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सर्दियों में दिल का ऐसे रखें खास ख्याल, इस मौसम में हार्ट की बीमारी का होता है ज्यादा खतरा - heart remedies tips

सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है. सर्दियों का मौसम दिल से जुड़ी बीमारियों को न्यौता देता है. ऐसे में दिल और फेफेड़ों की बीमारी से ग्रस्ति मरीजों को अपना खास ख्याल रखने की जरूरत होती है क्योंकि इस मौसम में दिल की धमनियों के सिकुड़ने का खतरा बढ़ जाता है. कार्डिक विशेषज्ञ बता रहें हैं कि कैसे आप सावधानियां बरतकर अपने दिल का खास ख्याल रख सकते हैं. पढ़िए ये स्पेशल खबर....

health problems in winter, जयपुर न्यूज
सर्दियों में दिल की बीमारी का बढ़ जाता है खतरा
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Published : Nov 22, 2020, 2:25 PM IST

जयपुर. बदलते मौसम और सर्दियों में आलस के कारण लोग अपनी सेहत पर ध्यान नहीं देते हैं. डॉक्टरों का मानना है कि अन्य मौसम के मुकाबले सर्दियों के मौसम में दिल के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होती है. इस दौरान ऐसे मरीजों को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत होती है, जो दिल की बीमारियों से पीड़ित हैं. सर्दी के इस मौसम में दिल से जुड़े मरीज अपना विशेष ख्याल रखें.

सर्दियों में दिल की बीमारी का बढ़ जाता है खतरा

डॉक्टरों का कहना है कि जो मरीज लंबे समय से दिल की बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें हार्ट अटैक (heart attack), हार्ट फेल्योर (heart failure) का खतरा सबसे अधिक होता है. चिकित्सकों का कहना है कि दिल के जो मरीज हैं, उन्हें समय-समय पर इस सर्द मौसम में अपनी जांच करवाते रहना चाहिए क्योंकि इस मौसम में शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा पूर्ण रूप से बनी नहीं रह पाती है. ऐसे में ह्रदय तक पूर्ण ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है. जिससे हार्ट फैलियर का खतरा बना रहता है.

ह्रदय की धमनियों का सिकुड़ने का खतरा

जयपुर के ईएसआई अस्पताल के कार्डिक विशेषज्ञ डॉ. गौरव सिंघल का कहना है कि अन्य मौसम के मुकाबले सर्दियों के मौसम में दिल के मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है क्योंकि सर्दियों के मौसम में दिल की धमनियां सिकुड़ने का खतरा (Risk of arteries shrinking) सबसे अधिक होता है.

यह भी पढ़ें. SPECIAL: कोरोना का इफेक्ट नहीं हुआ खत्म, बाकी सभी बीमारियों के इलाज पर लगा ब्रेक

दिल की नसें नर्वस सिस्टम से जुड़ी रहती हैं तो ऐसे में कई बार ठंड के कारण ब्लॉकेज का खतरा भी बढ़ जाता है. ऐसे में चिकित्सकों का कहना है कि ठंड के सीजन में दिल की बीमारी के मरीजों को सबसे अधिक ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है.

दिनचर्या में बदलाव जरूरी

डॉक्टरों का कहना है कि हार्ट के मरीजों (heart patients) को सर्दी के मौसम में अपनी दिनचर्या में भी बदलाव करना चाहिए. उन्हें खासकर पानी कम मात्रा में पीना चाहिए. ठंड के मौसम में ऐसे मरीजों को कम से कम घर से बाहर निकलना चाहिए.

health problems in winter, जयपुर न्यूज
सर्दियों में हार्ट अटैक और हार्ट फेल्योर सबसे बड़ा खतरा

यदि ऐसे मरीजों को डायबिटीज (diabetes) की भी समस्या है तो समय-समय पर अपने ब्लड शुगर की जांच हुई करवाते रहना चाहिए. दिल की बीमारियों से जुड़े मरीजों की दवाइयां लंबे समय तक चलती है तो ऐसे में चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार समय-समय पर दवाइयां लेते रहना चाहिए.

health problems in winter, जयपुर न्यूज
लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से मिलें

चेस्ट में भारीपन

चिकित्सकों का कहना है कि कार्डिक संबंधी बीमारियों (cardiac disease) में आमतौर पर पहले लक्षण दिखाई देते हैं और यदि सर्दियों के मौसम में चेस्ट में भारीपन महसूस हो तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए. कई बार हार्ट में ब्लॉकेज होने के चलते चेस्ट में भारीपन महसूस होता है और आमतौर पर सर्दियों के मौसम में ब्लॉकेज के मामले सबसे अधिक देखने को मिलते हैं.

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हार्ट को हेल्दी रखने के लिए रूटिन बदलें

जयपुर. बदलते मौसम और सर्दियों में आलस के कारण लोग अपनी सेहत पर ध्यान नहीं देते हैं. डॉक्टरों का मानना है कि अन्य मौसम के मुकाबले सर्दियों के मौसम में दिल के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होती है. इस दौरान ऐसे मरीजों को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत होती है, जो दिल की बीमारियों से पीड़ित हैं. सर्दी के इस मौसम में दिल से जुड़े मरीज अपना विशेष ख्याल रखें.

सर्दियों में दिल की बीमारी का बढ़ जाता है खतरा

डॉक्टरों का कहना है कि जो मरीज लंबे समय से दिल की बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें हार्ट अटैक (heart attack), हार्ट फेल्योर (heart failure) का खतरा सबसे अधिक होता है. चिकित्सकों का कहना है कि दिल के जो मरीज हैं, उन्हें समय-समय पर इस सर्द मौसम में अपनी जांच करवाते रहना चाहिए क्योंकि इस मौसम में शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा पूर्ण रूप से बनी नहीं रह पाती है. ऐसे में ह्रदय तक पूर्ण ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है. जिससे हार्ट फैलियर का खतरा बना रहता है.

ह्रदय की धमनियों का सिकुड़ने का खतरा

जयपुर के ईएसआई अस्पताल के कार्डिक विशेषज्ञ डॉ. गौरव सिंघल का कहना है कि अन्य मौसम के मुकाबले सर्दियों के मौसम में दिल के मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है क्योंकि सर्दियों के मौसम में दिल की धमनियां सिकुड़ने का खतरा (Risk of arteries shrinking) सबसे अधिक होता है.

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दिल की नसें नर्वस सिस्टम से जुड़ी रहती हैं तो ऐसे में कई बार ठंड के कारण ब्लॉकेज का खतरा भी बढ़ जाता है. ऐसे में चिकित्सकों का कहना है कि ठंड के सीजन में दिल की बीमारी के मरीजों को सबसे अधिक ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है.

दिनचर्या में बदलाव जरूरी

डॉक्टरों का कहना है कि हार्ट के मरीजों (heart patients) को सर्दी के मौसम में अपनी दिनचर्या में भी बदलाव करना चाहिए. उन्हें खासकर पानी कम मात्रा में पीना चाहिए. ठंड के मौसम में ऐसे मरीजों को कम से कम घर से बाहर निकलना चाहिए.

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सर्दियों में हार्ट अटैक और हार्ट फेल्योर सबसे बड़ा खतरा

यदि ऐसे मरीजों को डायबिटीज (diabetes) की भी समस्या है तो समय-समय पर अपने ब्लड शुगर की जांच हुई करवाते रहना चाहिए. दिल की बीमारियों से जुड़े मरीजों की दवाइयां लंबे समय तक चलती है तो ऐसे में चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार समय-समय पर दवाइयां लेते रहना चाहिए.

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लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से मिलें

चेस्ट में भारीपन

चिकित्सकों का कहना है कि कार्डिक संबंधी बीमारियों (cardiac disease) में आमतौर पर पहले लक्षण दिखाई देते हैं और यदि सर्दियों के मौसम में चेस्ट में भारीपन महसूस हो तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए. कई बार हार्ट में ब्लॉकेज होने के चलते चेस्ट में भारीपन महसूस होता है और आमतौर पर सर्दियों के मौसम में ब्लॉकेज के मामले सबसे अधिक देखने को मिलते हैं.

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हार्ट को हेल्दी रखने के लिए रूटिन बदलें
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