नहीं कर सकता है. खतरे के सवाल पर निर्धारित मानदंडों के अनुसार कार्रवाई होनी चाहिए. एयरपोर्ट के बाहर इन ऊंची इमारतों पर अंकुश लगना चाहिए. जिससे सुरक्षा बनी रहे. इस दौरान एयरपोर्ट के आसपास की ऊंची इमारतें सुरक्षा को लेकर सुरक्षा एजेंसियों के हाथ पांव फुला देती है.

Intro:note-- सर खबर में टेक ऑफ ओर लैंड करते हुए विजुअल नही मिल पाएंगे ,,और बिल्डिंग के ऊपर जाने नही देते ,खबर में cisf के dig की बाइट भी है,,, जयपुर एंकर-- जयपुर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के बाहर के इलाके में आसपास मल्टी स्टोरी बिल्डिंग सुरक्षा की दृष्टि से खतरा साबित हो रही है. जयपुर एयरपोर्ट की सुरक्षा एजेंसी सीआईएसएफ ने भी इन मल्टी स्टोरी बिल्डिंग को लेकर राज्य सरकार को कई बार पत्र लिखा है . एयरपोर्ट की सुरक्षा को लेकर एयरड्रोम कमेटी के एजेंडा में भी यह मुद्दा उठाया गया था . लेकिन सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार की ओर से अभी तक सख्ती नही दिखाई गई है. हाल ही में सीएसएफ के डीआईजी सुदीप कुमार सिन्हा ने भी मल्टी स्टोरी बिल्डिंग को देखकर सुरक्षा के मापदंडों से खतरा बताया था. दखिये एक खास रिपोर्ट --


Body:जयपुर-- वीओ- एयरपोर्ट की भारी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एयरपोर्ट प्रशासन लंबे समय से मांग करता आ रहा है. जिसको लेकर एयरपोर्ट प्रशासन के द्वारा भी कई बार यह मुद्दा उठाया जा चुका है . ऐसे में सीआईएसफ के डीआईजी सुदीप कुमार सिन्हा का कहना है कि सुरक्षा की दृष्टि से एयरपोर्ट के आसपास ऊंची इमारतें बनाने की राज्य सरकार को जेडीए को अनुमति नहीं देनी चाहिए थी. ऊंची इमारतों के चलते आपराधिक व्यक्ति अपने मंसूबों में कामयाब होने के लिए निशाना बना सकता है. क्योंकि एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री ,केंद्रीय मंत्री सहित वीआईपी लोगों का आवागमन लगातार बना रहता है. ऐसे में इन ऊंची इमारतों से एयरपोर्ट की सभी गतिविधियां साफ तौर पर देखी जा सकती है. सीआईएसएफ ने सुरक्षा के लिहाज से ऊंची इमारतों को सील करना अति आवश्यक भी माना है. जिससे एयरपोर्ट पर किसी प्रकार से खतरा नहीं बन सके. बाइट-- सुदीप कुमार सिन्हा (dig cisf ) gfx in- - एयरपोर्ट सुरक्षा पर मंथन के लिए बनी एयरड्रोम कॉमेडी - कमेटी में सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर होती है चर्चा और निर्णय - हर बार बैठक में उठ चुके हैं प्रमुख मुद्दे - सभी सदस्यों के पास एक दूसरे का वैकल्पिक मोबाइल लैंडलाइन नंबर होना चाहिए ताकि आपातकालीन समय में वैकल्पिक मोबाइल नंबर रहे -- एयरपोर्ट पैरामीटर दीवार और मकान बिल्डिंगों के बीच कम से कम 30 फीट रोड होना आवश्यक है साथ ही बिल्डिंग की हाइट भी कम होना आवश्यक है - एयरपोर्ट की पैरामीटर दीवार के पश्चिम और उत्तर दिशा में काफी मकान सटे हुए हैं जो सुरक्षा की दृष्टि से उपयुक्त नहीं है, - सुरक्षा बल पेट्रोलिंग के लिए सड़क का उपयोग कर सकें gfx out-


Conclusion:फाइनल वीओ-- सुरक्षा की दृष्टि से एयरपोर्ट की दीवार से बाहरी क्षेत्र में कम से कम 30 मीटर की दूरी पर वाहनों और लोगों का आवागमन होना चाहिए. जिससे कोई भी व्यक्ति एयरपोर्ट की दीवार को पार नहीं कर सकता है. खतरे के सवाल पर निर्धारित मानदंडों के अनुसार कार्यवाही होनी चाहिए. एयरपोर्ट के बाहर इन ऊंची इमारतों पर अंकुश लगना चाहिए ताकि सुरक्षा बनी रहे. इस दौरान एयरपोर्ट के आसपास की ऊंची इमारतें सुरक्षा को लेकर सुरक्षा एजेंसियों के हाथ पाव फुला देती है.
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