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डीजीपी एमएल लाठर हाईकोर्ट में पेश, कहा- भविष्य में अपराधियों का सही और पूरा रिकॉर्ड प्रस्तुत होगा

पुलिस की ओर से अदालतों में अपराधियों का पूर्ण रिकॉर्ड पेश नहीं करने के मामले में गुरुवार को डीजीपी एमएल लाठर हाईकोर्ट में पेश हुए. लाठर ने कहा कि आगे से कोर्ट में अपराधियों के पूरे रिकॉर्ड पेश किए गए हैं.

dgp ml lathar in court, राजस्थान हाईकोर्ट
डीजीपी एमएल लाठर हाईकोर्ट में पेश
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Published : Jan 7, 2021, 7:34 PM IST

जयपुर. पुलिस की ओर से अदालतों में अपराधियों का पूर्ण रिकॉर्ड पेश नहीं करने के मामले में गुरुवार को डीजीपी एमएल लाठर हाईकोर्ट में पेश हुए. अदालत ने उन्हें इस संबंध में स्पष्टीकरण देने के लिए तलब किया गया था. लाठर के आश्वासन के बाद न्यायाधीश महेन्द्र गोयल ने हितेश सैनी की जमानत अर्जी पर सुनवाई 15 जनवरी तक टाल दी है.

अदालत ने डीजीपी लाठर से कहा कि आए दिन कोर्ट के यह देखने को मिलता है कि पुलिस अपराधियों का पूरा और सही रिकॉर्ड पेश नहीं करती है. जबकि अदालत अभियोजन पक्ष की ओर से पेश रिकॉर्ड पर ही पूरी तरह से आश्रित रहती है. इस जमानत अर्जी में भी अलग-अलग रिकॉर्ड पेश किया गया है. इस पर डीजीपी ने अदालत को कहा कि वे इस संबंध में आवश्यक कदम उठाएंगे. इसके अलावा दोषी अफसरों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी.

यह भी पढ़ें: बाड़मेर में बेरी ढहने से 4 मजदूर दबे, 2 को निकाला, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी..

लाठर ने अदालत को आश्वस्त किया की भविष्य में अपराधियों का सही और पूरा रिकॉर्ड पेश किया जाएगा. इस पर अदालत ने कहा कि डीजीपी के आश्वासन पर संबंधित थानाधिकारी पर कार्रवाई के दिशा-निर्देश नहीं दिए जा रहे हैं. सुनवाई के दौरान डीजीपी के साथ ही एडीजी अजयपाल लांबा और शास्त्रीनगर थानाधिकारी सहित विधायकपुरी एसएचओ भी पेश हुए. गौरतलब है कि अदालत ने अपराधी का पूरा रिकॉर्ड पेश नहीं करने पर हाल ही में प्रमुख गृह सचिव और डीजीपी को आदेश जारी कर रिकॉर्ड का डेटा बैंक बनाने के संबंध में शपथ पत्र पेश करने के आदेश दे रखे हैं.

जयपुर. पुलिस की ओर से अदालतों में अपराधियों का पूर्ण रिकॉर्ड पेश नहीं करने के मामले में गुरुवार को डीजीपी एमएल लाठर हाईकोर्ट में पेश हुए. अदालत ने उन्हें इस संबंध में स्पष्टीकरण देने के लिए तलब किया गया था. लाठर के आश्वासन के बाद न्यायाधीश महेन्द्र गोयल ने हितेश सैनी की जमानत अर्जी पर सुनवाई 15 जनवरी तक टाल दी है.

अदालत ने डीजीपी लाठर से कहा कि आए दिन कोर्ट के यह देखने को मिलता है कि पुलिस अपराधियों का पूरा और सही रिकॉर्ड पेश नहीं करती है. जबकि अदालत अभियोजन पक्ष की ओर से पेश रिकॉर्ड पर ही पूरी तरह से आश्रित रहती है. इस जमानत अर्जी में भी अलग-अलग रिकॉर्ड पेश किया गया है. इस पर डीजीपी ने अदालत को कहा कि वे इस संबंध में आवश्यक कदम उठाएंगे. इसके अलावा दोषी अफसरों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी.

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लाठर ने अदालत को आश्वस्त किया की भविष्य में अपराधियों का सही और पूरा रिकॉर्ड पेश किया जाएगा. इस पर अदालत ने कहा कि डीजीपी के आश्वासन पर संबंधित थानाधिकारी पर कार्रवाई के दिशा-निर्देश नहीं दिए जा रहे हैं. सुनवाई के दौरान डीजीपी के साथ ही एडीजी अजयपाल लांबा और शास्त्रीनगर थानाधिकारी सहित विधायकपुरी एसएचओ भी पेश हुए. गौरतलब है कि अदालत ने अपराधी का पूरा रिकॉर्ड पेश नहीं करने पर हाल ही में प्रमुख गृह सचिव और डीजीपी को आदेश जारी कर रिकॉर्ड का डेटा बैंक बनाने के संबंध में शपथ पत्र पेश करने के आदेश दे रखे हैं.

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