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रोक के बादवजूद प्रदेश में धड़ल्ले से जारी अवैध बजरी खनन, डेढ़ साल में दर्ज की गई 1882 एफआईआर

सुप्रीम कोर्ट के बजरी खनन पर रोक के बाद राजस्थान में धड़ल्ले से अवैध खनन हो रहा है. 16 नवंबर 2017 से मई 2019 तक सरकार ने विभिन्न जिलों में अट्ठारह सौ बयासी एफआईआर दर्ज की गई. 118.98 करोड रुपए वसूले गए..

रोक के बाद भी धड़ल्ले से जारी है अवैध खनन
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Published : Jun 29, 2019, 6:12 PM IST

जयपुर. राजस्थान में सुप्रीम कोर्ट ने 16 नवंबर 2017 को राजस्थान में बिना रिप्लेनिशमेंट स्टडी और एनवायरमेंट क्लीयरेंस के नदियों में बजरी खनन पर रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी राजस्थान में अवैध बजरी खनन लगातार होता रहा है.

रोक के बाद भी धड़ल्ले से जारी है अवैध खनन

विधानसभा विपक्ष ने भी इस बात को सवाल के माध्यम से उठाया है और अब सरकार ने भी यह बात स्वीकार की है. यही कारण है कि बीते डेढ़ साल में अवैध खनन के 20,000 से ज्यादा मामले राजस्थान में सरकारी आंकड़ों में आए हैं. इसके बाद से प्रदेश में लगातार अवैध बजरी खनन की शिकायतें आना आम है.

बीते डेढ़ साल में प्रदेश में अवैध खनन के कई मामले सामने आए हैं. राज्य सरकार ने भी माना है कि प्रदेश में बीते करीब डेढ़ साल में अवैध बजरी खनन के 20397 प्रकरण विभिन्न जिलों के कलेक्टर ने बनाए हैं. अवैध बजरी खनन के मामले में अट्ठारह सौ बयासी एफ आई आर दर्ज कराई गई है और इस मामले में सरकार की ओर से अभी तक 118.98 करोड़ का जुर्माना अवैध बजरी खनन करने वालों से वसूला गया है. विधानसभा में एक सवाल के जवाब में सरकार ने यह आंकड़े दिए हैं.

इस जवाब में सरकार ने कहा है कि प्रदेश में सरकारी व निजी क्षेत्रों में भवनों, सड़कों एवं पुलिया का निर्माण कार्य चल रहा है, जिनमें उपयोग में आने वाली बजरी पैलियो चैनल्स एवं खातेदारी भूमि में स्वीकृत खनन पट्टों से ही आ रही है. सरकारी निर्माण कार्यों के लिए बजरी खनन के लिए राज्य सरकार द्वारा खातेदारी भूमि में एक हेक्टेयर क्षेत्रफल तक की अल्पावधि अनुमति पत्र भी जारी किए जा रहे हैं. इसके अलावा सरकारी निर्माण कार्यों में मैन्युफैक्चर सेंड और क्रेशर डस्ट का भी उपयोग हो रहा है.

सरकार भले ही अपने जवाब में यह बता रही हो कि प्रदेश में बीते करीब डेढ़ साल में 20,000 से ज्यादा मामले उन्होंने पकड़े हैं और 18000 से ज्यादा एफ आई आर दर्ज करवाई है. लेकिन हकीकत यह है कि यह तो वह मामले हैं जो सरकार ने दिखाए हैं. इसके अलावा लगातार अवैध खनन प्रदेश में बजरी का जारी है जिसके कोई आंकड़े किसी के पास नहीं है.

जयपुर. राजस्थान में सुप्रीम कोर्ट ने 16 नवंबर 2017 को राजस्थान में बिना रिप्लेनिशमेंट स्टडी और एनवायरमेंट क्लीयरेंस के नदियों में बजरी खनन पर रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी राजस्थान में अवैध बजरी खनन लगातार होता रहा है.

रोक के बाद भी धड़ल्ले से जारी है अवैध खनन

विधानसभा विपक्ष ने भी इस बात को सवाल के माध्यम से उठाया है और अब सरकार ने भी यह बात स्वीकार की है. यही कारण है कि बीते डेढ़ साल में अवैध खनन के 20,000 से ज्यादा मामले राजस्थान में सरकारी आंकड़ों में आए हैं. इसके बाद से प्रदेश में लगातार अवैध बजरी खनन की शिकायतें आना आम है.

बीते डेढ़ साल में प्रदेश में अवैध खनन के कई मामले सामने आए हैं. राज्य सरकार ने भी माना है कि प्रदेश में बीते करीब डेढ़ साल में अवैध बजरी खनन के 20397 प्रकरण विभिन्न जिलों के कलेक्टर ने बनाए हैं. अवैध बजरी खनन के मामले में अट्ठारह सौ बयासी एफ आई आर दर्ज कराई गई है और इस मामले में सरकार की ओर से अभी तक 118.98 करोड़ का जुर्माना अवैध बजरी खनन करने वालों से वसूला गया है. विधानसभा में एक सवाल के जवाब में सरकार ने यह आंकड़े दिए हैं.

इस जवाब में सरकार ने कहा है कि प्रदेश में सरकारी व निजी क्षेत्रों में भवनों, सड़कों एवं पुलिया का निर्माण कार्य चल रहा है, जिनमें उपयोग में आने वाली बजरी पैलियो चैनल्स एवं खातेदारी भूमि में स्वीकृत खनन पट्टों से ही आ रही है. सरकारी निर्माण कार्यों के लिए बजरी खनन के लिए राज्य सरकार द्वारा खातेदारी भूमि में एक हेक्टेयर क्षेत्रफल तक की अल्पावधि अनुमति पत्र भी जारी किए जा रहे हैं. इसके अलावा सरकारी निर्माण कार्यों में मैन्युफैक्चर सेंड और क्रेशर डस्ट का भी उपयोग हो रहा है.

सरकार भले ही अपने जवाब में यह बता रही हो कि प्रदेश में बीते करीब डेढ़ साल में 20,000 से ज्यादा मामले उन्होंने पकड़े हैं और 18000 से ज्यादा एफ आई आर दर्ज करवाई है. लेकिन हकीकत यह है कि यह तो वह मामले हैं जो सरकार ने दिखाए हैं. इसके अलावा लगातार अवैध खनन प्रदेश में बजरी का जारी है जिसके कोई आंकड़े किसी के पास नहीं है.

Intro:सुप्रीम कोर्ट के बजरी खनन पर रोक के बाद राजस्थान में हो रहा है धड़ल्ले से अवैध खनन 16 नवंबर 2017 से मई 2019 तक सरकार ने विभिन्न जिलों में दर्ज कि अट्ठारह सौ बयासी f.i.r. वसूले 118.98 करोड रुपए


Body:करीब राजस्थान में सुप्रीम कोर्ट ने 16 नवंबर 2017 को राजस्थान में बिना रिप्लेनिशमेंट स्टडी और एनवायरमेंट क्लीयरेंस के नदियों में बजरी खनन पर रोक लगा दी सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी राजस्थान में अवैध बजरी खनन लगातार होता रहा है विधानसभा विपक्ष ने भी इस बात को सवाल के माध्यम से उठाया है और अब सरकार ने भी यह बात स्वीकार की है यही कारण है कि बीते डेढ़ साल में अवैध खनन के 20,000 से ज्यादा मामले राजस्थान में सरकारी आंकड़ों में आए हैं इसके बाद से प्रदेश में लगातार अवैध बजरी खनन की शिकायत ए आना आम है बीते डेढ़ साल में प्रदेश में अवैध खनन के कई मामले सामने आए हैं राज्य सरकार ने भी माना है कि प्रदेश में बीते करीब डेढ़ साल में अवैध बजरी खनन के 20397 प्रकरण विभिन्न जिलों के कलेक्टर ने बनाए हैं अवैध बजरी खनन के मामले में अट्ठारह सौ बयासी एफ आई आर दर्ज कराई गई है और अवैध बजरी खनन के मामले में सरकार की ओर से अभी तक 118.98 करोड़ का जुर्माना अवैध बजरी खनन करने वालों से वसूला गया है विधानसभा में लगे एक सवाल के जवाब में सरकार ने यह आंकड़े दिए हैं वही इस जवाब में सरकार ने कहा है कि प्रदेश में सरकारी व निजी क्षेत्रों में भवनों सड़कों एवं पुलिया का निर्माण कार्य चल रहा है जिनमें उपयोग में आने वाली बजरी पैलियो चैनल्स एवं खातेदारी भूमि में स्वीकृत खनन पट्टों से ही आ रही है सरकारी निर्माण कार्यों के लिए बजरी खनन के लिए राज्य सरकार द्वारा खातेदारी भूमि में एक हेक्टेयर क्षेत्रफल तक की अल्पावधि अनुमति पत्र भी जारी किए जा रहे हैं इसके अलावा सरकारी निर्माण कार्यों में मैन्युफैक्चर सेंड वह क्रेशर डस्ट का भी उपयोग हो रहा है


Conclusion:सरकार भले ही अपने जवाब में यह बता रही हो कि प्रदेश में बीते करीब डेढ़ साल में 20,000 से ज्यादा मामले उन्होंने पकड़े हैं और 18000 से ज्यादा एफ आई आर दर्ज करवाई है लेकिन हकीकत यह है कि यह तो वह मामले हैं जो सरकार ने दिखाए हैं इसके अलावा लगातार अवैध खनन प्रदेश में बजरी का जारी है जिसके कोई आंकड़े किसी के पास नहीं है
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