जयपुर. रीट परीक्षा के पेपर लीक के मामले (REET paper leak case) में राजस्थान हाइकोर्ट की एकलपीठ आठ फरवरी को सुनवाई (Hearing in REET Case in Rajasthan High court) करेगी. याचिकाकर्ता ने मामले की जांच सीबीआई से कराने और जांच रिपोर्ट आने तक किसी भी अभ्यर्थी को नियुक्ति नहीं देने की मांग की है.
तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए आयोजित रीट परीक्षा 26 सितंबर, 2021 को आयोजित की गई थी. परीक्षा के बाद पता चला की परीक्षा का पेपर 2 घंटे पहले ही दो पुलिस कॉन्स्टेबल के पास आ गया था. इसके बाद एसओजी ने जांच करते हुए मास्टर माइंड सहित कई लोगों की गिरफ्तारी की. दूसरी ओर मधु नागर व अन्य ने हाइकोर्ट में याचिका पेश कर परीक्षा रद्द करने और मामले की जांच सीबीआई से कराने की गुहार करते हुए रिपोर्ट आने तक नियुक्ति नहीं देने की गुहार की.
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राज्य सरकार ने नहीं माना लीकः याचिका में हाइकोर्ट की ओर से राज्य सरकार को नोटिस जारी होने के बाद सरकार ने अदालत में जवाब पेश किया. जिसमें राज्य सरकार ने माना की परीक्षा का पेपर भले ही परीक्षा से पहले बाहर आ गया था, लेकिन इसे लीक की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता.
एसओजी कह रही है लीक हुआ है पेपरः दूसरी ओर जांच एजेंसी अपनी जांच में पेपर को लीक मान रही है. केस से जुड़े अधिवक्ताओं का कहना है की एसओजी की अब तक की जांच में सामने आ चुका है की पेपर शिक्षा संकुल से लीक हुआ था और इसके लिए करोड़ों रुपए का सौदा किया गया था. वहीं आरोपियों की जमानत अर्जियों के विरोध में भी एसओजी पेपर लीक होने स्वीकार कर रही है.
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बोर्ड अध्यक्ष हो चुके हैं बर्खास्तः भले ही राज्य सरकार ने अब तक पेपर लीक से इनकार कर रही हो, लेकिन इसकी गाज माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष और अधिकारियों पर गिर चुकी है. राज्य सरकार गत दिनों बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारोली को बर्खास्त कर चुकी है और कुछ अधिकारियों को निलंबित भी किया गया है.
पूरी परीक्षा रद्द नहीं करने की गुहारः अमरचंद मीणा व अन्य ने हाइकोर्ट में याचिका पेश कर पूरी परीक्षा को रद्द नहीं करने की गुहार की है. याचिका में कहा गया है कि एसओजी मान रही है की सिर्फ लेवल दो परीक्षा का ही पेपर लीक हुआ है. ऐसे में लेवल एक के पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया तय कैलेंडर के अनुसार ही होनी चाहिए.