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अलवर के केंद्रीय कारागार में बंदी बनाएंगे मसाले

अलवर के केंद्रीय कारागार में बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जेल प्रशासन की तरफ से नए प्रयास किए जा रहे हैं. उसी के तहत बंदी अब मसाले और झाड़ू-पोछा बनाएंगे. साथ ही इन सामान को बाजार में भी बेचा जाएगा. वहीं आम लोग भी कारागार में बने हुए सामान खरीद सकते हैं.

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बंदी बनाएंगे मसाले
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Published : Jan 28, 2020, 7:26 PM IST

अलवर. शहर के केंद्रीय कारागार में बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने और उनका हृदय परिवर्तन करने के लिए जेल प्रशासन की तरफ से नए प्रयास किए जा रहे हैं. बंधु को कई तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है. साथ ही बंदियों को विभिन्न काम में लगाया जा रहा है. जिससे वो हमेशा व्यस्त रह सके और अन्य फालतू के विवादों से दूर रहे.

बंदी बनाएंगे मसाले और झाड़ू-पोछा

बता दें कि इसके तहत जेल में जल्द ही मसाले और झाड़ू-पोछा बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. यह सभी प्रोडक्ट बाजार में भी उपलब्ध रहेंगे. साथ ही एक सप्ताह इन सभी प्रोडक्ट को बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. शुरुआत में इन सभी प्रोडक्टों को जेल के अंदर काम में लिया जाएगा. वहीं उसके बाद बाजार में इनको उतारा जाएगा.

पढ़ेंः विधानसभा चुनाव दिल्ली में और राहुल गांधी की रैली जयपुर में, इतना चातुर्य कहां से लाए : पूनिया

जेल अधीक्षक राजेंद्र सिंह ने कहा की जेल में हर महा लाखों रुपए के मसाले और साफ-सफाई के अन्य सामान आते है, इसलिए जेल प्रशासन की तरफ से सभी सामान जेल में ही बनाने का फैसला लिया गया है. इस प्रक्रिया के तहत जेल में बंद बंदियों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है. साथ ही उनको विभिन्न कामों की अलग-अलग ट्रेनिंग दी जा रही है. तो वहीं जेल में बने हुए प्रोडक्टों को बाजार में उतारने के लिए भी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है.

जेल में बने हुए प्रोडक्ट बाजार में मिलने वाले अन्य सामान की तुलना में गुणवत्ता में बेहतर होंगे और उनकी कीमत भी अन्य सामानों की तुलना में कम होगी. उन्होंने कहा कि इससे जेल प्रशासन को आय होगी. जेल प्रशासन की तरफ से बंदियों को काम के पैसे दिए जाते हैं, ऐसे में अभी तक जेल में बंधुओं द्वारा किए जाने वाले काम से किसी भी तरह की कोई आए नहीं होती थी. वहीं इन कामों से जेल प्रशासन को फायदा होगा और बंदी बेहतर काम सीख सकेंगे.

अलवर. शहर के केंद्रीय कारागार में बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने और उनका हृदय परिवर्तन करने के लिए जेल प्रशासन की तरफ से नए प्रयास किए जा रहे हैं. बंधु को कई तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है. साथ ही बंदियों को विभिन्न काम में लगाया जा रहा है. जिससे वो हमेशा व्यस्त रह सके और अन्य फालतू के विवादों से दूर रहे.

बंदी बनाएंगे मसाले और झाड़ू-पोछा

बता दें कि इसके तहत जेल में जल्द ही मसाले और झाड़ू-पोछा बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. यह सभी प्रोडक्ट बाजार में भी उपलब्ध रहेंगे. साथ ही एक सप्ताह इन सभी प्रोडक्ट को बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. शुरुआत में इन सभी प्रोडक्टों को जेल के अंदर काम में लिया जाएगा. वहीं उसके बाद बाजार में इनको उतारा जाएगा.

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जेल अधीक्षक राजेंद्र सिंह ने कहा की जेल में हर महा लाखों रुपए के मसाले और साफ-सफाई के अन्य सामान आते है, इसलिए जेल प्रशासन की तरफ से सभी सामान जेल में ही बनाने का फैसला लिया गया है. इस प्रक्रिया के तहत जेल में बंद बंदियों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है. साथ ही उनको विभिन्न कामों की अलग-अलग ट्रेनिंग दी जा रही है. तो वहीं जेल में बने हुए प्रोडक्टों को बाजार में उतारने के लिए भी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है.

जेल में बने हुए प्रोडक्ट बाजार में मिलने वाले अन्य सामान की तुलना में गुणवत्ता में बेहतर होंगे और उनकी कीमत भी अन्य सामानों की तुलना में कम होगी. उन्होंने कहा कि इससे जेल प्रशासन को आय होगी. जेल प्रशासन की तरफ से बंदियों को काम के पैसे दिए जाते हैं, ऐसे में अभी तक जेल में बंधुओं द्वारा किए जाने वाले काम से किसी भी तरह की कोई आए नहीं होती थी. वहीं इन कामों से जेल प्रशासन को फायदा होगा और बंदी बेहतर काम सीख सकेंगे.

Intro:अलवर
अलवर के केंद्रीय कारागार में बंदी मसाले व झाड़ू पोछा बनाएंगे। इन सामान को बाजार में भी बेचा जाएगा। आम लोग भी कारागार में बने हुए सामान खरीद सकते हैं।


Body:अलवर के केंद्रीय कारागार में बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने व उनका हृदय परिवर्तन करने के लिए जेल प्रशासन की तरफ से नए प्रयास किए जा रहे हैं। बंधु को कई तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है। बंदियों को विभिन्न काम में लगाया जा रहा है। जिससे वो हमेशा व्यस्त रह सके व अन्य फालतू के विवादों से दूर रहे। इसी के तहत जेल में जल्द ही मसाले व झाड़ू पोछा बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह सभी प्रोडक्ट बाजार में भी उपलब्ध रहेंगे। एक सप्ताह इन सभी प्रोडक्ट को बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। शुरुआत में इन सभी प्रोडक्टों को जेल के अंदर काम में लिया जाएगा। उसके बाद बाजार में इनको उतारा जाएगा।


Conclusion:जेल अधीक्षक राजेंद्र सिंह ने कहा की जेल में हर महा लाखों रुपए के मसाले व साफ-सफाई के अन्य सामान इसलिए जेल प्रशासन की तरफ से सभी सामान जेल में ही बनाने का फैसला लिया गया है। इस प्रक्रिया के तहत जेल में बंद बंदियों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। उनको विभिन्न कामों की अलग-अलग ट्रेनिंग दी जा रही है। तो वही जेल में बने हुए प्रोडक्टों को बाजार में भी उतारा जाएगा। उसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। जेल में बने हुए प्रोडक्ट बाजार में मिलने वाले अन्य सामान की तुलना में गुणवत्ता में बेहतर होंगे व उनकी कीमत भी अन्य सामानों की तुलना में कम होगी। उन्होंने कहा कि इससे जेल प्रशासन को आय होगी। जेल प्रशासन की तरफ से बंदियों को काम के पैसे दिए जाते हैं ऐसे में अभी तक जेल में बंधुओं द्वारा किए जाने वाले काम से किसी भी तरह की कोई आए नहीं होती थी। इन कामों से जेल प्रशासन को फायदा होगा व बंदी बेहतर काम सीख सकेंगे।


बाइट- राजेन्द्र सिंह, जेल अधीक्षक, अलवर कारागृह
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