जयपुर. मंत्री महेश जोशी के बेटे पर दुष्कर्म के आरोप (Rohit Joshi rape case) में गिरफ्तारी की लटकी हुई तलवार और उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी (Nawan MLA Mahendra Choudhary) के भाई को हत्या के मामले में गिरफ्तारी के बाद अशोक गहलोत ने आज दोनों ही नेताओं को क्लीन चिट दे दी है. गहलोत ने कहा कि समाज में हर तरीके की बातें होती हैं. किसी के भाई पर या किसी के बेटे पर आरोप लगने से परिवार के व्यक्ति को इसलिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता कि वह कोई मंत्री, विधायक या सांसद (Ashok Gehlot commented on Mahesh Joshi and Mahendra Chaudhary) है। गहलोत ने कहा कि जब तक यह न लगे कि राजनीतिक हस्तक्षेप हो रहा है, किसी पर आरोप नहीं लगाया जा सकता.
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उन्होंने कहा कि कई बार मीडिया में भाई, बेटे को लेकर कुछ कह देते हैं, लेकिन यह अच्छी परंपरा नहीं है. अगर लगे कि कोई राजनीतिक पद पर मंत्री, एमएलए या सांसद है और वह अपने रिलेटिव को पद के प्रभाव से बचाने का प्रयास कर रहा है, तभी आरोप लगने चाहिए. अगर किसी सांसद, विधायक या मंत्री का कोई रिलेटिव गलत काम करता है तो कानून अपना काम करेगा. गहलोत ने कहा कि मैंने पहले ही गृह विभाग, पुलिस प्रशासन को दो टूक कहा हुआ है कि आप को नीचे से ऊपर तक निष्पक्ष होकर काम करना है, कोई भी राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं चलेगा. ये अधिकारी की ड्यूटी है कि जिसने क्राइम किया है, उसके बचाव की किसी की भी सिफारिश को नहीं माने. साथ ही जो पीड़ित पक्ष है, उसको न्याय सुनिश्चित करने के लिए बात सुनना उसका फर्ज बनता है. चाहे एमएलए हो मंत्री हो या कोई भी हो वह अपना काम करें, निष्पक्ष जांच करें.