जयपुर. नीति आयोग की तरफ से निर्धारित विकास लक्ष्यों की राजस्थान में पहली बार अब ग्राम पंचायत स्तर पर रैंकिंग निर्धारित की जाएगी. यह रैंकिंग पंचायत की निष्पादन क्षमता के आधार पर की जाएगी. अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग रोहित कुमार सिंह ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर इसके निर्देश दिए. रोहित कुमार ने जयपुर की गोविंदगढ़ पंचायत समिति की तरफ से तैयार विकास के लक्ष्य का प्रस्तुतीकरण भी देखा.
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प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों की रैंकिंग मात्रात्मक आधार पर न होकर गुणात्मक आधार पर होगी. गुणात्मक आधार पर ग्राम पंचायत की रैंकिंग करने से यह पता लगेगा कि ग्राम पंचायत में उपलब्ध भौतिक सुविधाओं का पूरा लाभ ग्रामीण क्षेत्रों के आमजन को मिल रहा है या नहीं. रैंकिंग निर्धारित करते समय ग्राम पंचायतों में उपलब्ध सुविधाओं एवं सेवाओं जैसे विद्यालय, सार्वजनिक शौचालय, लाइब्रेरी, ई-मित्र आदि सुविधाओं का उपयोग किया जा रहा है या नहीं.
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि रैंकिंग निर्धारित करते समय यह भी देखा जाएगा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली से दैनिक उपभोग की खाद्य वस्तुएं सही गुणवत्ता की मिल रही हैं या नहीं. इससे गांव में कुपोषण के कारणों का सही विश्लेषण हो सकेगा, इसके साथ यह भी देखा जा सकेगा कि ग्रामीण क्षेत्र में आमजन को आधारभूत बैंकिंग सुविधाएं जैसे कि ऋण या साख सुविधाएं सही से मिल रही हैं या नहीं.
उन्होंने नीति आयोग के निर्धारित मानदंडों में खुले में शौच मुक्त और ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन कुपोषण व बैंकिंग सुविधाओं सहित अनेक सुविधाओं एवं सेवाओं के विश्लेषण को ग्राम पंचायत की रैंकिंग के आधार पर बनाने के निर्देश दिए. वहीं विकास लक्ष्यों की राज्य में अब तक की प्रगति एवं आगामी कार्य योजना को देखने के बाद बैठक में मौजूद प्रतिनिधियों से सतत विकास लक्ष्यों के 24 मानदंडों को जोड़ने के बारे में सुझाव भी मांगे.