जयपुर. राजस्थान यूथ कांग्रेस के चुनाव होने जा रहे हैं. जिसका मतदान 22 और 23 फरवरी को होगा. इसके लिए सभी प्रत्याशियों ने अपना जोर लगा रखा है, लेकिन राजस्थान यूथ कांग्रेस चुनाव के लिए अपनाई जाने वाली चुनाव प्रक्रिया ने सभी प्रत्याशियों के सामने मुसीबत खड़ी कर दी है.
बता दें कि पहले यूथ कांग्रेस के चुनाव टैब के माध्यम से करवाए जाने थे. जिसमें प्रत्याशियों को चुनाव सेंटर पर जाकर अपना आईडी कार्ड दिखाकर मतदान करना था, लेकिन अब यूथ कांग्रेस ने यह तय किया है कि चुनाव एप के माध्यम से होंगे. अगर चुनाव ऐप के माध्यम से होते हैं तो ऐसे में वोटर अपने मोबाइल से ही यह मतदान कर सकता है. लेकिन मुसीबत यह है कि इसके लिए वोटर के उसी मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा जिस मोबाइल से उसने सदस्यता ग्रहण की थी.
पिछले 2 सालों से चल रही है सदस्यता
बता दें कि सदस्यता पिछले 2 सालों से चल रही है तो ऐसे में बड़ी संख्या में सदस्यों के पास वह मोबाइल नंबर नहीं है जो उसने रजिस्ट्रेशन के समय दिया था. ऐसे में यूथ कांग्रेस के निवर्तमान अध्यक्ष अशोक चांदना ने भी इस पर चिंता जताते हुए इंडियन यूथ कांग्रेस को एक पत्र लिखकर चुनाव बैलेट के माध्यम से करवाने का आग्रह किया है.
चांदना नहीं लड़ रहे चुनाव
चांदना हालांकि इन चुनाव में किसी पद के लिए चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, लेकिन उन्होंने चिंता जताई है कि अगर मोबाइल एप के माध्यम से चुनाव करवाया जाता है तो ऐसे में राजस्थान में गांव ढाणियों में बैठा वोटर मतदान करने से महरूम रह सकता है, क्योंकि कई इलाके ऐसे हैं जहां मोबाइल नेटवर्क की समस्या है. ऐसे में मतदान नहीं हो सकेगा और यूथ कांग्रेस के चुनाव पारदर्शिता पर भी सवाल उठ सकते हैं.
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हालांकि हकीकत यह भी है कि अगर एप के माध्यम से चुनाव करवाया जाता है तो ऐसे में जो प्रभावशाली नेता होंगे वह वोटिंग को प्रभावित भी कर सकते हैं. इसके पीछे कारण यह है कि अगर किसी सदस्य को प्रभावशाली नेता अपने मोबाइल से वोट करने को कहेगा तो उसे मजबूरी में करना पड़ेगा क्योंकि एक मोबाइल से कितने भी वोट डाले जा सकते हैं, केवल उसे ओटीपी नंबर ही डालना होगा जो उसके मोबाइल पर आएगा. मोबाइल पर ओटीपी आने के बाद वह किसी भी मोबाइल से उस ओटीपी के माध्यम से मतदान कर सकता है.
बता दें कि अभी तक यूथ कांग्रेस ने मोबाइल ऐप के जरिए ही चुनाव करवाने का निर्णय ले रखा है, लेकिन जिस तरीके से ज्यादातर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों ने इस प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं. उसके बाद इस प्रक्रिया में बदलाव हो सकता है और चुनाव बैलेट से तो नहीं लेकिन टैब के माध्यम से करवाए जा सकते हैं. जिसमें वोटर मतदान केंद्र पर जाकर मतदान करेगा क्योंकि अगर बैलेट पेपर से चुनाव करवाए जाते हैं तो यह प्रक्रिया लंबी हो जाएगी और ऐसे में चुनाव को आगे खिसकाना पड़ेगा.
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बता दें कि साले मोहम्मद के भाई अमरदीप फकीर एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष और विधायक मुकेश भाकर और सुमित भवासरा में त्रिकोणीय मुकाबला है. युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशियों ने अपनी पूरी जान झोंक रखी है और इन चुनाव में धनबल और बाहुबल का भी जमकर इस्तेमाल हो रहा है.
जमकर हो रहा प्रचार-प्रसार
पोस्टर बैनर्स के साथ प्रत्याशी लग्जरी गाड़ियों के काफिलों के साथ प्रदेश के सभी जिलों में घूम-घूम कर प्रचार कर रहे हैं. जानकारों की मानें तो सत्ता और संगठन से जुड़े नेताओं में कुछ ऐसे हैं जिन्हें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट की हरी झंडी का भी इंतजार है. अभी तक दोनों नेताओं ने इन पदों को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं. इन नेताओं के ग्रीनसिगनल के बाद ही इनके समर्थक चुनाव में उतरेंगे.