भरतपुर. जिले में गुरुवार को मुख्य सचेतक महेश जोशी पहुंचे और जिले के विकास कार्यों को लेकर अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, राज्य मंत्री भजनलाल जाटव सहित कई विधायक भी थे, लेकिन जैसे ही बैठक में पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह पहुंचे तो तीनों मंत्री अपनी कुर्सियों से खड़े हो गए और उनको बैठने के लिए कुर्सी दी.
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इसी दौरान मुख्य सचेतक महेश जोशी ने मीडियाकर्मियों को बाहर भेज दिया. इस पर विधायक विश्वेंद्र सिंह ने नाराजगी जताई और कहा कि बैठक से मीडिया को भगाना गलत है. दरअसल, विश्वेंद्र सिंह सचिन पायलट गुट में जाने के बाद पर्यटन मंत्री से हटा दिए गए थे. इसके अलावा वह कांग्रेस में रहने के बाद भी अपनी पार्टी के खिलाफ बोलने में कभी पीछे नहीं रहे और अपने बेबाक बयानों के लिए वह हमेशा जाने जाते हैं.
'बैठक करने से कुछ नहीं होता है'
विधायक विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि बैठक करने से कुछ नहीं होता है बल्कि काम करने से शहर का विकास होता है. उन्होंने कहा कि काम करने से ही आमजन की समस्याओं का समाधान होता है. बैठकों में अधिकारी सिर्फ डाटा बताते हैं, लेकिन काम नहीं होता है. उन्होंने कहा कि बिजली, पानी, नगर पालिका और यूआईटी के अधिकारियों को ध्यान देकर काम करवाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि आज जिले की हर विधानसभा की हालत खराब पड़ी हुई है.
मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि बैठक में जो बजट पास किया गया है उसको विकास कार्यों में लगाया जाए. उन्होंने कहा कि बैठक में सर्वसम्मति से तय किया गया है कि ट्रस्ट में उपलब्ध राशि में से 1-1 करोड़ रुपए की राशि विधानसभा कामां, नगर, बयाना और वैर क्षेत्र के लिए और 50-50 लाख रुपए की राशि भरतपुर, डीग और नदबई विधासभा क्षेत्र के लिए आवंटित की जाएगी.
महेश जोशी ने कहा कि विधायकों की ओर से भिजवाए गए 5 लाख रुपए से अधिक लागत प्रकरण स्टेट कमेटी को भेजने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि सभी विधानसभा क्षेत्रों के स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में पेयजल कनेक्शन करवाने, जल जीवन मिशन में 10 फीसदी सहयोग राशि भी मिनरल फाउंडेशन से उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव पास किया गया है.