जयपुर. देश भर में कोरोना वायरस महामारी का रूप ले चुका है. इसी के साथ कोरोना संकट के चलते रेलवे अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं होने पर आज भी अभ्यर्थी इंतजार में बैठे हैं. सालों की पढ़ाई के बाद नौकरी का सपना लेकर अभ्यर्थियों ने रेलवे में नौकरी की परीक्षा पास की थी. लेकिन कोरोना संकट के चलते इन अभ्यर्थियों की नौकरी पर लंबा ब्रेक लग गया है. अभ्यर्थी सभी पैनलों के परीक्षण से गुजर कर नियुक्ति पत्र तक पहुंचे थे. लेकिन रेलवे ने कोरोना संकट के चलते नियुक्ति पत्र पर रोक लगा दी है. जिसके कारण अब अभ्यर्थी मानसिक और आर्थिक तनाव से परेशान हो रहे हैं.
देश के विभिन्न रेलवे भर्ती बोर्ड की ओर से असिस्टेंट लोको पायलट और टेक्नीशियन के पद पर 68,371 नियुक्तियां निकाली गई थी. पूरे देश में करीब 37 लाख विद्यार्थियों ने परीक्षा दिया था. लोको पायलट और टेक्नीशियन के तीन-तीन चरणों की परीक्षा पूरा करने के बाद मेडिकल परीक्षा पास की है. रेलवे की भर्ती प्रक्रिया के चलते करीब ढाई साल बीत गए हैं. नतीजा सिर्फ इंतजार मिल रहा है. रेलवे में नौकरी का सपना संजोए शिक्षित बेरोजगार आज भी रेलवे कार्यालय के चक्कर लगाकर नियुक्ति पत्र की जानकारी मांग रहे हैं. लेकिन रेलवे कार्यालय से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने से अभ्यर्थी मायूस होकर लौट जाते हैं.
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रेलवे भर्ती बोर्ड की ओर से प्रथम चरण परीक्षा अगस्त 2018 में, द्वितीय चरण परीक्षा जनवरी 2019 में और तृतीय चरण परीक्षा मई 2019 में सफलता पूर्वक आयोजित करवाई गई थी. जिसके बाद चिकित्सा परीक्षण और दस्तावेज परीक्षण जुलाई 2019 में पूरा हो गया था. मेडिकल, वेरिफिकेशन और पैनल लिस्टों के आने के बाद करीब 10 महीने बीत जाने के बाद भी अभ्यर्थी आज तक बेरोजगार बनकर घरों में बैठे हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि लॉकडाउन का बहाना बताकर नियुक्ति पत्र आगे टाला जा रहा है. रेलवे परीक्षार्थियों ने केंद्र सरकार और रेल मंत्री से अपील करते हुए कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया में आ रही समस्याओं को दूर करके जल्द से जल्द नियुक्ति पत्र दिया जाए. जिससे अभ्यर्थियों की आर्थिक और मानसिक समस्यां दूर हो सके.