जयपुर. अक्टूबर से शुरू हुए प्रशासन शहरों के संग अभियान में हेरिटेज नगर निगम को अब तक 5499 आवेदन प्राप्त हुए हैं. जिनमें से 1105 पट्टे जारी किए गए हैं, जबकि 2200 पट्टे निरस्त किए गए हैं. अभियान में सभी नगर निगमों में हेरिटेज नगर निगम भले ही पट्टे देने में सबसे आगे हो, लेकिन जारी किए गए पट्टों की संख्या सरकार की मंशा के अनुरूप नहीं है. इनमें भी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के विधानसभा क्षेत्र सिविल लाइंस में ही सबसे कम 103 पट्टे बांटे गए हैं. इस पर मंत्री ने अब खुद मोर्चा संभालने की बात कही है.
वहीं, खाचरियावास ने कहा कि प्रशासन शहरों के संग अभियान में मुख्यमंत्री के फोटो के साथ विज्ञापन छप रहे हैं, जिसमें सरकार की ओर से दी गई राहतों का ब्योरा है, फिर भी अधिकारी ढिलाई बरत रहे हैं. लेकिन अब हेरिटेज निगम में पट्टा देने की गति बढ़ाई जाएगी. मेयर और कमिश्नर को निर्देश दिए गए हैं कि वो अलग-अलग जोन के अधिकारियों के साथ बैठें और उन्हें क्या दिक्कत आ रही है, उन्हें दूर करें. यदि परेशानी का हल न निकले तो शांति धारीवाल के पास जाएंगे. वो यूडीएच के बड़े खिलाड़ी हैं. शहर की आम आवाम को अपनी जमीन का पट्टा मिले, इसके लिए ग्रेटर निगम और जेडीए भी जाएंगे. वहां भी कॉलोनी वाइज लोगों को बुलाकर राहत दी जाएगी.
मंत्री ने अब तक अभियान के फेल होने का कारण बताते हुए कहा कि कांग्रेस ने अपने पिछले कार्यकाल में अभियान चलाकर पट्टे वितरित किए थे. उसके बाद पूर्वर्ती बीजेपी सरकार ने एक पट्टा नहीं दिया. अब दोबारा कांग्रेस ने अभियान शुरू किया है और ये अभियान तब तक चलेगा जब तक अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को पट्टा न मिल जाए. खाचरियावास ने बैठकों में पार्षदों को नहीं बुलाए जाने पर उनकी नाराजगी को जायज बताते हुए कहा कि मेयर भी पहले पार्षद हैं. अब महापौर और कमिश्नर को निर्देश दिए हैं कि वो पार्षदों के साथ मिलकर मीटिंग करें और अभियान से संबंधित जानकारी दें. जोन उपायुक्त उनके क्षेत्र में लगने वाले शिविर की जानकारी पार्षदों को दें.
वहीं, उप विभाजन के पेंडिंग प्रकरणों पर भी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सवाल खड़े किए. इस पर महापौर ने कहा कि आयुक्त विदेश यात्रा पर चले गए थे, जिसकी वजह से कुछ पेंडेंसी आ गई है. लेकिन इनका निस्तारण भी जल्द से जल्द कर दिया जाएगा. अब नोटिस निकाला जा रहा है कि 1 सप्ताह के अंदर हर टेबल से फाइल निकल जाए. नोटशीट चलाकर उपायुक्तों को भी पाबंद किया जाएगा कि उनके क्षेत्र में लगने वाले शिविरों की जानकारी पार्षदों को भी दी जाए.