जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेशवासियों से अपील कि है कि वे मल्टी स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के प्रलोभन में नहीं आएं. कड़ी मेहनत से अर्जित राशि को निवेश करने से पहले सोसायटियों के साख की अच्छी तरह जांच कर सतर्कता से ही निवेश (CM appeals public to be aware while investing) करें.
सीएम गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक की . उन्होंने विभागीय अधिकारियों को मल्टी स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के घोटालों और प्राप्त शिकायतों की विस्तृत रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में मल्टी स्टेट सोसायटियों के साथ बैकिंग सिस्टम को मजबूत कराने के संबंध में भी लिखा जाए. विभागीय अधिकारी राज्य में कार्यरत क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के लेखों का नियमित निरीक्षण सुनिश्चित करें.
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मल्टी स्टेट सोसायटियों के विरुद्ध 90 हजार शिकायतें: गहलोत ने कहा कि मल्टी स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों ने अनुचित तरीके से राजस्थान के लाखों लोगों की जिंदगी भर की गाढ़ी कमाई को नुकसान पहुंचाया है. ऐसी सोसायटियों के संबंध में राज्य सरकार को 94164 शिकायतें प्राप्त हुई हैं. इनमें से संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के घोटाले को लेकर लगभग 31000 और आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के खिलाफ 41000 से अधिक शिकायतें है, जिनमें लोगों ने करोड़ों रूपए निवेश किए थे. प्रधानमंत्री अपने क्षेत्राधिकार वाली मल्टी स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव के घोटालों और अनियमितताओं से भविष्य में आमजन के बचाव के लिए सोसायटियों पर तुरंत रोक लगाएं.
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विजिलेंस कमेटी द्वारा किए गए निरीक्षण: सीएम गहलोत की जानकारी में लाया गया कि मल्टी स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों की ओर से घोटालों और अनियमितताओं की पुनरावृत्ति की रोकथाम के लिए रजिस्ट्रार सहकारी समितियां, राजस्थान की अध्यक्षता में गठित विजिलेंस कमेटी के निर्देशन में उक्त सोसायटियों का निरीक्षण करवाया जा रहा है. प्रदेश में 50 ऐसी सोसायटियां हैं, जिनमें से 12 समितियां अवसायनाधीन हैं. शेष 38 का विजिलेंस ऑथोरिटी के निर्देशन में निरीक्षण हो रहा है तथा अभी तक 27 सोसायटियों की रिपोर्ट आवश्यक कार्रवाइ के लिए केंद्रीय रजिस्ट्रार नई दिल्ली को भेजी जा चुकी है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी प्रकार की सोसायटियों के कार्यों में पूर्ण पारदर्शिता लाई जाए.
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जीएसएस की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के लिए करें प्रयास: गहलोत ने कहा कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों (जीएसएस) की आर्थिक स्थिति में सुधार लाया जाए. खाद-बीज वितरण, भंडारण जैसे कार्यों के अतिरिक्त प्रोसेसिंग एग्रीकल्चर यूनिट लगाई जाए. फॉर्मर प्रोडक्शन ऑर्गेनाइजेशन (एफपीओ नीति) के तहत जीएसएस को और मजबूती प्रदान करना सुनिश्चित करें. बैठक में प्रमुख शासन सचिव सहकारिता श्रेया गुहा ने बताया कि अल्पकालीन फसली ऋण वितरण (2021-22) में 18500 करोड़ का लक्ष्य रखा गया है. इसमें से 31 मार्च, 2022 तक 18101 करोड़ रुपए (98 प्रतिशत) वितरित किए जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2020 से अब तक 220 से अधिक कस्टम हायरिंग केन्द्र स्थापित किए जा चुके हैं.