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अजमेर : जेल में मोबाइल के उपयोग पर अंकुश लगाने के लिए SOG के डीआईजी ने लिया जायजा - अजमेर जेल में मोबाइल का उपयोग

जेल में खुलेआम मोबाइल के प्रयोग पर अब राजस्थान पुलिस न सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है. इसी के तहत एसओजी के डीआईजी शरद कविराज मंगलवार को अजमेर पहुंचे है. यहां उन्होंने सेंट्रल जेल और हाई सिक्योरिटी जेल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया है.

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जेल में मोबाइल के उपयोग पर अंकुश लगाने के लिए एसओजी के डीआईजी ने लिया जायजा
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Published : Nov 24, 2020, 3:34 PM IST

अजमेर. राजस्थान के जेलों में खुलेआम मोबाइल का प्रयोग कर अपराध का नेटवर्क संचालित करने की खबरें अब आम हो चुकी है. इन खबरों को रोकने के लिए अब राजस्थान पुलिस की ओर से सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया गया है. इसी के तहत एसओजी के डीआईजी शरद कविराज मंगलवार को अजमेर पहुंचे, जहां उन्होंने सेंट्रल जेल और हाई सिक्योरिटी जेल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया.

जेल में मोबाइल के उपयोग पर अंकुश लगाने के लिए एसओजी के डीआईजी ने लिया जायजा

साथ ही यहां लगे जैमर के संबंध में भी जानकारी ली गई. उन्होंने बताया कि उनके साथ डीओआईटी के अधिकारियों की सहायता से तकनीकी का सहारा लेकर जैमर की फ्रीक्वेंसी को भी बढ़ाया जाएगा, जिससे कि 4 जी और 5 जी में भी काम नहीं कर सके. जेल को और सुरक्षित बनाने के लिए भी इस दौरान चर्चा की गई. बता दें कि 2 दिन पहले ही भरतपुर जेल के कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के पास अत्याधुनिक एंड्राइड मोबाइल भी बरामद किया गया था.

यह भी पढ़ें- 'लव जिहाद' पर CM गहलोत के साथ विवाद के बाद केन्द्रीय मंत्री शेखावत बोले-सरकारों को सोचने की जरूरत

हालांकि यह मोबाइल जेल में जाने से पहले ही जेल प्रहरीयों की सतर्कता से पकड़ा गया था. इस संबंध में मुकदमा भी दर्ज करवा दिया गया है. डीआईजी शरत कविराज ने भी कहा कि लॉरेंस पर मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि कैदी को नया एंड्राइड मोबाइल किसने दिया, इसकी जांच की जा रही है. अगर विभाग के व्यक्ति का नाम सामने आता है, तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही प्राइवेट व्यक्ति द्वारा इसमें सहयोग किया गया, तो उसे भी बख्शा नहीं जाएगा.

अजमेर. राजस्थान के जेलों में खुलेआम मोबाइल का प्रयोग कर अपराध का नेटवर्क संचालित करने की खबरें अब आम हो चुकी है. इन खबरों को रोकने के लिए अब राजस्थान पुलिस की ओर से सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया गया है. इसी के तहत एसओजी के डीआईजी शरद कविराज मंगलवार को अजमेर पहुंचे, जहां उन्होंने सेंट्रल जेल और हाई सिक्योरिटी जेल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया.

जेल में मोबाइल के उपयोग पर अंकुश लगाने के लिए एसओजी के डीआईजी ने लिया जायजा

साथ ही यहां लगे जैमर के संबंध में भी जानकारी ली गई. उन्होंने बताया कि उनके साथ डीओआईटी के अधिकारियों की सहायता से तकनीकी का सहारा लेकर जैमर की फ्रीक्वेंसी को भी बढ़ाया जाएगा, जिससे कि 4 जी और 5 जी में भी काम नहीं कर सके. जेल को और सुरक्षित बनाने के लिए भी इस दौरान चर्चा की गई. बता दें कि 2 दिन पहले ही भरतपुर जेल के कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के पास अत्याधुनिक एंड्राइड मोबाइल भी बरामद किया गया था.

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हालांकि यह मोबाइल जेल में जाने से पहले ही जेल प्रहरीयों की सतर्कता से पकड़ा गया था. इस संबंध में मुकदमा भी दर्ज करवा दिया गया है. डीआईजी शरत कविराज ने भी कहा कि लॉरेंस पर मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि कैदी को नया एंड्राइड मोबाइल किसने दिया, इसकी जांच की जा रही है. अगर विभाग के व्यक्ति का नाम सामने आता है, तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही प्राइवेट व्यक्ति द्वारा इसमें सहयोग किया गया, तो उसे भी बख्शा नहीं जाएगा.

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