जयपुर. राजस्थान की राजनीति में पिछले 20 दिन से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन प्रदेश में जारी सियासी संग्राम खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. नेताओं के बीच बयानबाजी का दौर जारी है. मंगलवार को जहां बागी विधायकों ने सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ बयान दिया था तो वहीं बुधवार को परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बागी विधायकों के बयान पर पलटवार किया.
खाचरियावास ने कहा कि बागी विधायकों का यह बयान बहुत लेट आया है, यदि वह ऐसा बयान पहले ही दे देते तो पार्टी में किसी तरह का झगड़ा नहीं होता और वे लोग पार्टी के मीटिंग में भी शामिल हो जाते. उन्होंने कहा कि हमारी किसी ने नाराजगी नहीं है. उन्होंने कहा कि हम हाथ के निशान पर जीतकर आए हैं और हमेशा हाथ के निशान के साथ ही खड़ा रहूंगा.
'जय श्री राम नहीं, जय सियाराम बोलो'
प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि यदि मैं भाजपा के साथ मिलकर षड्यंत्र और सरकारी एजेंसियों से छापे डलवा दूं तो वह गलत है. उन्होंने कहा कि धर्म और राजाराम यह नहीं सिखाते हैं. खाचरियावास ने कहा कि मैं हमेशा कहता हूं कि जय श्री राम नहीं बोलो, जय सियाराम बोलो क्योंकि भगवान राम सीता के बिना अधूरे हैं.
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खाचरियावास ने कहा कि बागी विधायकों को आलाकमान से मिलना चाहिए और यदि वह पार्टी के हैं तो उनको पार्टी में भी रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि मंगलवार को रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी कहा था कि बागी विधायक बीजेपी की मेहमान नवाजी छोड़ें और वापस आएं.
'सभी आलाकमान के सामने अपनी बात रख सकते हैं'
मंत्री खाचरियावास ने बागी विधायकों को लेकर कहा कि यदि कल का भुला आज घर आ जाए तो उसको भुला हुआ नहीं कहते हैं. उन्होंने बागी विधायकों की डिमांड को लेकर कहा कि बागी विधायकों को उस जगह जाकर डिमांड करनी चाहिए, जहां उनकी डिमांड वाजिब हो. खाचरियावास ने कहा कि सभी को आलाकमान को अपनी बात कहने का हक है.
गौरतलब है कि राजस्थान में चल रहे सियासी घमासान के बीच 3 बागी विधायकों ने सीएम अशोक गहलोत पर हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि हम कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं. हमारी लड़ाई कांग्रेस पार्टी के खिलाफ नहीं है. हम बस सीएम अशोक गहलोत के नेतृत्व में काम नहीं कर सकते हैं.