भरतपुर. ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज और जिला प्रभारी मंत्री रमेश मीणा की जन सुनवाई (minister ramesh meena public hearing) सोमवार को कामां में आयोजित हुई. जन सुनवाई के दौरान एक व्यक्ति दूर से दंडवत करता हुआ अपनी समस्या लेकर जनसुनवाई में पहुंचा. इस दौरान पुलिसकर्मियों ने उसे दंडवत कर जाते हुए रोकने का प्रयास किया. लेकिन वह अपनी जिद पर अड़ा रहा और मंत्री तक दंडवत करते हुए पहुंचा. सामाजिक कार्यकर्ता विजय मिश्रा ने प्रभारी मंत्री रमेश मीणा से चंबल का पानी उपलब्ध नहीं होने और पेयजल की समस्या को लेकर अपनी मांग रखी. जिसके बाद मंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा कर 10 दिन में समस्या का समाधान कराने का आश्वासन दिया.
8 दिन में एक दिन पानी आता है: दंडवत करते हुए पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ता विजय मिश्रा ने मंत्री रमेश मीणा को बताया कि कामां क्षेत्र की जनता पेयजल समस्या से जूझ रही है. उन्होंने कहा कि लोगों को लंबे समय से चंबल का पानी मिलने का इंतजार है. हालात यह है कि घरों में 8 दिन में 1 दिन पीने का पानी सप्लाई हो रहा है. इस पर मंत्री ने जिला कलेक्टर एवं संबंधित विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर पेयजल समस्या का 10 दिन में समाधान करने का आश्वासन दिया.
पुलिस ने रोकने का प्रयास किया: सामाजिक कार्यकर्ता विजय मिश्रा जब जनसुनवाई स्थल पर जमीन में लेट कर दंडवत करते हुए आने लगा तो पुलिस ने उसे रोक लिया. पुलिस अधिकारियों ने विजय मिश्रा से कहा कि आप सामान्य तरीके से चलकर अपनी समस्या लेकर मंत्री जी तक पहुंचे. लेकिन विजय मिश्रा भी अपनी बात पर अड़ गया और वह दंडवत करते हुए ही मंत्री तक अपनी समस्या लेकर पहुंचा. जब विजय मिश्रा अपनी समस्या लेकर मंत्री के पास पहुंचा,तो मंत्री मीणा ने उन्हें टोका. उन्होंने कहा कि आप इस तरह से जनसुनवाई में क्यों आए हैं. हमें तो जनता ने ही चुनकर भेजा है. हम कोई भगवान नहीं है. जो हमारे सामने दंडवत करते हुए यहां तक आए हैं.