जयपुर. गुलाबचंद कटारिया के अनुसार उन्हें भी अखबारों से ही पता चला है कि इस बार डिजिटल बजट देश होगा और विधायकों को बजट के रूप में लंबी चौड़ी पोथी दिए जाने की जगह डिजिटल तरीके से टेबलेट में बजट कॉपी उपलब्ध कराए जाएंगे. उन्होंने कहा कि बजट ज्यादा बड़ा होने से हर कोई बजट को पूरी तरीके से नहीं पढ़ पाता था. इसमें नई तकनीक का उपयोग होने से मैन पावर भी बचेगा.
हालांकि, कटारिया ने यह जरूर कहा कि कल यानी 24 फरवरी को उन्हें विधायकों को बजट के रूप में टेबलेट मिलेगा या कुछ और, यह कल ही पता चलेगा. मैन पावर बचाने के लिहाज से विधानसभा अध्यक्ष ने एक अच्छी पहल की है.
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इसलिए उठ रहे सवाल...
दरअसल, नई विधानसभा का गठन होने के बाद हर विधायक 90 हजार खर्च कर अपने लिए लैपटॉप, टेबलेट या फिर कंप्यूटर खरीद सकता था. इसके लिए बकायदा प्रावधान भी किया गया और इस प्रावधान का लाभ उठाते हुए अधिकतर विधायकों ने इन गैजेट्स की खरीद भी कर ली. ऐसे में सवाल यही उठता है कि जब पहले से बजट दिया गया है तो अलग से अब टेबलेट देने की क्या जरूरत है. वर्तमान में ऐसे भी प्रदेश सरकार की आर्थिक हालत खराब है और करीब 40,000 करोड़ से अधिक का राजकोषीय घाटा चल रहा है.