भीलवाड़. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के तीसरे कार्यकाल के दूसरे वर्ष के बजट से भीलवाड़ा के लोगों को काफी उम्मीदें हैं. कोई महंगाई से राहत चाहता है तो कोई बेरोजगारी से. इसी कड़ी में ईटीवी भारत की टीम प्रदेश में पेश होने वाले बजट को लेकर होटल व्यवसाई सुनील पारीक के पास पहुंची. जहां होटल व्यवसाई ने कहा कि हमें प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा पेश करने वाले बजट से काफी उम्मीद है. क्योंकि कोरोना के समय होटल व्यवसाय व पर्यटन में काफी नुकसान हुआ है. गहलोत सरकार इस बजट में टैक्स में छूट देती है तो निश्चित रूप से कोरोना के समय जो हमारे होटल व्यवसाय में नुकसान हुआ है उसकी पूर्ति हो सकती है. साथ ही प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र व धार्मिक स्थल को भी डेबलप करना चाहिए.
वहीं, मेवाड़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष अनिल मानसिंहगा ने कहा कि प्रदेश में पेश होने वाले बजट को लेकर हमें सबसे पहली अपेक्षा प्रदेश में बिजली की दरें ज्यादा हैं, उसको कम करना चाहिए. आसपास के अन्य राज्यों की तुलना में यहां बिजली में अतिरिक्त चार्ज ज्यादा है, इसकी रेट कम की जाए. अगर सरकार रेट कम नहीं करती है तो यहां से उद्योग पलायन कर जाएंगे. वहीं, सोलर एनर्जी पर पुराने नियम ही लागू हो.आमजन की सुविधा के लिए पेट्रोल-डीजल पर भी टैक्स कम करना चाहिए.
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भीलवाड़ा टेक्सटाइल ट्रेड फेडरेशन के महासचिव प्रेम स्वरूप गर्ग ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से जो बजट पेश की जा रही है, उसको लेकर वस्त्र नगरी में अनेकों अनेक अपेक्षाएं हैं. सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता बिजली की दरों में कमी लाना है, जिससे हाल ही में बिजली की दरें बढ़ाई गई हैं जिससे उद्योग पर काफी प्रभाव पड़ा है. वहीं, सोलर के क्षेत्र में अन्यत्र चार्ज लगाए हैं, उसको हटाए जाएं, साथ ही उद्योग भूमि आवंटन के दौरान जो नियमों में कठिनाई है उनमें शीतलता लानी चाहिए और उद्योग विभाग को भी अधिकार ज्यादा देना चाहिए.
वहीं, युवा प्रशांत मेवाड़ा ने कहा कि राज्य सरकार को राज्य सरकार के बजट को लेकर युवाओं को बहुत अपेक्षा है. गहलोत सरकार जब सत्ता में आई तब युवाओं को रोजगार व बिजली के बिल माफ करने का वादा किया है, वह अब तक अमल में नहीं लाया. अब हमारे को अपेक्षा है कि इन दोनों पर गंभीरता से ध्यान देने के साथ ही युवाओं को रोजगार के लिए प्रदेश में रोजगार अधिक सृजन करने के लिए काम करना चाहिए. वहीं, प्रदेश में जो स्टेट टोल है उस पर टोल टैक्स माफ होना चाहिए.
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भाजपा के राजनेता ने कहा कि प्रदेश में गहलोत सरकार नया बजट पेश करने जा रही है, जिसको लेकर हमें बहुत आशा है. हाल ही में केंद्र सरकार ने जो बजट पेश किया, उसमें हमें आशंका थी कि कोविड-19 के कारण टैक्स बढ़ाया जाएगा, लेकिन उन्होंने कुछ भी टैक्स नहीं लगाया. अब राजस्थान की सरकार भी कोरोना के नाम पर टैक्स में बढ़ोतरी नहीं करें, क्योंकि कोरोना के कारण वैसे ही लोग त्रस्त हैं. प्रदेश में पेट्रोल-डीजल पर गुजरात की तुलना में यहां टैक्स ज्यादा है. इसलिए यहां टैक्स को कम करते हुए ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराने के लिए रोजगार सृजन करना चाहिए.
पशुपालक जीवराज गुर्जर ने कहा कि प्रदेश में गहलोत सरकार बजट पेश कर रही है, इस बार किसान व पशुपालक का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि पशुपालन को दूध का कम पैसा मिल रहा है. जहां पशु को चारा व पशु आहार खिलाने से हमारे को ज्यादा आमदनी नहीं हो रही है. ऐसे में हमें मुख्यमंत्री से उम्मीद है कि दूध की रेट बढ़ाई जानी चाहिए, जिससे हमारे को भी अच्छा मेहनताना मिल सके. अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वस्त्र नगरी के वासियों की उम्मीदों के अनुसार बजट पेश करते हैं या नहीं, जिससे आमजन को राहत मिल सके.