जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार ट्रांसजेंडर समुदाय को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयास कर रही है. राज्य सरकार ने पहले प्रदेश के ट्रांसजेंडर्स के लिए अलग से पहचान पत्र बनाने का फैसला लिया. जिसके बाद अब नगरीय विकास विभाग ने सरकारी योजनाओं में भूखंड आवंटन में ट्रांसजेंडर्स के लिए 2 फीसदी भूखंड आरक्षित करने के निर्देश जारी किए हैं.
प्रदेश सरकार ने राज्य के ट्रांसजेंडर्स के लिए बड़ा फैसला लिया है. नगरीय विकास विभाग ने आदेश जारी कर सरकारी योजनाओं में भूखंड आवंटन में ट्रांसजेंडर्स के लिए 2 फीसदी भूखंड आरक्षित करने का प्रावधान तय किया है. 12 लाख रुपए तक की सालाना आय वाले ट्रांसजेंडर्स इसका लाभ ले सकेंगे. नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल की स्वीकृति के बाद विभाग ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है. इसके तहत किसी भी नगरीय योजना में अलॉटमेंट और उसकी लॉटरी में 2 फीसदी भूखंड ट्रांसजेंडर्स के लिए आरक्षित रखे जाएंगे.
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ये आदेश सभी विकास प्राधिकरण और यूआईटी पर लागू होंगे. इंप्रूवमेंट ट्रस्ट शहरी भूमि निस्तारण और निष्पादन अधिनियम 2020 के तहत संशोधन करके ये आदेश जारी किए गए हैं. इससे पहले ट्रांसजेंडर समुदाय की समस्याओं का निराकरण, नीति निर्धारण, नई योजनाओं के निर्माण और संचालन के लिए राजकीय विभागों को समुचित परामर्श प्रदान करने के लिए, राजस्थान ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड का भी गठन किया गया था. जिसकी समय-समय पर उच्च स्तरीय बैठक भी होती रही है.