जयपुर. देशभर में कोरोना का कहर है और कोरोना काल में दूध की डिमांड घटने से जिला दुग्ध संघों ने किसानों से दूध की खरीद के दाम और दूध दोनों घटा दिए हैं, लेकिन उपभोक्ताओं को कोई राहत नहीं दी है. उपभोक्ताओं को सरस दूध उसी दाम में मिल रहा है, जबकि डेयरियां प्रोसेसिंग के बाद भी 4 से 6 रुपए का मुनाफा कमा रही है. दरअसल राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन से संबंधित 21 जिला दूध संघ में से जयपुर, अजमेर और भीलवाड़ा समेत कई जिलों में से किसानों से प्रति लीटर के भाव 4 से 6 रुपए तक कम कर दिए हैं और दूध की मात्रा भी घटा दी है.
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इससे किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया. वहीं दूसरी ओर डेयरी उपभोक्ताओं को 1 लीटर दूध पुराने भाव में दे रही है. इसमें डेयरियों ने कोई कमी नहीं की, जबकि इन सभी जिला संघों में दूध की आवक 40 लाख से घटकर 26 लाख लीटर तक रह गई है. इस बीच घी के भाव भी तीन बार बढ़ाए जा चुके हैं. अफसरों का कहना है कि किसानों से खरीदे गए दूध में करीब 5 रुपए तक खर्च हो रहा है, जिसके चलते यह दाम नहीं घटा रहे हैं.
ऐसे तय होते हैं दूध के दाम
डेयरी से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक डेयरी संघ किसानों को फेट के अनुसार 36 से 42 रुपए तक दूध खरीद भाव देती है. दूध समिति का कमीशन एक रुपए 15 पैसे , दूध समिति का सीलिंग चार्ज 30 पैसा, परिवहन खर्च 1 रुपए, प्रोसेसिंग खर्च 90 पैसा, डिस्ट्रीब्यूटर का कमीशन 1 रुपए 15 पैसे से 1 रुपए 30 पैसे तक दे रहे हैं. लगभग 5 से साढ़े 5 रुपए तक खर्च होते हैं. सीधे तौर पर 1 लीटर दूध डेयरी को 4 से 5 रुपए तक का मुनाफा हो रहा है, लेकिन संकट के समय में दूध लेने से भी डेयरिया आनाकानी करती हैं.