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Nasir Junaid Murder Case : एनकाउंटर के डर से याचिका पर मोनू मानेसर के वकील का इनकार, जानिए पूरा सच

बहुत चर्चित नासिर-जुनैद हत्याकांड मोनू मानेसर को राजस्थान पुलिस की ओर उसका एनकाउंटर किए जाने का डर है. अपनी सुरक्षा को लेकर मोनू मानेसर ने कामां न्यायालय में याचिका दायर की है. याचिका में कथित तौर पर कोर्ट की मंजूरी के बिना अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट करने की मंशा पर भी सवाल खड़ा करने की बात भी लिखी गई है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 28, 2023, 2:36 PM IST

भरतपुर. बहुत चर्चित नासिर-जुनैद हत्याकांड के आरोपी मोनू मानेसर को राजस्थान पुलिस द्वारा एनकाउंटर किए जाने का डर सताने लगा है. उसकी जान की सुरक्षा को लेकर कामां न्यायालय में याचिका दायर करने की बात से अधिवक्ता ने साफ इनकार कर दिया है. अधिवक्ता ने साफ कहा है कि इस संबंध में कामां न्यायालय में मोनू मानेसर की तरफ से कोई याचिका दायर नहीं की गई है. वायरल हो रही एक खबर में बताया गया है कि याचिका में आरोपी मोनू मानेसर ने सेवर जेल से अजमेर जेल शिफ्ट किए जाने पर भी आपत्ति जताई थी. लेकिन हकीकत में ऐसा कुछ नहीं है. अब यह खबर वायरल हो रही है.

कोई याचिका दायर नहीं की : इस संबंध में जब मोनू मानेसर के वकील त्रिलोकीनाथ गुप्ता से पूछा तो उन्होंने इस तरह की कोई याचिका कामां न्यायालय में दायर करने से साफ इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि हमें पता नहीं कि किस मीडिया में क्या खबर प्रकाशित हुई है. लेकिन हमारी तरफ से इस तरह की कोई याचिका दायर नहीं की गई. गौर है कि आरोपी मोनू मानेसर को हरियाणा पुलिस ने 11 सितंबर को नूंह से गिरफ्तार किया था. 12 सितंबर को राजस्थान पुलिस उसे लेकर कामां लेकर आई थी. उसके बाद आरोपी को न्यायालय ने 15 दिन के लिए जेल भेज दिया. आरोपी मोनू मानेसर को सेवर के केंद्रीय कारागृह में रखा गया था. लेकिन सुरक्षा कारणों के चलते उसे 22 सितंबर को अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट कर दिया गया था.

पढ़ें Junaid Nasir Murder Case : नासिर-जुनैद के परिजनों की मांग, मोनू मानेसर व अन्य आरोपियों को दी जाए फांसी

यह था घटनाक्रम : 13 फरवरी रात को भरतपुर के मेवात क्षेत्र के नासिर, जुनैद को पकड़ने के लिए आरोपियों ने अलवर -नूंह के बॉर्डर पर नाकाबंदी की थी. लेकिन उस रात गाड़ियों का आवाजाही नहीं हुई और गौरक्षक कुछ नहीं कर पाए. उसके बाद 14 फरवरी की रात और 15 फरवरी की सुबह हरियाणा की दो टीमों के साथ नूंह की एक टीम भी जुड़ गई. इन तीन टीमों ने एकजूट होकर नासिर और जुनैद का अपहरण किया. गौतस्करी के शक में मारपीट भी की. गौतस्करी की गाड़ियों के बारे में पूछताछ भी की. उस दौरान ये लोग नासिर और जुनैद के साथ लाठी, सरिया से मार पीटाई की. उसके बाद सभी आरोपी, नासिर, जुनैद को हरियाणा पुलिस के पास लेकर पहुंचे. लेकिन नासिर, जुनैद को गंभीर हालत को देखते हुए हरियाणा पुलिस ने कार्रवाई करने से इनकार कर दिया. जब हरियाणा पुलिस ने कार्रवाई करने से इनकार किया तो ये लोग नासिर और जुनैद को भिवानी के पास लेकर पहुंचे. आरोप है कि वहां नासिर की गला दबाकर हत्या की गई. जबकि जुनैद की पहले ही फिरोजपुर झिरका में मारपीट के दौरान मौत हो चुकी थी. उसके बाद दोनों शवों को गाड़ी में रखा और पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दिया. उस हत्याकांड मामले में पुलिस मोनू मानेसर समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है.

पढ़ें Nasir Junaid Murder Case: मोनू मानेसर की गिरफ्तारी पर बोली नासिर की पत्नी, गुनहगारों के साथ भी हो वैसा ही सलूक

भरतपुर. बहुत चर्चित नासिर-जुनैद हत्याकांड के आरोपी मोनू मानेसर को राजस्थान पुलिस द्वारा एनकाउंटर किए जाने का डर सताने लगा है. उसकी जान की सुरक्षा को लेकर कामां न्यायालय में याचिका दायर करने की बात से अधिवक्ता ने साफ इनकार कर दिया है. अधिवक्ता ने साफ कहा है कि इस संबंध में कामां न्यायालय में मोनू मानेसर की तरफ से कोई याचिका दायर नहीं की गई है. वायरल हो रही एक खबर में बताया गया है कि याचिका में आरोपी मोनू मानेसर ने सेवर जेल से अजमेर जेल शिफ्ट किए जाने पर भी आपत्ति जताई थी. लेकिन हकीकत में ऐसा कुछ नहीं है. अब यह खबर वायरल हो रही है.

कोई याचिका दायर नहीं की : इस संबंध में जब मोनू मानेसर के वकील त्रिलोकीनाथ गुप्ता से पूछा तो उन्होंने इस तरह की कोई याचिका कामां न्यायालय में दायर करने से साफ इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि हमें पता नहीं कि किस मीडिया में क्या खबर प्रकाशित हुई है. लेकिन हमारी तरफ से इस तरह की कोई याचिका दायर नहीं की गई. गौर है कि आरोपी मोनू मानेसर को हरियाणा पुलिस ने 11 सितंबर को नूंह से गिरफ्तार किया था. 12 सितंबर को राजस्थान पुलिस उसे लेकर कामां लेकर आई थी. उसके बाद आरोपी को न्यायालय ने 15 दिन के लिए जेल भेज दिया. आरोपी मोनू मानेसर को सेवर के केंद्रीय कारागृह में रखा गया था. लेकिन सुरक्षा कारणों के चलते उसे 22 सितंबर को अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट कर दिया गया था.

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यह था घटनाक्रम : 13 फरवरी रात को भरतपुर के मेवात क्षेत्र के नासिर, जुनैद को पकड़ने के लिए आरोपियों ने अलवर -नूंह के बॉर्डर पर नाकाबंदी की थी. लेकिन उस रात गाड़ियों का आवाजाही नहीं हुई और गौरक्षक कुछ नहीं कर पाए. उसके बाद 14 फरवरी की रात और 15 फरवरी की सुबह हरियाणा की दो टीमों के साथ नूंह की एक टीम भी जुड़ गई. इन तीन टीमों ने एकजूट होकर नासिर और जुनैद का अपहरण किया. गौतस्करी के शक में मारपीट भी की. गौतस्करी की गाड़ियों के बारे में पूछताछ भी की. उस दौरान ये लोग नासिर और जुनैद के साथ लाठी, सरिया से मार पीटाई की. उसके बाद सभी आरोपी, नासिर, जुनैद को हरियाणा पुलिस के पास लेकर पहुंचे. लेकिन नासिर, जुनैद को गंभीर हालत को देखते हुए हरियाणा पुलिस ने कार्रवाई करने से इनकार कर दिया. जब हरियाणा पुलिस ने कार्रवाई करने से इनकार किया तो ये लोग नासिर और जुनैद को भिवानी के पास लेकर पहुंचे. आरोप है कि वहां नासिर की गला दबाकर हत्या की गई. जबकि जुनैद की पहले ही फिरोजपुर झिरका में मारपीट के दौरान मौत हो चुकी थी. उसके बाद दोनों शवों को गाड़ी में रखा और पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दिया. उस हत्याकांड मामले में पुलिस मोनू मानेसर समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है.

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