जयपुर. एसीबी मुख्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान एसीबी डीजी बीएल सोनी ने बताया कि एसीबी हेल्पलाइन पर जो भी शिकायतें प्राप्त होती हैं, उसको खुद डीजी और एडीजी सुनते हैं. शिकायतों का सत्यापन करवा कर उनपर सख्त कार्रवाई भी की जाती है. बुधवार को अलवर में तीन लाख रुपए की रिश्वत राशि लेते हुए सीओ सपात खान और चालक असलम खान को भी एसीबी हेल्पलाइन पर प्राप्त हुई शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया गया. परिवादी ने एसीबी की अलवर विंग को शिकायत करने की बजाए एसीबी मुख्यालय में हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत की और शिकायत का सत्यापन करवाया गया.
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एसीबी डीजी बीएल सोनी ने बताया कि एसीबी हेल्प लाइन पर अलवर ग्रामीण सीओ सपात खान के खिलाफ मिली शिकायत का सत्यापन कराने के बाद एसीबी मुख्यालय से स्पेशल इन्वेस्टिगेशन विंग को अलवर भेजा गया. जिस पर टीम ने कार्रवाई करते हुए सीओ और उसके चालक को रिश्वत राशि लेते हुए गिरफ्तार कर लिया. वहीं इस पूरे प्रकरण में सीओ के दफ्तर और आवास पर सर्च की कार्रवाई को भी अंजाम दिया जा रहा है. एसीबी ने प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
एसीबी का काम मजबूत एविडेंस पेश करना
डीजी बीएल सोनी से आईएएस व आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर अभियोजन स्वीकृति के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभियोजन स्वीकृति देना या ना देना संबंधित अधिकारी का काम है. एसीबी का काम है पूरी मजबूती के साथ रिश्वतखोर अधिकारी के खिलाफ एविडेंस पेश करना और उस मायने में राजस्थान एसीबी पूरी तरह से खरा उतरती है. हाल ही में रिश्वत राशि लेते हुए गिरफ्तार किए गए तत्कालीन बारां कलेक्टर के खिलाफ एसीबी ने पूरी मजबूती के साथ एविडेंस पेश किए, जिसके चलते रिश्वतखोर आईएएस को कोर्ट से राहत नहीं मिल पा रही है.
वहीं रिश्वतखोरों के खिलाफ प्रदेश में एसीबी की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है. वर्ष 2020 में ट्रैप की कुल 253 कार्रवाइयों को अंजाम दिया गया. जिसमें 64 प्रकरण राजपत्रित अधिकारी, 186 प्रकरण अराजपत्रित कर्मचारी और 3 प्रकरण प्राइवेट व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज किए गए. वहीं कार्रवाई को अंजाम देते हुए कुल 351 व्यक्तियों को एसीबी ने गिरफ्तार किया.