जयपुर. ऑपरेशन क्लीन स्वीप के तहत जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की स्पेशल टीम ने गुरुवार को मादक पदार्थों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 9 क्विंटल 15 किलोग्राम गांजा बरामद किया है. साथ ही अंतरराज्यीय स्तर के 2 तस्कर को गिरफ्तार कर 5 अन्य अंतरराज्यीय स्तर के कुख्यात सरगनाओं को भी हिरासत में लिया है. स्पेशल टीम पिछले 3 महीने से अंडरकवर रहते हुए बेहतर समन्वय के साथ विशेष टास्क को अंजाम दिया और गांजे से भरे मिनी ट्रक को जब्त किया.
एडिशनल पुलिस कमिश्नर, क्राइम अशोक कुमार गुप्ता ने बताया कि जयपुर शहर और राज्य के अन्य जिलों में दूसरे राज्य बंगाल, उड़ीसा से भारी मात्रा में मादक पदार्थ की सप्लाई की जा रही है. जिससे सूचना को डेवलप किया गया तो नागौर के तुलसीराम, ओमप्रकाश और सुभाष मीणा का नाम सामने आया, जो जयपुर शहर और पश्चिम राजस्थान में बड़े स्तर पर ड्रग सप्लाई करते हैं. पांचों आरोपी आला दर्जे के तस्कर हैं और मणिपुर, उड़ीसा, बंगाल से गांजा मंगवाकर सप्लाई करते थे.
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गुप्ता ने बताया कि टीम को 22 जनवरी को बड़े स्तर पर मादक पदार्थ गांजा की खेप नागौर आने की सूचना मिली. जिस पर पूरी टीम ने निगरानी रखकर बिहार के 2 अंतर्राज्यीय तस्कर चंदन कुमार और मुन्नु कुमार को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से मिनी ट्रक में भरे 9 क्विंटल 15 किलोग्राम मादक पदार्थ गांजा बरामद करने में सफलता प्राप्त की. उन्होंने बताया कि इसकी कीमत बाजार में करीब 35 लाख रुपए आंकी गई है. वहीं, बाद में टीम ने मुख्य सरगना भोला प्रसाद, विजय शंकर, किशन अली को भी हिरासत में लिया.
मुख्य सरगना भोला प्रसाद है उड़ीसा का कुख्यात सरगना
पुलिस की कार्रवाई में सामने आया कि अंतर्राज्यीय तस्कर भोला प्रसाद गुप्ता उर्फ भोला भैया जो बक्सर बिहार का रहने वाला है. जो कि उड़ीसा में रहकर मादक पदार्थ गांजे की जंगली एरिया से आदिवासियों से सस्ती रेट में गांजा की पैकिंग करवा कर गांजे को इकट्ठा कर बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश में गांजे की बड़ी स्तर पर तस्करी करता है. उन्होंने बताया कि अब तक इन राज्यों में सरगना लगभग 10 टन गांजा सप्लाई कर चुका है.
पुलिस को चकमा देने के लिए ट्रक में गांजे के ऊपर रखा था चावल का बुरादा
तस्करों ने पुलिस से बचने के लिए ट्रक में चावल का बुरादा भर रखा था, जिसके कारण से बॉर्डर पर नहीं पकड़े जा सके और पुलिस को चकमा दे दिया. वहीं, गाड़ी की पहचान छिपाने के लिए अलग-अलग स्टेट की नंबर प्लेट पास रखते थे, जिनको जरूरत पड़ने पर ट्रक पर लगाया जा सके.