अजमेर. कोरोना के बाद ब्लैक फंगस को झेल रहे रोगियों को अजमेर में राहत दी जा रही है. जहां संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में चिकित्सकों की टीम इन रोगियों का ऑपरेशन करके इन्हें खतरे से बाहर कर रही है. अब तक 11 मरीजों के ऑपरेशन सफलतापूर्वक किए जा सके हैं.
जेएलएन अस्पताल के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर और ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे डॉ. अनिल सामरिया से हुई खास बातचीत में उन्होंने बताया कि कोरोना के बाद लापरवाही बरतने के कारण म्यूकर माइकोसिस या ब्लैक फंगस की बीमारी होती है. यह बीमारी नाक के जरिए, साइनस, आंख और ब्रेन तक पहुंचती है, इससे जान तक जाने का खतरा बना रहता है.
इस बीमारी के मरीजों के लिए जेएलएन अस्पताल में पर्याप्त बंदोबस्त कर दिए गए हैं. मेडिसिन विभाग, ईएनटी विभाग के डॉ. दिग्विजय, डॉ. योगेश आसेरी, डॉ. विक्रांत शर्मा, डॉ. प्रज्ञा राजपुरोहित, नेत्र रोग विभाग, न्यूरो सर्जरी विभाग, प्लास्टिक सर्जरी विभाग, एनस्थीसिया विभाग के चिकित्सकों की टीम इनका सफल ऑपरेशन कर रही है. उन्होंने बताया कि अब तक 23 मरीज भर्ती किए गए, उनमें से 11 का ऑपरेशन किया जा चुका है, उनकी स्थिति अब खतरे से बाहर है.
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डॉ. सामरिया ने कहा है कि कोरोना के रोगियों या इससे उबर चुके मरीजों में ही यह बीमारी हो रही है. ऐसे में अपने खान पान का विशेष ध्यान रखें, जिससे कि इम्यूनिटी बनी रहे और शुगर भी नहीं बढ़े. उन्होंने कहा कि शुगर बढ़ने से भी इस बीमारी के होने के ज्यादा चांस बढ़ जाते हैं. कोरोना में और इसके बाद मरीजों को प्राणायाम नियमित रूप से करना चाहिए और गंदा मास्क भी प्रयोग नहीं करना चाहिए.